अयोध्याः 23 नवंबर 2007 कचहरी बम ब्लास्ट मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. वहीं सज्जाद उर रहमान को सबूतों के अभाव में बाइज्जत बरी किया गया है. अयोध्य्या मंडल कारागार में 12 साल चली सुनवाई के बाद शुक्रवार को फैसला सुनाया गया. अयोध्या मंडल कारागार में विशेष न्यायाधीश एडीजे फर्स्ट अशोक कुमार ने सजा सुनाई है.
सीरियल ब्लास्ट से दहल गया था देश
23 नवंबर 2007 को फैजाबाद, लखनऊ, वाराणसी में सीरियल ब्लास्ट हुआ था. इस घटना से पूरे देश भर में सन्नाटा पसर गया था. इस घटना की जांच एटीएस को सौंपी गई थी. वहीं अयोध्य्या ब्लास्ट में एक अधिवक्ता समेत चार लोगों की मौत हुई थी. जबकि 26 लोग हुए घायल हुए थे. पुलिस ने खालिद मुजाहिद, कश्मीर के सज्जाद उर रहमान, मोहम्मद अख्तर और तारिक काजमी को गिरफ्तार किया गया था.
कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
शुक्रवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी खालिद मुजाहिद, मोहम्मद अख्तर और तारिक काजमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं मामले का एक आरोपी खालिद मुजाहिद की बाराबंकी जेल में हार्ट अटैक से पहले ही मौत हो चुकी है. साथ ही सज्जाद उर रहमान को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है. विशेष कोर्ट ने तारिक आजमी और मोहम्मद अख्तर को धारा 302,120 बी के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई.