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अयोध्या : अब रामलला के दर्शन को मिलेगा दो घंटे ज्यादा का समय

जिले में स्थित रामलला के मंदिर में मौसम को देखते हुए कई बदलाव किए गए हैं. बढ़ती गर्मी के कारण अब भक्तों को रामलला के दर्शनों के लिए दो घंटे ज्यादा का समय मिल सकेगा. वहीं मौसम के बदलते मिजाज के कारण उनके भोग में फल और जूस को भी शामिल किया गया है. माना जाता है कि रामलला यहां बालक के रूप में हैं, इसलिए उनका ध्यान भी बच्चों की तरह ही रखा जाता है.

गर्मी को लेकर किए गए कई बदलाव
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Published : Apr 1, 2019, 8:48 PM IST

अयोध्या : गर्मी का मौसम आते ही जिस प्रकार हम अपने रहन-सहन और खान-पान में बदलाव करते हैं, उसी प्रकार आज श्री रामलला के दर्शन के समय और उनके भोग में भी परिवर्तन किया गया है. रामलला के भोग में मुख्य रूप से फलों का रस और सुपाच्य हल्का भोजन शामिल किया गया है. गर्मी का ध्यान रखते हुए रामलला के भोग की व्यवस्था की गई है.

ईटीवी से विशेष बातचीत के दौरान रामलला मंदिर के पुजारी सत्येंद्र जी ने बताया कि अब भक्तों को श्री राम के दर्शन के लिए 2 घंटे ज्यादा समय मिल सकेगा. अपर जिला मजिस्ट्रेट कानून व्यवस्था में यह आदेश जारी किया है. सुबह 7 बजे से 11 बजे तक प्रथम पाली में और शाम को 2 बजे से 6 बजे तक दूसरी पाली में श्रद्धालु दर्शन करेंगे. समय को ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से यह परिवर्तन किया जाता है. समय में किया गया यह परिवर्तन 1 अप्रैल से लागू किया जाता है.

गर्मी को लेकर किए गए कई बदलाव

वह आगे कहते हैं कि भक्तों से ही भगवान खुश होते हैं, भक्तों के बिना भगवान अधूरे हैं. भक्तों की आस्था को देखते हुए श्री रामलला के दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. वैसे इसके पीछे मुख्य कारण यह भी है कि गर्मी के सीजन में सूरज जल्दी निकलता है और देर से डूबता है. इस कारण भी समय ज्यादा मिल जाता है. रामलला के भोग में परिवर्तन के पीछे भी वैचारिक और पौराणिक मान्यता है कि जैसे हम इंसान अपने भोजन में मौसम के हिसाब से बदलाव करते हैं, वैसे ही ईश्वर को लगाए जाने वाले भोग में भी परिवर्तन किया जाता है.

गर्मी के समय में रामलला के खान-पान का खास ध्यान रखा जाता है. उनको मधुर भोजन देने का प्रयास किया जाता है, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो. भगवान रामलला एक बालक के रूप में हैं. इसलिए जिस प्रकार हम अपने बालक की देखरेख करते हैं उसके खान-पान का ध्यान रखते हैं. उसी प्रकार हम श्री राम का भी ध्यान रखते हैं. गर्मियों में रोज शाम को खीर बनती है और दिन में भोजन के साथ दही जरूर रखी जाती है. साथ ही भगवान को फल-फूल और जूस भी दिया जाता है, जिससे उनको किसी तरह की परेशानी न हो.

अयोध्या : गर्मी का मौसम आते ही जिस प्रकार हम अपने रहन-सहन और खान-पान में बदलाव करते हैं, उसी प्रकार आज श्री रामलला के दर्शन के समय और उनके भोग में भी परिवर्तन किया गया है. रामलला के भोग में मुख्य रूप से फलों का रस और सुपाच्य हल्का भोजन शामिल किया गया है. गर्मी का ध्यान रखते हुए रामलला के भोग की व्यवस्था की गई है.

ईटीवी से विशेष बातचीत के दौरान रामलला मंदिर के पुजारी सत्येंद्र जी ने बताया कि अब भक्तों को श्री राम के दर्शन के लिए 2 घंटे ज्यादा समय मिल सकेगा. अपर जिला मजिस्ट्रेट कानून व्यवस्था में यह आदेश जारी किया है. सुबह 7 बजे से 11 बजे तक प्रथम पाली में और शाम को 2 बजे से 6 बजे तक दूसरी पाली में श्रद्धालु दर्शन करेंगे. समय को ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से यह परिवर्तन किया जाता है. समय में किया गया यह परिवर्तन 1 अप्रैल से लागू किया जाता है.

