अयोध्या: रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण की प्रगति के साथ परिसर के बाहर की विकास योजनाओं की क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक आज शुरू होगी. इस बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पूर्व सलाहकार और मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र अयोध्या दौरे पर शुक्रवार देर शाम पहुंच गये थी. उन्होंने हनुमानगढ़ी में माथा टेका और रामलला के दरबार में भी हाजिरी लगाई थी.
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Uttar Pradesh | Two-day meeting of the Ram Mandir construction committee to begin in Ayodhya today, 28th January. Decisions are likely to be taken on the form of the permanent idol of Ram Lalla and the material used for it.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 28, 2023
इस मौके पर सर्किट हाउस में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उनसे शिष्टाचार भेंट की. बताते दें कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कार्यकारिणी बोर्ड की बैठक मणिराम छावनी में बीते चार जनवरी को हुई थी. वहीं अगले दिन पांच जनवरी को मंदिर निर्माण समिति की भी बैठक हुई थी. सामान्यतः बोर्ड की बैठक प्रत्येक तीसरे माहीने पर समिति की बैठक हर माह होती है, लेकिन इस बार एक महीने में ही मंदिर निर्माण समिति की दोबारा बैठक होने जा रही है. इसके पीछे राम मंदिर में प्रतिष्ठित होने वाले रामलला के विग्रह के माडल पर मंथन प्रमुख कारण है.
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की बैठक के बाद ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने ऐलान किया था कि रामलला के विग्रह के नौ-नौ इंच व 12-12 इंच के फाइबर व मिट्टी माडल बनाकर लाए जाएं. इन माडलों में भगवान के भाव भंगिमा व मुख मुद्रा का अवलोकन करने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा. इसके अलावा रामलला के विग्रह के माडल के लिए ग्रे व आसमानी रंग के पत्थरों का भी परीक्षण किया जाना है. इन पत्थरों के सैंपल भी महाराष्ट्र व तेलंगाना से मंगवाए गये हैं. इन दोनों विषयों पर मंथन के बाद फाइनल निष्कर्ष निकाला जाएगा.
महाराष्ट्र के पुणे के विशेषज्ञ मूर्तिकार वासुदेव कामथ और डॉ. देंगलूकर के अलावा हैदराबाद के मन्नय्या वाडीगेर एवं भुवनेश्वर के पद्मश्री सुदर्शन साहू के निर्देशन में कई मूर्तिकारों की ओर से भगवान के स्वरूपों में माडल बनाकर यहां भेजे जा चुके है. तीर्थ क्षेत्र की बैठक में मूर्तिकला विशेषज्ञों को दस दिवस का समय दिया गया था. तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा के लिए रूटीन बैठक होनी है, जिसके लिए समिति चेयरमैन यहां पहुंच गये हैं.
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