अयोध्या: धार्मिक नगरी अयोध्या में सत्यार्थ भारत सेवा मिशन सहित दो अन्य समितियों के संयुक्त तत्वाधान में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें बीजेपी सांसद लल्लू सिंह और अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय सहित राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास वेदांती शामिल हुए. इस कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशिष्ट योगदान देने वाले प्राथमिक विद्यायल से लेकर विश्वविद्यालय स्तर के 21 शिक्षक-शिक्षिकाओं को अंग वस्त्र, अभिनंदन पत्र और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के दौरान सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि, शिक्षक समाज का पथ प्रदर्शक है, समाज के निर्माण में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका है. कोई भी मानदेय शिक्षक के योगदान का मूल्य नहीं हो सकता. शिक्षक के परिश्रम और उसके अवधान का मूल्यांकन उसके सम्मान से ही संभव है.
मुख्य बिंदु-
- शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले 21 शिक्षकों का किया गया विशेष सम्मान.
- बीजेपी सांसद लल्लू सिंह ने शिक्षकों का किया सम्मान.
- सत्यार्थ भारत सेवा मिशन महावीर, श्री वाल्मीकि फाउंडेशन और सरयू सेवा समिति ने आयोजित किया कार्यक्रम.
वहीं महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा कि शिक्षक शिक्षा के माध्यम से न केवल अपने शिष्य को शिक्षित करता है, बल्कि उसके चरित्र निर्माण का शिल्पकार भी होता है. शिक्षक की महत्ता को रेखांकित करते हुए महापौर ने कहा कि, प्रतिस्पर्धा के दौर में भी शिक्षक ही एकलौता ऐसा व्यक्ति है जो यह चाहता है कि उसका शिष्य उससे भी आगे जाए. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राम वल्लभा कुंज के अधिकारी महंत राजकुमार दास वेदांती ने पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए सभी शिक्षकों से उनके बताए हुए पद चिन्हों पर चलने की अपील की. उन्होंने कहा कि, आदिकाल से ही गुरुओं के संदर्भ में अपने देश का बड़ा ही समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है. महर्षि बाल्मीकि से लेकर आचार्य चाणक्य तक सभी ने राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निर्वाहन की है.
इन शिक्षकों का हुआ सम्मान
कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले शिक्षकों में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी, डॉ. विक्रमा प्रसाद मिश्र, प्रो. विक्रमा प्रसाद पांडे, प्रो. लक्ष्मीकांत सिंह, डॉ. गिरजा शंकर श्रीवास्तव, डॉ. कृष्ण कुमार मिश्र, रामचंद्र अग्निहोत्री, सुनील लता, राम सजीवन पांडे, अनवारुल हसन सिद्दीकी, राजेंद्र प्रसाद तिवारी, राम प्रसाद मिश्र, बजरंगी दास, कौशल कुमार मिश्रा, उषा सिंह, कीर्ति कुमारी मिश्रा, दुर्गा त्रिपाठी, शीला मिश्रा, गीता मिश्रा, सुषमा वर्मा और गीता वर्मा का सम्मान किया गया.