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Holi Festival : रामलला के पुजारी के साथ बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने खेली होली, कही ये बात

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Published : Mar 3, 2023, 2:13 PM IST

भगवान राम की नगरी अयोध्या में धूमधाम (Holi Festival) से रंग खेला गया. इस दौरान हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को रंग लगाया, गले मिले और होली की शुभकामनाएं दीं.

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अयोध्या : भगवान राम की नगरी में धूमधाम से आज होली का आगाज हुआ. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के आवास पर सौहार्द की होली खेली गयी और पूरे देश में अमन और चैन का संदेश दिया गया. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के आवास पर बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी राम मंदिर समर्थक मुस्लिम अनीश खान, बबलू खान, डॉ रामविलास दास वेदांती के शिष्य सत्येंद्र दास वेदांती और बाल संत दिवाकराचार्य मौजूद रहे. हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को रंग लगाया, गले मिले और होली की शुभकामनाएं दीं. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि रामराज्य वाली होली खेली गई है. हिंदू और मुस्लिम ने एक दूसरे को रंग लगाकर उन्हें होली की शुभकामनाएं दी हैं.


रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि 'यह सौहार्द की होली है. हिंदू और मुसलमान सबको मिलकर के होली खेलना चाहिए. रामराज्य के अनुसार आज होली खेली गई है. संतों के साथ बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी थे, बबलू खान मौजूद थे, सभी लोगों ने गले मिलकर अमन की होली खेली है. सारे संसार को मिलकर यह संदेश देते हैं कि सौहार्दपूर्वक होली खेलें. भाईचारे का संदेश देते हुए सभी ने एकजुट होकर कहा कि मनमुटाव किसी भी तरीके का नहीं रहना चाहिए. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास में ने होली का फगुआ गाया.


बाबरी पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि 'अयोध्या धर्म की नगरी है. हिंदू, मुस्लिम, सिख व ईसाई सभी लोग यहां पर बसे हैं. होली और होली मिलन का त्यौहार सभी के लिए है. चाहे वह हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो या इसाई हो. इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या मठ और मंदिरों का शहर है. जहां पर 10 हजार से ज्यादा मंदिर हैं. यहां पर हिंदू और मुस्लिम मंदिरों में सौहार्द की होली खेल रहे हैं. यह एक संदेश है. यह धर्म की नगरी है, जहां पर हिंदू और मुस्लिम एक साथ मिलकर होली खेले. इकबाल अंसारी ने कहा कि लोग धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर टिप्पणी कर रहे हैं. रामायण आदिकाल की है. हिंदुओं का ग्रंथ है. जो महत्वपूर्ण है. इसका विरोध मुसलमान कभी नहीं करते. दुनिया को चलाने के लिए रामायण रामचरितमानस लिखी गई है. इकबाल अंसारी ने कहा कि रामचरितमानस में कोई भी चीज गलत नहीं लिखी है, हम चाहते हैं कि रामायण पर कोई भी टिप्पणी ना करें.

यह भी पढ़ें : Deputy Chief Minister Brajesh Pathak ने कहा, सपा शासन में अस्पताल बन गए थे तबेले

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अयोध्या : भगवान राम की नगरी में धूमधाम से आज होली का आगाज हुआ. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के आवास पर सौहार्द की होली खेली गयी और पूरे देश में अमन और चैन का संदेश दिया गया. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के आवास पर बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी राम मंदिर समर्थक मुस्लिम अनीश खान, बबलू खान, डॉ रामविलास दास वेदांती के शिष्य सत्येंद्र दास वेदांती और बाल संत दिवाकराचार्य मौजूद रहे. हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को रंग लगाया, गले मिले और होली की शुभकामनाएं दीं. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि रामराज्य वाली होली खेली गई है. हिंदू और मुस्लिम ने एक दूसरे को रंग लगाकर उन्हें होली की शुभकामनाएं दी हैं.


रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि 'यह सौहार्द की होली है. हिंदू और मुसलमान सबको मिलकर के होली खेलना चाहिए. रामराज्य के अनुसार आज होली खेली गई है. संतों के साथ बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी थे, बबलू खान मौजूद थे, सभी लोगों ने गले मिलकर अमन की होली खेली है. सारे संसार को मिलकर यह संदेश देते हैं कि सौहार्दपूर्वक होली खेलें. भाईचारे का संदेश देते हुए सभी ने एकजुट होकर कहा कि मनमुटाव किसी भी तरीके का नहीं रहना चाहिए. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास में ने होली का फगुआ गाया.


बाबरी पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि 'अयोध्या धर्म की नगरी है. हिंदू, मुस्लिम, सिख व ईसाई सभी लोग यहां पर बसे हैं. होली और होली मिलन का त्यौहार सभी के लिए है. चाहे वह हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो या इसाई हो. इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या मठ और मंदिरों का शहर है. जहां पर 10 हजार से ज्यादा मंदिर हैं. यहां पर हिंदू और मुस्लिम मंदिरों में सौहार्द की होली खेल रहे हैं. यह एक संदेश है. यह धर्म की नगरी है, जहां पर हिंदू और मुस्लिम एक साथ मिलकर होली खेले. इकबाल अंसारी ने कहा कि लोग धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर टिप्पणी कर रहे हैं. रामायण आदिकाल की है. हिंदुओं का ग्रंथ है. जो महत्वपूर्ण है. इसका विरोध मुसलमान कभी नहीं करते. दुनिया को चलाने के लिए रामायण रामचरितमानस लिखी गई है. इकबाल अंसारी ने कहा कि रामचरितमानस में कोई भी चीज गलत नहीं लिखी है, हम चाहते हैं कि रामायण पर कोई भी टिप्पणी ना करें.

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