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राम जन्मोत्सव पर पहली बार सूनी रही रामनगरी अयोध्या - अयोध्या

चैत्र नवरात्र के अन्तिम दिन रामनवमी पर रामलला का जन्मोत्सव अयोध्या का प्रमुख उत्सव है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार उत्सव बिना श्रद्धालुओं के मनाया गया.

ramlala birth anniversary.
पहली बार सूनी रही रामनगरी.
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Published : Apr 2, 2020, 9:27 PM IST

अयोध्या: रामनगरी का प्रमुख उत्सव बिना श्रद्धालुओं के मनाया गया. देश के कोने-कोने से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं से खचा खच भरी रहने वाली रामनगरी, चैत्र नवरात्र के दौरान पूरी तरह सूनी रही. राम जन्मोत्सव की झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में कनक भवन पहुंचने वाले श्रद्धालु जिले में प्रवेश नहीं कर सके.

रामलला का जन्मोत्सव अयोध्या का प्रमुख उत्सव
चैत्र नवरात्र के अन्तिम दिन रामनवमी पर रामलला का जन्मोत्सव अयोध्या का प्रमुख उत्सव है. रामलला के जन्म के बाद कनक भवन में भगवान के बालरूप का दर्शन करने लाखों की संख्या में श्रद्धालु विश्व भर से आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने रामनवमी के दिन जिले की सीमा पूरी तरह सील कर दी. अयोध्या धाम में प्रवेश पर पाबंदी को देखते हुए श्रद्धालु रामनगरी नहीं पहुंचे.

कोरोना वायरल और लॉकडाउन के चलते रामनगरी रही सूनी
जिले के अब तक के इतिहास में यह पहला मौका है जब राम जन्मोत्सव के दिन अयोध्या में पूरी तरह सन्नाटा रहा. रामनवमी के दिन प्रभु राम का जन्मोत्सव देखने अयोध्या ही नहीं, संसार भर के सनातन धर्मावलंबी इस दिव्य अनुष्ठान को देखने आते थे, लेकिन केंद्र और प्रदेश सरकार के निर्देश पर रामनगरी में पूर्णतया लॉकडाउन का पालन कराया जा रहा है. जिले की सीमा सील करने के साथ शहर की सीमा भी सील कर दी गई.

इसे भी पढ़ें- शामली: कोरोना संदिग्ध मरीज ने अस्पताल में किया सुसाइड, जांच रिपोर्ट का था इंतजार

चैत्र नवरात्र में 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की होती है भीड़
चैत्र मास में नवरात्र के दौरान जिले में होने वाली रामनवमी मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती थी. करीब 20 से अधिक श्रद्धालु हर वर्ष चैत्र नवरात्र के दौरान अयोध्या पहुंचते थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते संतों ने विश्व हिंदू परिषद और प्रशासन के साथ बैठक कर चैत्र नवरात्र के दौरान विशेष आयोजन न करने का निर्णय लिया. इसके चलते ट्रस्ट ने राम जन्मोत्सव को पूरी तरह भीड़ से मुक्त रखा.

देश के संतों ने श्रद्धालुओं से घरों में रहने की अपील
श्री रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास सभी प्रमुख संतों ने श्रद्धालुओं से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जो निर्णय लिया है, उसका पालन करना चाहिए.

अयोध्या के मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद
रामनगरी के सभी मंदिर श्रद्धालुओं के बंद हैं. संत समाज पूरी तरह लॉकडाउन का पालन कर रहा है. वहीं मंदिरों के संत महंत ने श्रद्धालुओं से अयोध्या न आने की अपील की है. कनक भवन, दशरथ महल, दशरथ गद्दी, हनुमानगढ़ी, नाका हनुमानगढ़ी, बाल्मीकि भवन, छोटी देवकाली, बड़ी देवकाली समेत अयोध्या के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है.

घर पर ही रहकर करें मानसिक पूजा
नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने कहा है कि श्रद्धालुओं को घर पर ही रहकर मानसिक पूजा करनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि जीवन रहेगा तो सब कुछ रहेगा. इस महामारी से निपटने में केंद्र और प्रदेश सरकार के निर्देशों का पालन आवश्यक है.

