अयोध्या: कचहरी सीरियल ब्लास्ट हादसे को आज भी याद करने पर अयोध्या वासियों का दिल दहल जाता है. इस आतंकवादी हमले में एटीएस ने चार लोगों को अभियुक्त बनाया था, जिन पर वाराणसी, लखनऊ, बाराबंकी और फैजाबाद के कचहरी में योजनाबद्ध तरीके से बम ब्लास्ट किए जाने का आरोप था.
एटीएस की आगे की जांच में ये पता लगा कि वली उल्लाह नाम का एक आतंकवादी ने कचहरी में हमले और देश में इस्लामी राज कायम करने के लिए यह योजना बनाई थी. सबसे ज्यादा नुकसान अगर हुआ तो फैजाबाद कचहरी को हुआ मृतकों में एक वरिष्ठ अधिवक्ता राधिका प्रसाद त्रिपाठी और स्टांप अंडर ओम प्रकाश पांडेय शामिल थे.
प्रशासन किसी भी चीज के लिए तैयार नहीं था और होता भी कैसे किसी को कहां पता था कि 23 नवंबर की तारीख उन्हें एसा जख़्म देगी जो अयोध्या के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे. हादसे के बाद कचहरी परिसर के बरामदा नंबर 4 को अब शहीद स्मारक का रूप दे दिया गया है. हर वर्ष 23 नवंबर के दिन ब्लास्ट में मृतक राधिका प्रसाद त्रिपाठी को शहीद के रूप में याद किया जाता है. उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित कि जाती है. इस पूरे मामले पर कोर्ट का निर्णय दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक आ सकता है, जिसका अयोध्या वासीयों को बेसब्री से इंतजार हैं.