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अयोध्या: कचहरी में दिल दहला देने वाला धमाका, मनाई गई 13वीं बरसी

23 नवंबर 2007 का दिन जब दोपहर कचहरी में सब आम दिनों की तरह काम काज चल रहा था. अयोध्या में दो स्थानों पर एक के बाद एक बम घमाके हुए. हादसे में लगभग 36 लोग घायल हुए और दो लोगों की मौत हो गई थी.

अयोध्या:कचहरी में दिल दहला देने वाला धमाका, 13वीं बरसी बनाई गई
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Published : Nov 23, 2019, 11:35 PM IST

अयोध्या: कचहरी सीरियल ब्लास्ट हादसे को आज भी याद करने पर अयोध्या वासियों का दिल दहल जाता है. इस आतंकवादी हमले में एटीएस ने चार लोगों को अभियुक्त बनाया था, जिन पर वाराणसी, लखनऊ, बाराबंकी और फैजाबाद के कचहरी में योजनाबद्ध तरीके से बम ब्लास्ट किए जाने का आरोप था.

एटीएस की आगे की जांच में ये पता लगा कि वली उल्लाह नाम का एक आतंकवादी ने कचहरी में हमले और देश में इस्लामी राज कायम करने के लिए यह योजना बनाई थी. सबसे ज्यादा नुकसान अगर हुआ तो फैजाबाद कचहरी को हुआ मृतकों में एक वरिष्ठ अधिवक्ता राधिका प्रसाद त्रिपाठी और स्टांप अंडर ओम प्रकाश पांडेय शामिल थे.

जानकारी देते अधिवक्ता.
वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघम के मुताबिक धमाका इतना तेज था कि साइकिल का हैंडल करीब डेढ़ सौ मीटर दूर जाकर गिरा. इसके बाद कचहरी परिसर में भगदड़ मच गई, लोग बेतहाशा भाग रहे थे. चारों तरफ एक अजीब सा माहौल हो गया था. इस दौरान अधिवक्ताओं ने काफी धैर्य रखा और मौके पर आम लोगों को समझा-बुझा कर शांत भी कराया. लेकिन लोगों में डर बैठ गया था मानो कि ये उनका आखरी दिन हो.

प्रशासन किसी भी चीज के लिए तैयार नहीं था और होता भी कैसे किसी को कहां पता था कि 23 नवंबर की तारीख उन्हें एसा जख़्म देगी जो अयोध्या के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे. हादसे के बाद कचहरी परिसर के बरामदा नंबर 4 को अब शहीद स्मारक का रूप दे दिया गया है. हर वर्ष 23 नवंबर के दिन ब्लास्ट में मृतक राधिका प्रसाद त्रिपाठी को शहीद के रूप में याद किया जाता है. उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित कि जाती है. इस पूरे मामले पर कोर्ट का निर्णय दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक आ सकता है, जिसका अयोध्या वासीयों को बेसब्री से इंतजार हैं.

अयोध्या: कचहरी सीरियल ब्लास्ट हादसे को आज भी याद करने पर अयोध्या वासियों का दिल दहल जाता है. इस आतंकवादी हमले में एटीएस ने चार लोगों को अभियुक्त बनाया था, जिन पर वाराणसी, लखनऊ, बाराबंकी और फैजाबाद के कचहरी में योजनाबद्ध तरीके से बम ब्लास्ट किए जाने का आरोप था.

एटीएस की आगे की जांच में ये पता लगा कि वली उल्लाह नाम का एक आतंकवादी ने कचहरी में हमले और देश में इस्लामी राज कायम करने के लिए यह योजना बनाई थी. सबसे ज्यादा नुकसान अगर हुआ तो फैजाबाद कचहरी को हुआ मृतकों में एक वरिष्ठ अधिवक्ता राधिका प्रसाद त्रिपाठी और स्टांप अंडर ओम प्रकाश पांडेय शामिल थे.

जानकारी देते अधिवक्ता.
वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघम के मुताबिक धमाका इतना तेज था कि साइकिल का हैंडल करीब डेढ़ सौ मीटर दूर जाकर गिरा. इसके बाद कचहरी परिसर में भगदड़ मच गई, लोग बेतहाशा भाग रहे थे. चारों तरफ एक अजीब सा माहौल हो गया था. इस दौरान अधिवक्ताओं ने काफी धैर्य रखा और मौके पर आम लोगों को समझा-बुझा कर शांत भी कराया. लेकिन लोगों में डर बैठ गया था मानो कि ये उनका आखरी दिन हो.

