अयोध्याः विहिप मुख्यालय कारसेवक पुरम में गोपाष्टमी पर श्रीराम गोशाला समिति के तत्वावधान में गोवंश का पूजन किया गया. इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने गो सेवा और गोरक्षा का संकल्प लिया. श्रीराम गोशाला समिति के अध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चम्पतराय और उपाध्यक्ष सांसद लल्लू सिंह ने गोवंश का वैदिक मंत्रों के साथ पूजन किया. कार्यक्रम वैदिक विद्वान प्राचार्य इंद्र देव मिश्र और आचार्य दुर्गा प्रसाद गौतम के मार्गदर्शन में पूर्ण हुआ.
गाय हमारी धार्मिक -सांस्कृतिक एवं आर्थिक स्वालंबन की अधिष्ठाता
इस अवसर पर गोशाला समिति के अध्यक्ष और श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र सचिव चम्पतराय ने कहा कि गाय हमारी धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्वालंबन की अधिष्ठाता है. इसका संरक्षण और संवर्धन समाज के लिए आवश्यक हैं. हमारे पुराणों के अनुसार गाय को माता यानी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है.
गोमाता के पृष्ठदेश में ब्रह्म, गले में विष्णु और मुख में रुद्र का निवास
गोमाता के पृष्ठदेश में ब्रह्म का वास है. गले में विष्णु का, मुख में रुद्र का और मध्य में समस्त देवताओं, रोमकूपों में महर्षिगण, पूंछ में अनंत नाग, खुरों में समस्त पर्वत, गोमूत्र में गंगादि नदियां, गौमय में लक्ष्मी और नेत्रों में सूर्य-चन्द्र विराजित हैं. यह हर प्रकार से समस्त मानव के लिए कल्याणकारी है. इसकी सुरक्षा समस्त मानव के लिए आवश्यक है.
गोवंश की हत्या है महापाप
गोशाला प्रबंधक पुरुषोत्तम नारायण सिंह ने कहा गोवंश की हत्या महापाप है. साधु, संतों और गौ सेवकों ने हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की है. वर्तमान सरकारों ने इस ओर सख्त कदम बढ़ाकर गो भक्तों की भावनाओं का सम्मान किया है. हम सभी को विश्वास है कि एक दिन सरकार गो हत्यारों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने का कानून भी बना देंगी.
गो संरक्षण कृषि क्षेत्र को मिलेगा अधिक बल
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के अधिनियम में संशोधन करने से गो पालकों में गो सेवा संरक्षण व संवर्धन के प्रति आत्मीयता का भाव और अधिक गतिशील होगा. इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को भी इससे बल मिलेगा.
श्रीराम गोशाला समिति के उपाध्यक्ष सासंद लल्लू सिंह ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने तुष्टिकरण के कारण गो संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया. आज भाजपा शासित राज्यों मे इस विषय को गंभीरता से लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारें अपने कर्तव्य के प्रति संवेदनशील हैं, लेकिन हमें भी इस पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
गोमूत्र और गोमय से निर्मित औषधियों का सेवन करें
यदि हम मानव ईश्वर द्वारा प्रदत्त वरदान गाय के आशीर्वाद से स्वस्थ और सुखी रहना चाहते हैं तो गाय के दूध, घी आदि का ही खाने-पीने तथा हवन-पूजन आदि में प्रयोग करें. डेयरियों आदि स्थानों पर गो-उत्पाद की मांग करें. एलोपैथिक दवाओं की गुलामी छोड़कर गो-चिकित्सा का लाभ लें. निरोग रहने के लिए गोमूत्र और गोमय (गोबर के रस) से बनी औषधियों का सेवन करें.
कम-से-कम एक देशी गाय अवश्य पालें
विहिप केन्द्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने कहा कि गोवंश की रक्षा के लिए जगह होने पर कम-से-कम एक देशी गाय अवश्य पालें. जो गाय नहीं पाल सकते, वे देशी गाय को रोज गोग्रास खिलायें. सम्भव हो वे गोरक्षा के लिए गोशालाओं का निर्माण करें. गोचर-भूमि की रक्षा करें.
ये रहे उपस्थित रहे
पूजन के दौरान अयोध्या विधायक वेद गुप्ता, भाजपा नेता वैश्य विनोद जायसवाल, गो शाला समिति के सह प्रबंधक शरद शर्मा, वीरेन्द्र कुमार, चौरासी कोसी परिक्रमा प्रभारी सुरेन्द्र सिंह, कारसेवक पुरम प्रभारी शिवदास, पशु चिकित्सक डॉ. वीरेन्द्र, कार्यकाल प्रभारी घनश्याम, अमित, सुभाष पांडेय, आदित्य उपाध्याय, इंजीनियर एसएन अग्रवाल, डॉ. कुसुम लता अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।