अयोध्या: विवाद के चलते लंबे समय से राम जन्मभूमि परिसर के कुबेर टीले पर स्थित भगवान शशांक शेखर की आराधना नहीं की गई थी. लेकिन आज श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कुबेर टीले पर भगवान का दुग्धाभिषेक संपंन कराया.
बुधवार को करीब डेढ़ घंटे तक यह अनुष्ठान चला. इस आयोजन में सीमित संख्या में लोग शामिल हुए. श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास के साथ अयोध्या के कुछ संतों और वैदिक पंडितों की उपस्थिति में अनुष्ठान संपन्न किया गया. भगवान शशांक शेखर के अभिषेक में काली गाय के दूध का प्रयोग किया गया.
आपको बता दें कि राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले पर हुए इस अनुष्ठान को राम मंदिर निर्माण की शुरुआत से जोड़कर देखा जा रहा था. अयोध्या के कुछ प्रमुख संतों की ओर से कथित रूप से यह खबर आ रही थी कि राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले के पूजन के बाद मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किया जा सकता है. लेकिन ट्रस्ट के सदस्य व निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ट्रस्ट ने अब तक मंदिर निर्माण के लिए किसी तिथि की घोषणा नहीं की है.
कुबेर टीले पर अनुष्ठान संपन्न करने के बाद राम जन्मभूमि परिसर से बाहर निकले महंत कमल नयन दास ने कहा कि लंबे समय से कुबेर टीले पर स्थापित भगवान शशांक शेखर की आराधना नहीं हो पाई थी. आज उनकी आराधना कर कोरोना से विश्व को मुक्ति दिलाने की कामना की गई.
अयोध्या: राम जन्मभूमि में भगवान शशांक शेखर का अभिषेक सम्पन्न
राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले पर 28 वर्षों बाद भगवान शशांक शेखर का अभिषेक किया गया. श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने इस अनुष्ठान को विधिवत संपन्न कराया. उन्होंने कहा कि इस अनुष्ठान के जरिए कोरोना महामारी से मुक्ति और विश्व कल्याण की कामना की गई.
अयोध्या: विवाद के चलते लंबे समय से राम जन्मभूमि परिसर के कुबेर टीले पर स्थित भगवान शशांक शेखर की आराधना नहीं की गई थी. लेकिन आज श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कुबेर टीले पर भगवान का दुग्धाभिषेक संपंन कराया.
बुधवार को करीब डेढ़ घंटे तक यह अनुष्ठान चला. इस आयोजन में सीमित संख्या में लोग शामिल हुए. श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास के साथ अयोध्या के कुछ संतों और वैदिक पंडितों की उपस्थिति में अनुष्ठान संपन्न किया गया. भगवान शशांक शेखर के अभिषेक में काली गाय के दूध का प्रयोग किया गया.
आपको बता दें कि राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले पर हुए इस अनुष्ठान को राम मंदिर निर्माण की शुरुआत से जोड़कर देखा जा रहा था. अयोध्या के कुछ प्रमुख संतों की ओर से कथित रूप से यह खबर आ रही थी कि राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले के पूजन के बाद मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किया जा सकता है. लेकिन ट्रस्ट के सदस्य व निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ट्रस्ट ने अब तक मंदिर निर्माण के लिए किसी तिथि की घोषणा नहीं की है.
कुबेर टीले पर अनुष्ठान संपन्न करने के बाद राम जन्मभूमि परिसर से बाहर निकले महंत कमल नयन दास ने कहा कि लंबे समय से कुबेर टीले पर स्थापित भगवान शशांक शेखर की आराधना नहीं हो पाई थी. आज उनकी आराधना कर कोरोना से विश्व को मुक्ति दिलाने की कामना की गई.