अयोध्या: अयोध्या के सर्किट हाउस परिसर में रविवार देर शाम तक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (shri ram janmabhoomi teerth kshetra trust meeting) के ट्रस्टियों की बैठक हुई. इसमें ट्रस्ट के 10 सदस्य सभागार में मौजूद रहे, जबकि चार सदस्यों ने वर्चुअल रूप से बैठक में हिस्सा लिया. बैठक के दौरान तीन प्रमुख बिंदुओं पर ट्रस्टियों ने अपना अंतिम निर्णय लिया. काफी दिनों से अस्वस्थ रहने के बावजूद ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास व्हीलचेयर के सहारे बैठक में शामिल होने पहुंचे और उन्होंने अपने महत्वपूर्ण विचार बैठक में प्रकट किए.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि परिसर में रामायण कालीन सामाजिक समरसता का वातावरण भी दिखेगा. इस आशय की पूर्ति के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (shri ram janmabhoomi teerth kshetra trust meeting) की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि परिसर में महर्षि बाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त और महर्षि वशिष्ठ के साथ-साथ निषादराज गुह, माता शबरी और जटायु की मूर्ति स्थापित ही नहीं की जाएगी, बल्कि उन्हें सम्मान और पूजन का भी स्थान दिया जाएगा.
बैठक में सर्वसम्मति से ही ट्रस्ट की नियमावली को भी अनुमोदित कर दिया गया. तीन प्रमुख बिंदुओं पर हुई ट्रस्ट की बैठक में श्रीराम मंदिर के निर्माण की लागत का अनुमान भी लगाया गया. गहरी मंत्रणा और विचार-विमर्श के साथ अनुमान लगाया गया कि मंदिर निर्माण पर फिलहाल 18 सौ करोड़ की लागत आएगी. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह धनराशि परिवर्तित भी हो सकती है. उन्होंने बताया कि बैठक में 15 में से 14 सदस्यों ने शिरकत की.
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निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, सदस्य उडुपी पीठाधीश्वर विश्वतीर्थ प्रसन्नाचार्य, डॉ. अनिल मिश्र, महंत दिनेंद्र दास, कामेश्वर चौपाल, पदेन सदस्य डीएम मौजूद रहे. जबकि केशव परासरण, युगपुरुष परमानंद, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र व पदेन सदस्य प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह संजय कुमार ने वर्चुअली शिरकत की.