ETV Bharat / state

अयोध्या में चंपत राय ने बूटा सिंह के निधन पर जताया शोक

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री बूटा सिंह के निधन पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता.

चंपत राय ने बूटा सिंह के निधन पर जताया शोक.
चंपत राय ने बूटा सिंह के निधन पर जताया शोक.
author img

By

Published : Jan 3, 2021, 12:05 PM IST

अयोध्या : पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बूटा सिंह के निधन पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने शोक जताया है. उन्होंने मंदिर आंदोलन के दौरान उनके प्रयासों को याद करते हुए कहा कि प्रभु, बूटा सिंह की आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें. चंपत राय ने हरि ओम के संबोधन के साथ लिखा कि आज बूटा सिंह जी के देहावसान का समाचार सुना, दुख होना स्वाभाविक है. परन्तु आयु थी, प्रत्येक को जाना है, इस रुप में दुख का कोई कारण नहीं. ईश्वर संबंधियों को यह बिछोह सहन करने का सामर्थ्य प्रदान करें. चंपत राय ने कहा कि परिवारीजन, मित्र, संबंधों के कारण दुखी होते हैं. मैं परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि बूटा सिंह जी की आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें.

श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए उनके प्रयत्न स्मरणीय
चंपत राय ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए उनके प्रयत्न स्मरणीय हैं. जब वह गृहमंत्री थे, उन दिनों अयोध्या में शांतिपूर्वक भावी मंदिर का शिलान्यास हो सके, इसके लिए सबके साथ उन्होंने वार्ता की थी. श्रीराम जन्मभूमि का विवाद का आपसी बातचीत से समाधान हो सके, इसके लिए वे सदैव प्रयास करते थे.

अशोक सिंघल और बूटा सिंह के आपस में थे मधुर सम्बन्ध
चंपत राय ने यह भी कहा कि अशोक सिंघल और बूटा सिंह आपस में मिलते रहते थे, उनके बीच मधुर सम्बन्ध थे. बूटा सिंह का स्वभाव मिलनसार था. मैं उनके प्रति श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं. बूटा सिंह ने निधन पर अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास रामायणी ने भी गहरा दुःख जताया है. उन्होंने कहा कि राममंदिर विवाद के समाधान के प्रयास में उनका योगदान सराहनीय रहा.

अयोध्या : पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बूटा सिंह के निधन पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने शोक जताया है. उन्होंने मंदिर आंदोलन के दौरान उनके प्रयासों को याद करते हुए कहा कि प्रभु, बूटा सिंह की आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें. चंपत राय ने हरि ओम के संबोधन के साथ लिखा कि आज बूटा सिंह जी के देहावसान का समाचार सुना, दुख होना स्वाभाविक है. परन्तु आयु थी, प्रत्येक को जाना है, इस रुप में दुख का कोई कारण नहीं. ईश्वर संबंधियों को यह बिछोह सहन करने का सामर्थ्य प्रदान करें. चंपत राय ने कहा कि परिवारीजन, मित्र, संबंधों के कारण दुखी होते हैं. मैं परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि बूटा सिंह जी की आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें.

श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए उनके प्रयत्न स्मरणीय
चंपत राय ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए उनके प्रयत्न स्मरणीय हैं. जब वह गृहमंत्री थे, उन दिनों अयोध्या में शांतिपूर्वक भावी मंदिर का शिलान्यास हो सके, इसके लिए सबके साथ उन्होंने वार्ता की थी. श्रीराम जन्मभूमि का विवाद का आपसी बातचीत से समाधान हो सके, इसके लिए वे सदैव प्रयास करते थे.

अशोक सिंघल और बूटा सिंह के आपस में थे मधुर सम्बन्ध
चंपत राय ने यह भी कहा कि अशोक सिंघल और बूटा सिंह आपस में मिलते रहते थे, उनके बीच मधुर सम्बन्ध थे. बूटा सिंह का स्वभाव मिलनसार था. मैं उनके प्रति श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं. बूटा सिंह ने निधन पर अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास रामायणी ने भी गहरा दुःख जताया है. उन्होंने कहा कि राममंदिर विवाद के समाधान के प्रयास में उनका योगदान सराहनीय रहा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.