गर्मी को लेकर किए गए कई बदलाव

वह आगे कहते हैं कि भक्तों से ही भगवान खुश होते हैं, भक्तों के बिना भगवान अधूरे हैं. भक्तों की आस्था को देखते हुए श्री रामलला के दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. वैसे इसके पीछे मुख्य कारण यह भी है कि गर्मी के सीजन में सूरज जल्दी निकलता है और देर से डूबता है. इस कारण भी समय ज्यादा मिल जाता है. रामलला के भोग में परिवर्तन के पीछे भी वैचारिक और पौराणिक मान्यता है कि जैसे हम इंसान अपने भोजन में मौसम के हिसाब से बदलाव करते हैं, वैसे ही ईश्वर को लगाए जाने वाले भोग में भी परिवर्तन किया जाता है.

गर्मी के समय में रामलला के खान-पान का खास ध्यान रखा जाता है. उनको मधुर भोजन देने का प्रयास किया जाता है, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो. भगवान रामलला एक बालक के रूप में हैं. इसलिए जिस प्रकार हम अपने बालक की देखरेख करते हैं उसके खान-पान का ध्यान रखते हैं. उसी प्रकार हम श्री राम का भी ध्यान रखते हैं. गर्मियों में रोज शाम को खीर बनती है और दिन में भोजन के साथ दही जरूर रखी जाती है. साथ ही भगवान को फल-फूल और जूस भी दिया जाता है, जिससे उनको किसी तरह की परेशानी न हो.

Intro:अयोध्या। गर्मी के आते ही जिस प्रकार हम अपने रहन सहन खानपान में बदलाव करते हैं उसी प्रकार आज श्री राम लला के दर्शन की अवधि में परिवर्तन किया गया है और उनके भोग में भी परिवर्तन किया गया है। रामलला के भोग में मुख्य रूप से फलों का रस और सुपाच्य हल्का भोजन शामिल किया गया है। गर्मी का ध्यान रखते हुए राम लल्ला के भोग की व्यवस्था की गई है
ईटीवी से विशेष बातचीत के दौरान रामलला मंदिर के पुजारी सत्येंद्र जी ने कहा कि अब भक्तों को 2 घंटे ज्यादा समय मिल सकेगा श्री राम के दर्शन के लिए। अपर जिला मजिस्ट्रेट कानून व्यवस्था में या आदेश जारी किया है सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक प्रथम पाली में श्रद्धालु दर्शन करेंगे तथा शाम को 2:00 बजे से 6:00 बजे तक द्वितीय पाली में श्रद्धालु दर्शन करेंगे।


Body:ईटीवी से विशेष बातचीत के दौरान रामलला मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास जी ने कहा कि राम भक्तों से ही भगवान खुश होते हैं भक्तों के बिना भगवान अधूरे हैं। भक्तों की आस्था को देखते हुए श्री राम लला के दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है की अब भक्तों को 2 घंटे ज्यादा समय भक्तों को दर्शन करने के लिए दिया जाएगा। इसके पीछे मुख्य कारण यह भी है की गर्मी के सीजन में सूरज जल्दी निकलता है और देर में डूबता है। और इस कारण भी समय ज्यादा मिल जाता है। रामलला के भोग में परिवर्तन के पीछे वैचारिक और पौराणिक मान्यता है कि जैसे हम इंसान अपने भोजन में मौसम के हिसाब से बदलाव करते हैं वैसे ही ईश्वर को लगाए जाने वाले भोग में भी परिवर्तन किया जाता है।
अब दर्शन का समय प्रथम पाली में सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक वा द्वितीय पाली में आज शाम को 2:00 बजे से 6:00 बजे तक रखा गया है अपर जिला मजिस्ट्रेट कानून व्यवस्था नया आदेश जारी किया है।
समय को दृष्टि में रखते हुए सरकार की तरफ से यह परिवर्तन किया जाता है। और इसका समय में परिवर्तन 1 अप्रैल से किया जाता है। गर्मियों में 2:00 बजे से 6:00 बजे तक दर्शन का समय रखा जाता है और ठंडी में 1:00 बजे से 5:00 बजे तक का समय होता है यह ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ठंडी के समय में दिन छोटा होता है और जल्दी अंधेरा होने लगता है इसलिए ठंडी में 1:00 से 5:00 तक का दर्शन का अवधि रखा जाता है उसी प्रकार सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक ठंडी में दर्शन का अवधि होता है। परिवर्तन इसलिए भी होता है क्योंकि गर्मी का समय रहता है इसलिए खानपान का खास ध्यान रखा जाता है। भगवान की खान प्यार में उनको मधुर भोजन देने का प्रयास किया जाता है। को किसी तरह की परेशानी ना हो भगवान राम लीला एक बालक के रूप में हैं जिस प्रकार हम अपने बालक का देखरेख करते हैं खान-पान का ध्यान रखते हैं उसी प्रकार हम श्री राम का भी ध्यान रखते हैं उनके खान-पान का उनके रहन-सहन का। गर्मी में रोज प्राया शाम को खीर बनता है और दिन में भोजन के साथ दही जरूर रखी जाती है। और साथी भगवान को फल फूल और जूस भी दिया जाता है जिससे उनको किसी तरह की परेशानी ना हो। और गर्मी को ध्यान में रखते हुए भोजन में परिवर्तन किया जाता है जिससे रामलला को भोजन में कोई दिक्कत ना हो।



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