तय समय के अंदर ही गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे रामलला: गोविंद देव गिरी महाराज - Ram temple construction committee two day meeting concluded
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक सर्किट हाउस में संपन्न हुई. बैठक के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने रामलला को मिले दान में चेक बाउंस होने पर सफाई दी.
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण की प्रगति पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने कहा कि हमें विश्वास है कि जो हम लोगों ने समय तय किया है, उस समय के अंदर ही भगवान रामलला को गर्भगृह में स्थापित कर देंगे.
ट्रस्ट 67 एकड़ के विकास में जुटी हुई है. उसके भीतर राम मंदिर बन रहा है. राम मंदिर निर्माण समिति की सर्किट हाउस में मंगलवार को संपन्न हुई दो दिवसीय बैठक के बाद उन्होंने कहा कि सरकार भी पूरे अयोध्या के विकास में जुटी हुई है. अयोध्या में जो विकास हो रहा है और जो राम मंदिर का निर्माण हो रहा है यह दोनों एक दूसरे के अनुरूप होने चाहिए. वैसा हो रहा है कि नहीं, इसलिए हम लोग बैठक में मंथन करते हैं. राम मंदिर परिसर (Ram Mandir Complex) में या अयोध्या में कोई चीज रिपीट नहीं होनी चाहिए.
इसे भी पढ़ेंः राम मंदिर में महर्षि वाल्मीकि, माता शबरी व निषाद राज सहित अन्य विभूतियों को भी मिलेगा स्थान
एक ही चीज का दो जगह निर्माण नहीं होना चाहिए. अगर एसा होता है तो उसकी उपयोगिता कम हो जाएगी. उदाहरण देते हुए गोविंद देव गिरी महाराज ने कहा कि अगर हम म्यूजियम दो जगह बनाएंगे तो उसका कोई मतलब नहीं होगा. इसलिए हम बैठक में यह मंथन करते हैं कि कहीं कोई निर्माण राम मंदिर परिसर के अंदर या अयोध्या शहर में दो जगह तो नहीं बन रहा है.
बैठक के बाद कोषाध्यक्ष ने रामलला को मिले दान में चेक बाउंस होने पर सफाई भी दी. उन्होंने कहा कि दान देने वालों की भावना गलत नहीं है. कहीं न कहीं चेक देने में चूक हुई है. चेक में तारीख और अमाउंट लिखने में गलतियां हुई होगी. कुछ चेकों पर हस्ताक्षर नहीं मिले होंगे. यह छोटी-मोटी चूक है. कभी-कभी श्रद्धालु और अच्छे दानदाता चेक तो भेज देते हैं लेकिन गलतियों पर ध्यान नहीं देते.
उन्होंने कहा कि ट्रस्ट चेक बाउंस होने में श्रद्धालुओं की दुर्भावना नहीं मानता. राम मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से कोई जबरदस्ती नहीं की थी. कोई वसूली नहीं की थी. दान देने के लिए सभी लोगों ने अपने इच्छा अनुरूप दान दिया था. उन्होंने कहा कि 3,500 करोड़ रुपये का मामला है. जहां पूरा देश दान दे रहा है, तो यह छोटी-छोटी गलतियां बहुत बड़ी बात नहीं है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप