अयोध्या : बुधवार को अयोध्या के प्रसिद्ध सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन की व्यवस्था रुक गई. कोविड प्रोटोकॉल के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर में प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा था, जिसके कारण मंदिर में लड्डू का प्रसाद नहीं चढ़ाया जा रहा था. इसी बात को लेकर मंदिर के गद्दी नशीन महंत और पुजारियोंं ने प्रसाद चढ़ाने की मांग को लेकर दर्शन मार्ग में ताला लगा दिया.
सबसे पहले तो मंदिर में प्रसाद चढ़ाने पर लगे प्रतिबंध से नाराज गद्दी नशीन महंत ने दर्शन मार्ग में ताला लगवा दिया. इसके बाद स्थानीय प्रशासन के मान मनौअल के बाद किसी तरह दर्शन व्यवस्था शुरू हुई तो हनुमानगढ़ी के कुछ संतों ने मंदिर के बाहर प्रसाद बेचने वाले व्यापारियों पर मिलावटी प्रसाद बेचने की बात कहकर उनकी दुकानों में रखा बिक्री के लिए रखा प्रसाद सड़क पर फेंक दिया. इस बात को लेकर व्यापारियों का गुस्सा भड़क गया. व्यापारियों ने बाजार बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके चलते मुख्य बाजार में घंटों हंगामे का माहौल रहा.
क्षेत्राधिकारी पुलिस अयोध्या मौके पर पहुंचे और उन्होंने हनुमानगढ़ी के संतो से बातचीत कर उन्हें मनाया, जिसके बाद फिर से दर्शन का क्रम शुरू हुआ. इसी बीच हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ संत महंत गौरी शंकर दास और उनके साथ मौजूद अन्य संतों ने यह कहकर हंगामा खड़ा कर दिया की मंदिर के नीचे मौजूद दुकानों पर मिलावटी लड्डू बेचा जा रहा है, इसके अलावा लड्डू खराब भी है. इस बात को लेकर उन्होंने जहां जिला प्रशासन से मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.
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भड़के व्यापारियों ने बंद किया बाजार
दुकान से लड्डू बाहर फेंके जाने से नाराज व्यापारी वर्ग ने व्यापार मंडल अध्यक्ष नंद कुमार गुप्ता नंदू और महामंत्री नंदलाल गुप्ता के नेतृत्व में सड़क पर उतर कर नारेबाजी शुरू कर दी. बाजार बंद करा दिया. व्यापारियों का कहना था कि जबरिया उनकी दुकानों में घुसकर लड्डुओं का प्रसाद बाहर फेंक दिया गया, जबकि उनकी दुकानों में रखे लड्डुओं की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं थी. हंगामा बढ़ता देख क्षेत्राधिकारी अयोध्या राजेश कुमार राय मौके पर पहुंचे. उन्होंने साधु संतों और व्यापारियों के बीच सामंजस्य बैठाते हुए मामले को शांत कराया.
डीएम-एसएसपी ने लिया जायजा
हनुमानगढ़ी के संतों और व्यापारियों के बीच विवाद की खबर सुनकर जिलाधिकारी अनुज कुमार झा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडे भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने मंदिर परिसर में साधु-संतों से बातचीत की.वहीं व्यापारियों को भी समझा-बुझाकर मना लिया. कोरोना से संक्रमण के खतरे को देखते हुए मंदिर में प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा था, लेकिन बुधवार को श्रद्धालुओं ने संतों की मौजूदगी में मंदिर परिषद में प्रसाद चढ़ाया.