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Sant Raju Das का बड़ा बयान- धर्म की रक्षा के लिए ले सकते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य की जान - स्वामी प्रसाद मौर्या की जान

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के श्री रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद जारी है. वहीं, अब अयोध्या के प्रमुख संत पुजारी राजू दास (Sant Raju Das) ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए संत अपनी जान दे सकते हैं और स्वामी प्रसाद मौर्या की जान ले भी सकते हैं

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Published : Jan 30, 2023, 6:30 PM IST

अयोध्या के प्रमुख संत पुजारी राजू दास

अयोध्या: समाजवादी पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा श्री रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी को लेकर रोजाना एक नया बयान और नया विवाद खड़ा हो रहा है. इस पूरे प्रकरण को लेकर जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया तो उनके ट्वीट पर भी सोमवार को अयोध्या के प्रमुख संत पुजारी राजू दास ने सवाल खड़ा कर दिया. कहा कि क्या स्वामी प्रसाद मौर्य स्वयं धर्माचार्य है, जो भगवान राम पर अपना अनर्गल बयान देंगे.

राजू दास ने सवाल किया कि क्या डॉ. राम मनोहर लोहिया ने भगवान राम के अस्तित्व को स्वीकार नहीं किया, क्या महात्मा गांधी ने राम को देश से अलग किया, क्या डॉ भीमराव अंबेडकर ने अपने संविधान में भगवान श्री राम के चित्र को स्थान नहीं दिया. फिर स्वामी प्रसाद मौर्य कौन होते हैं, श्री रामचरितमानस और भगवान राम पर सवाल उठाने वाले.

अयोध्या के प्रमुख सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि धर्म ने हमेशा संतो की रक्षा की है. धर्म की रक्षा के लिए हमेशा संत आगे रहे हैं. चाहे उन्हें अपने प्राण ही क्यों न देने पड़े. आवश्यकता पड़ेगी तो हम अपने प्राण दे भी सकते हैं और स्वामी प्रसाद मौर्या के प्राण ले भी सकते हैं. अगर स्वामी प्रसाद मौर्या चुनौती दे रहे हैं तो हम यह चुनौती भी स्वीकार करते हैं. हम स्वामी प्रसाद मौर्या की हत्या भी कर सकते हैं और श्रीरामचरितमानस को जलाने वालों की हत्या करवा भी सकते हैं. धर्म की रक्षा के लिए अगर हमें अपने प्राण देने पड़े तो हम अपने प्राण भी दे सकते हैं.

अलीगढ़ में सोमवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद यादव का पुतला दहन किया. स्वामी प्रसाद मौर्य को जेहादी मानसिकता वाला व्यक्ति बताया, जो रामचरितमानस का विरोधी है. भाजपा अनुसूचित जाति महामंत्री नेता राकेश सहाय ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला फूंकना एक संदेश है, जो धर्म की आड़ में अनुसूचित समाज को गलत दिशा में ले जाने का काम कर रहा है. जब वह बीएसपी में थे तो भाजपा बुरी लगती थी. जब भाजपा में आए तो अन्य दल बुरे लगते थे. अब सपा में चले गए तो जहां जेहादी वाली मानसिकता का प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने सनातन ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर भड़काऊ बयान दिए हैं. इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई है. इसलिए स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध करते हुए पुतला फूंका है.

संभल में स्वामी प्रसाद मौर्य के राम चरित्र मानस पर दिए बयान के बाद सियासत तेज हो गई है. उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को नसीहत देते हुए कहा कि वह राम चरित्र मानस का पाठ करें. उन्हें पता चल जाएगा कि मानवता क्या होती है. स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित्र मानस के प्रतिबंध के सवाल पर उन्होंने कहा कि रामचरितमानस आस्था है, जिस पर प्रतिबंध नहीं लग सकता.

यह भी पढ़ें- Gorakhnath Temple Attack : अहमद मुर्तजा अब्बासी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

अयोध्या के प्रमुख संत पुजारी राजू दास

अयोध्या: समाजवादी पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा श्री रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी को लेकर रोजाना एक नया बयान और नया विवाद खड़ा हो रहा है. इस पूरे प्रकरण को लेकर जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया तो उनके ट्वीट पर भी सोमवार को अयोध्या के प्रमुख संत पुजारी राजू दास ने सवाल खड़ा कर दिया. कहा कि क्या स्वामी प्रसाद मौर्य स्वयं धर्माचार्य है, जो भगवान राम पर अपना अनर्गल बयान देंगे.

राजू दास ने सवाल किया कि क्या डॉ. राम मनोहर लोहिया ने भगवान राम के अस्तित्व को स्वीकार नहीं किया, क्या महात्मा गांधी ने राम को देश से अलग किया, क्या डॉ भीमराव अंबेडकर ने अपने संविधान में भगवान श्री राम के चित्र को स्थान नहीं दिया. फिर स्वामी प्रसाद मौर्य कौन होते हैं, श्री रामचरितमानस और भगवान राम पर सवाल उठाने वाले.

अयोध्या के प्रमुख सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि धर्म ने हमेशा संतो की रक्षा की है. धर्म की रक्षा के लिए हमेशा संत आगे रहे हैं. चाहे उन्हें अपने प्राण ही क्यों न देने पड़े. आवश्यकता पड़ेगी तो हम अपने प्राण दे भी सकते हैं और स्वामी प्रसाद मौर्या के प्राण ले भी सकते हैं. अगर स्वामी प्रसाद मौर्या चुनौती दे रहे हैं तो हम यह चुनौती भी स्वीकार करते हैं. हम स्वामी प्रसाद मौर्या की हत्या भी कर सकते हैं और श्रीरामचरितमानस को जलाने वालों की हत्या करवा भी सकते हैं. धर्म की रक्षा के लिए अगर हमें अपने प्राण देने पड़े तो हम अपने प्राण भी दे सकते हैं.

अलीगढ़ में सोमवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद यादव का पुतला दहन किया. स्वामी प्रसाद मौर्य को जेहादी मानसिकता वाला व्यक्ति बताया, जो रामचरितमानस का विरोधी है. भाजपा अनुसूचित जाति महामंत्री नेता राकेश सहाय ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला फूंकना एक संदेश है, जो धर्म की आड़ में अनुसूचित समाज को गलत दिशा में ले जाने का काम कर रहा है. जब वह बीएसपी में थे तो भाजपा बुरी लगती थी. जब भाजपा में आए तो अन्य दल बुरे लगते थे. अब सपा में चले गए तो जहां जेहादी वाली मानसिकता का प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने सनातन ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर भड़काऊ बयान दिए हैं. इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई है. इसलिए स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध करते हुए पुतला फूंका है.

संभल में स्वामी प्रसाद मौर्य के राम चरित्र मानस पर दिए बयान के बाद सियासत तेज हो गई है. उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को नसीहत देते हुए कहा कि वह राम चरित्र मानस का पाठ करें. उन्हें पता चल जाएगा कि मानवता क्या होती है. स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित्र मानस के प्रतिबंध के सवाल पर उन्होंने कहा कि रामचरितमानस आस्था है, जिस पर प्रतिबंध नहीं लग सकता.

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