वहीं क्षेत्राधिकारी अयोध्या अमर सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन कराया जा रहा है.

अयोध्या: रामनगरी का प्रमुख उत्सव बिना श्रद्धालुओं के मनाया गया. देश के कोने-कोने से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं से खचा खच भरी रहने वाली रामनगरी, चैत्र नवरात्र के दौरान पूरी तरह सूनी रही. राम जन्मोत्सव की झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में कनक भवन पहुंचने वाले श्रद्धालु जिले में प्रवेश नहीं कर सके.

रामलला का जन्मोत्सव अयोध्या का प्रमुख उत्सव
चैत्र नवरात्र के अन्तिम दिन रामनवमी पर रामलला का जन्मोत्सव अयोध्या का प्रमुख उत्सव है. रामलला के जन्म के बाद कनक भवन में भगवान के बालरूप का दर्शन करने लाखों की संख्या में श्रद्धालु विश्व भर से आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने रामनवमी के दिन जिले की सीमा पूरी तरह सील कर दी. अयोध्या धाम में प्रवेश पर पाबंदी को देखते हुए श्रद्धालु रामनगरी नहीं पहुंचे.

कोरोना वायरल और लॉकडाउन के चलते रामनगरी रही सूनी
जिले के अब तक के इतिहास में यह पहला मौका है जब राम जन्मोत्सव के दिन अयोध्या में पूरी तरह सन्नाटा रहा. रामनवमी के दिन प्रभु राम का जन्मोत्सव देखने अयोध्या ही नहीं, संसार भर के सनातन धर्मावलंबी इस दिव्य अनुष्ठान को देखने आते थे, लेकिन केंद्र और प्रदेश सरकार के निर्देश पर रामनगरी में पूर्णतया लॉकडाउन का पालन कराया जा रहा है. जिले की सीमा सील करने के साथ शहर की सीमा भी सील कर दी गई.

इसे भी पढ़ें- शामली: कोरोना संदिग्ध मरीज ने अस्पताल में किया सुसाइड, जांच रिपोर्ट का था इंतजार

चैत्र नवरात्र में 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की होती है भीड़
चैत्र मास में नवरात्र के दौरान जिले में होने वाली रामनवमी मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती थी. करीब 20 से अधिक श्रद्धालु हर वर्ष चैत्र नवरात्र के दौरान अयोध्या पहुंचते थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते संतों ने विश्व हिंदू परिषद और प्रशासन के साथ बैठक कर चैत्र नवरात्र के दौरान विशेष आयोजन न करने का निर्णय लिया. इसके चलते ट्रस्ट ने राम जन्मोत्सव को पूरी तरह भीड़ से मुक्त रखा.

देश के संतों ने श्रद्धालुओं से घरों में रहने की अपील
श्री रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास सभी प्रमुख संतों ने श्रद्धालुओं से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जो निर्णय लिया है, उसका पालन करना चाहिए.

अयोध्या के मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद
रामनगरी के सभी मंदिर श्रद्धालुओं के बंद हैं. संत समाज पूरी तरह लॉकडाउन का पालन कर रहा है. वहीं मंदिरों के संत महंत ने श्रद्धालुओं से अयोध्या न आने की अपील की है. कनक भवन, दशरथ महल, दशरथ गद्दी, हनुमानगढ़ी, नाका हनुमानगढ़ी, बाल्मीकि भवन, छोटी देवकाली, बड़ी देवकाली समेत अयोध्या के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है.

घर पर ही रहकर करें मानसिक पूजा
नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने कहा है कि श्रद्धालुओं को घर पर ही रहकर मानसिक पूजा करनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि जीवन रहेगा तो सब कुछ रहेगा. इस महामारी से निपटने में केंद्र और प्रदेश सरकार के निर्देशों का पालन आवश्यक है.

वहीं क्षेत्राधिकारी अयोध्या अमर सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन कराया जा रहा है.

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