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लॉकडाउन: अयोध्या में पहली बार सन्नाटे में हुआ रामलला का जन्म, कनक भवन से देखें भगवान की पहली तस्वीर

यूपी के अयोध्या में लॉकडाउन के कारण राम नवमी को कोई विशेष कार्यक्रम नहीं हुआ. हालांकि भगवान राम के जन्मोत्सव का अनुष्ठान राम जन्मभूमि परिसर में पूरा हो चुका है. जन्म के बाद भगवान राम लोगों को दर्शन देने के लिए कनक भवन पहुंच गए हैं. वहीं इस बार रामलला की पहली झलक पाने के लिए अयोध्या में उमड़ने वाली भीड़ अयोध्या नहीं आ पाई.

अयोध्या में पहली बार सन्नाटे में हुआ रामलला का जन्म.
अयोध्या में पहली बार सन्नाटे में हुआ रामलला का जन्म.
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Published : Apr 2, 2020, 4:07 PM IST

अयोध्या: गुरुवार को दोपहर 12 बजे प्रतीक स्वरूप भगवान राम का अयोध्या में जन्म हो चुका है. रामलला की पहली झलक पाने के लिए अयोध्या में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ अयोध्या नहीं आ पाई. लेकिन रामलला के जन्म उत्सव के अनुष्ठान में किसी भी तरह की कमी नहीं की गई.

पावन राम नगरी में भगवान राम के जन्मोत्सव का अनुष्ठान राम जन्मभूमि परिसर में पूरा हो चुका है. जन्म के बाद भगवान राम लोगों को दर्शन देने के लिए कनक भवन पहुंच गए हैं. जहां उन्हें वह आकर्षक आसन पर विराजमान है. भगवान राम के इस दिव्य रूप का दर्शन करने के लिए अयोध्या में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ तो इस बार नहीं जुट पाई.

इसे भी पढ़ें-लॉकडाउन: अयोध्या में नहीं होगा विशेष आयोजन, रामलला के जन्मोत्सव को लाइव करने की मांग

रामजन्मभूमि समेत अन्य सभी मंदिरों में भी राम जन्मोत्सव मनाया गया. शास्त्र के अनुसार अभिजीत नक्षत्र में दोपहर 12 बजे राम जन्म हुआ. भगवान राम की जन्म होते ही मंदिरों में घंटा, घड़ियाल और शंखनाद की ध्वनि गूंजने लगी. जन्म उत्सव का अनुष्ठान पूरा होने के बाद राम जन्मभूमि परिसर से रामलला को कनक भवन पहुंचाया गया. जहां से भगवान के दर्शन उपलब्ध हो रहे हैं.

वहीं राम जन्म उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं की उमड़ने वाली भीड़ को लेकर प्रशासन सतर्क दिखा. लाॅकडाउन का पालन कराने के लिए अयोध्या धाम की सीमा को पूर्णतया सील कर दिया गया था.

अयोध्या: गुरुवार को दोपहर 12 बजे प्रतीक स्वरूप भगवान राम का अयोध्या में जन्म हो चुका है. रामलला की पहली झलक पाने के लिए अयोध्या में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ अयोध्या नहीं आ पाई. लेकिन रामलला के जन्म उत्सव के अनुष्ठान में किसी भी तरह की कमी नहीं की गई.

पावन राम नगरी में भगवान राम के जन्मोत्सव का अनुष्ठान राम जन्मभूमि परिसर में पूरा हो चुका है. जन्म के बाद भगवान राम लोगों को दर्शन देने के लिए कनक भवन पहुंच गए हैं. जहां उन्हें वह आकर्षक आसन पर विराजमान है. भगवान राम के इस दिव्य रूप का दर्शन करने के लिए अयोध्या में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ तो इस बार नहीं जुट पाई.

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रामजन्मभूमि समेत अन्य सभी मंदिरों में भी राम जन्मोत्सव मनाया गया. शास्त्र के अनुसार अभिजीत नक्षत्र में दोपहर 12 बजे राम जन्म हुआ. भगवान राम की जन्म होते ही मंदिरों में घंटा, घड़ियाल और शंखनाद की ध्वनि गूंजने लगी. जन्म उत्सव का अनुष्ठान पूरा होने के बाद राम जन्मभूमि परिसर से रामलला को कनक भवन पहुंचाया गया. जहां से भगवान के दर्शन उपलब्ध हो रहे हैं.

वहीं राम जन्म उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं की उमड़ने वाली भीड़ को लेकर प्रशासन सतर्क दिखा. लाॅकडाउन का पालन कराने के लिए अयोध्या धाम की सीमा को पूर्णतया सील कर दिया गया था.

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