अयोध्या: जिले में राम मंदिर निर्माण के साथ अब देश में धार्मिक आजादी के लिए संतों ने संकल्प लिया है, जिसको लेकर सोमवार को विश्व प्रवासी सामाजिक सांस्कृतिक संघ के संत सम्मेलन में शारदा पीठ को पाकिस्तान से आजाद कराने के लिए आंदोलन छेड़ दिया गया है.
जानकीघाट बड़ास्थान में विश्व प्रवासी सामाजिक सांस्कृतिक संघ के दो दिवसीय कार्यक्रम में दौरान भारत में महत्वपूर्व स्थलों को संरक्षित किए जाने की मांग उठाई गई. वहीं दूसरे दिन संत सम्मेलन के दौरान शारदा पीठ और कैलाश मानसरोवर को आजाद कराने की मांग पर संतों ने भी समर्थन किया है.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु अमृतानंद देव ने बताया कि "शारदा पीठ और कैलाश मानसरोवर के मुक्ति आंदोलन का शुभारंभ आज संतों ने किया है. इस पवित्र भूमि से यह उद्घोष किया गया है. शारदा पीठ वैसे भारत सरकार की संसद में दो-दो बार निर्विरोध प्रस्ताव पास किया है कि पाक अधिकृत कश्मीर हमारा आंतरिक हिस्सा है और हम उसको वापस लेकर रहेंगे. यह प्रस्ताव पास किए हुए 25 वर्ष हो गए हैं. दोबारा फिर 2013 में ऐसा प्रस्ताव पास किया गया, लेकिन दुर्भाग्य से अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. आशा करते हैं कि जल्द ही पाक अधिकृत कश्मीर की शारदा पीठ में हम लोग को पूजा अर्चना करने की अनुमति मिलेगी.
तिब्बत, नेपाल सहित अन्य भारत के कई अन्य राज्यों के लोग अयोध्या पहुंचे
इस आयोजन में शामिल होने के लिए अयोध्या संत समाज के साथ तिब्बत, नेपाल सहित भारत के अन्य राज्यों के लोग भी अयोध्या पहुंचे. इस कार्यक्रम में प्रमुख महंत जनमेजय शरण, महंत मैथलीशरण, महंत भरत दास, महंत दिनेन्द्र दास, नागा हरि दास सहित अन्य संत शामिल हुए.