प्रशासन किसी भी चीज के लिए तैयार नहीं था और होता भी कैसे किसी को कहां पता था कि 23 नवंबर की तारीख उन्हें एसा जख़्म देगी जो अयोध्या के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे. हादसे के बाद कचहरी परिसर के बरामदा नंबर 4 को अब शहीद स्मारक का रूप दे दिया गया है. हर वर्ष 23 नवंबर के दिन ब्लास्ट में मृतक राधिका प्रसाद त्रिपाठी को शहीद के रूप में याद किया जाता है. उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित कि जाती है. इस पूरे मामले पर कोर्ट का निर्णय दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक आ सकता है, जिसका अयोध्या वासीयों को बेसब्री से इंतजार हैं.

Intro:अयोध्या: 12 साल पहले जब अयोध्या फैजाबाद जिले के नाम से जाना जाता था. उस वक्त 30 नवंबर 2007 को जो घटना हुई उससे लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. अब यह मुकदमा भले ही मुकाम पर पहुंच चुका हो लेकिन प्रत्यक्षदर्शी अधिवक्ता घटना को याद कर आज भी भयभीत हो जाते हैं. हम बात कर रहे हैं कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट की जब लगातार एक के बाद एक यूपी के शहरों में तीन धमाके हुए थे.


Body:23 नवंबर 2007 यानी आज का दिन जब दोपहर कचहरी में दो स्थानों पर एक के बाद एक बम ब्लास्ट हुआ था इसकी विवेचना एटीएस ने की थी 2008 में मामले में चार लोगों को अभियुक्त बनाया गया जिनके खिलाफ आरोपपत्र अदालत ने भेजा गया. विवेचना जारी रखने की सूचना कोर्ट को दी गई. आरोप पत्र का जिक्र करें तो वाराणसी लखनऊ बाराबंकी और फैजाबाद के कचहरी में योजनाबद्ध तरीके से बम ब्लास्ट किए गए. मामले में पता चला कि आतंकवादियों ने अपने साथी वली उल्लाह पर कचहरी में हमले और देश में इस्लामी राज कायम करने के लिए यह विस्फोट करवाया था.

बम ब्लास्ट में सबसे ज्यादा नुकसान फैजाबाद कचहरी में
इस घटना में सबसे ज्यादा नुकसान अगर हुआ तो फैजाबाद कचहरी में हुआ यहां 36 के करीब लोग घायल हुए और दो की मौत हो गई थी. मृतकों में एक वरिष्ठ अधिवक्ता राधिका प्रसाद त्रिपाठी और स्टांप अंडर ओम प्रकाश पांडेय के साथ एक नागरिक भी शामिल था.

ब्लास्ट के बाद साइकिल का हैंडल डेढ़ सौ मीटर दूर जाकर गिरा
वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघम बताते हैं कि धमाका इतना तेज था कि साइकिल का हैंडल करीब डेढ़ सौ मीटर दूर जाकर गिरा. कचहरी परिसर में भगदड़ मच गई. आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई. हालांकि इस दौरान अधिवक्ताओं ने काफी धैर्य रखा और मौके पर वादियों को समझा-बुझाकर शांत कराया. लेकिन एक के बाद ही कोई दूध धमाकों के बाद लोगों में काफी डर बना था. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को कचहरी परिसर से बाहर निकलवाया और इसके बाद घटना की जांच शुरू की गई.

मामले में दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक आ सकता है कोर्ट का निर्णय
अयोध्या फैजाबाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह की माने तो जिस वक्त ब्लास्ट हुआ अचानक कचहरी परिसर में अफरा-तफरी मच गई. घटना रोंगटे खड़े कर देने वाली थी. उन्होंने बताया कि मामले में शीघ्र निर्णय आने की उम्मीद है दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक कोर्ट इस मामले में फैसला सुना सकता है.





Conclusion:घटना के बाद कचहरी परिसर का बरामदा नंबर 4 अब स्मारक का रूप ले चुका है. इस स्थान को जीरो ग्राउंड का दर्जा देकर शहीद स्थल का रूप दिया गया है अधिवक्ता भी 12 साल पुरानी वारदात को भूलने में लगे हैं. वहीं हर वर्ष 30 नवंबर के दिन ब्लास्ट में मृतक राधिका प्रसाद त्रिपाठी को शहीद के रूप में याद किया जाता है. उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि दी जाती है.

बाइट1- विजय बहादुर सिंह , अध्यक्ष, बार एसोसिएशन अयोध्या
बाइट2- केशवराम वर्मा, अधिवक्ता, अयोध्या

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