अयोध्या: केंद्र सरकार ने रामायण क्रूज सेवा के माध्यम से सरयू नदी पर जल्दी ही पर्यटन यात्रा शुरू करने की बात कही है. इसके लिए केंद्रीय जहाजरानी जलमार्ग मंत्रालय ने एक बैठक की. दरअसल, संतों की मांग है कि अयोध्या के सरयू नदी पर क्रूज बोट चलाई जाए.
पर्यटन विकास के लिए बोट चलाए जाने की मांग
अयोध्या में सरयू स्नानघाट रामकी पैड़ी से गुप्तार घाट सरयू जल मार्ग से जोड़ने और पर्यटन के साथ धार्मिक विकास को महत्व देते बोट यात्रा चलाए जाने की मांग की गई है. आचार्य सत्येंद्र दास ने पीएम मोदी और प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से पर्यटन विकास और धार्मिक महत्व की जानकारी देते क्रूज बोट की मांग की. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि सरयू नदी का धार्मिक महत्व है, जहां एक ओर श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने आते हैं. वहीं, सरयू नदी में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं. गुप्तार घाट में भगवान राम के अपने लोक जाने की यात्रा को भी जानना चाहिए. अयोध्या में जहां सरयू नदी का धार्मिक महत्व है. वहीं, गुप्तार घाट का भी धार्मिक महत्व है.
क्रूज बोट को गुप्तार घाट तक चलाए जाने की मांग
भगवान श्रीराम अपनी लीला को पूर्ण करके अपने दोनों भाई भरत और शत्रुघ्न के साथ गुप्त हरी घाट गुप्तार घाट में सरयू नदी के अंदर गुप्त होकर अपने लोक को पधारे थे. ऐसे में अयोध्या के पर्यटन विकास के लिए सरयू घाट, राम की पैड़ी से गुप्त हरी घाट, गुप्तार घाट तक सरयू नदी जल यात्रा को शुरू किया जाना चाहिए. इसके लिए क्रूज बोट को गुप्तार घाट तक चलाए जाने की मांग की गई है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में घोषणा की थी कि अयोध्या विश्व की प्रथम नगरी बनेगी और आज अयोध्या का विकास भी उसी तर्ज पर किया जा रहा है. हमारी केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग है कि जिस तरीके से वाराणसी में क्रूज बोट चलाई जा रही है. उसी तरीके अयोध्या के सरयू नदी पर क्रूज बोट चलाई जाए. नया घाट से लेकर गुप्तार घाट तक यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को जलमार्ग की यात्रा की सुविधा प्रदान होगी.
पंडित कल्किराम, अध्यक्ष, रामादल ट्रस्ट
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