अयोध्या : राम नगरी अयोध्या की रहने वाली शेफाली अग्रवाल नाम की महिला ने श्रीरामचरित मानस में इतनी आस्था और श्रद्धा दिखाई कि उन्होंने भगवान राम का नाम लिखते हुए पूरी श्री रामचरितमानस लिख दी है. 920 पेज की इस श्रीरामचरितमानस की खासियत यह है कि इसमें लिखा हुआ हर शब्द राम के नाम से लिखा गया हैं.
दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं की आस्था का केंद्र श्रीरामचरितमानस मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चरित्र को भारतीय जनमानस में स्थापित करती है. उन्हें युग पुरूष और जन नायक के रूप में प्रतिष्ठित करती है.
आमतौर पर हर हिंदू परिवार में श्री रामचरितमानस की प्रति जरूर होती है. इसके पीछे वजह यह है कि इस धार्मिक ग्रंथ से न सिर्फ भगवान श्रीराम की कथा लोग समझ पाते हैं बल्कि इनमें लिखी चौपाइयों को आत्मसात कर लोग एक सदाचारी जीवन जीने की गुर भी सीखते हैं.
इसी जनभाव को ऊपर रखते हुए राम नगरी अयोध्या की शेफाली अग्रवाल ने भगवान राम का नाम लिखते हुए पूरी श्री रामचरितमानस लिख दी है. यह श्रीरामचरित मानस में उनकी आस्था और श्रद्धा का ही परिणाम है कि उन्होंने 920 पेज की इस श्रीरामचरितमानस में लिखे हर शब्द को राम के नाम से लिखा है.
उन्हें इस काम को करने में न सिर्फ डेढ़ वर्ष का समय लगा बल्कि मेहनत भी खूब करनी पड़ी. यह बेहद बारीकी से और थका देने वाला काम था लेकिन कहते हैं कि आस्था और श्रद्धा के आगे सारी आशंकाएं निर्मूल साबित होता है और यही हुआ. शेफाली अग्रवाल की आस्था उन्हें उस मुकाम पर ले गई जहां से उन्होंने इस अनुपम ग्रंथ की रचना कर दी.
राम के नाम से लिखी है एक-एक चौपाई
शेफाली अग्रवाल ने गोस्वामी तुलसीदास की लिखी रामचरितमानस को एक नए अंदाज में लिखा है. इसकी एक-एक चौपाई और इसके एक-एक शब्द की रचना राम नाम से की गई है. पूरी रामचरितमानस में कोई लकीर तक नही खिंची गई है. सिर्फ रामनाम से ही अक्षर और पूर्ण विराम बनाए गए हैं.
शेफाली ने रामायण के प्रसंगों का चित्रण भी राम-राम लिख कर किया है. शेफाली चाहती हैं कि 29 अगस्त को जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अयोध्या आएं तो वह उन्हें रामनाम लिखी रामचरितमानस की एक प्रति भेंट करें. यही नहीं राम नाम से लिखी रामचरितमानस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेंट करना चाहतीं हैं.
शेफाली अग्रवाल बतातीं हैं कि उन्हें बचपन से ही रामलीला देखने का शौक था. शादी के बाद शेफाली जब अपने ससुराल आईं तो भगवान राम के प्रति आस्था देखकर उनके ससुरालवालों ने भी उनका सहयोग किया. उनकी राइटिंग बहुत अच्छी थी. शेफाली ने पहले राम राम छोटे और महीन तरीके से लिखना शुरू किया. फिर उन्होंने राम नाम से रामचरितमानस लिखने का मन बनाया.
शेफाली ने अपने पति पवन अग्रवाल के सहयोग से रामचरित मानस की चौपाइयों को राम नाम के प्रत्येक अक्षरों को बनाते हुए लिखना शुरू किया. नतीजा यह हुआ कि शेफाली ने डेढ़ सालों में 920 पेज की रामचरितमानस की रचना ही कर डाली.
शेफाली ने इसके साथ-साथ हनुमान चालीसा व श्रीमद्भागवत भी राम नाम के सहारे लिखी है. शेफाली ने रामचरितमानस के साथ-साथ रामायण के प्रसंगों पर आधारित पेंटिंग बनाई हैं. ये पेंटिंग भी राम शब्द से बनी है.
इसमें भी न ही कोई लकीर खींची गई और न ही किसी अन्य विधि को इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा उन्होंने सुंदरकांड और श्रीमद्भागवत गीता भी राम नाम शब्द के सहारे लिखा है.