अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से भूमि पूजन की तैयारियां जोरों से की जा रही हैं. तीन दिन तक चलने वाले भूमि पूजन का अनुष्ठान गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र जल से संपन्न होगा.
राम मंदिर की आधारशिला रखने से पहले विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन का अनुष्ठान संपन्न किया जाएगा. इस अनुष्ठान में काशी सीआई वैदिक पंडितों के साथ अयोध्या के पंडित भी शामिल होंगे. श्री राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य व श्रीमणि रामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने बताया कि पूरे वैदिक रीति-रिवाज के साथ काशी के विद्वान और अयोध्या के पुरोहित द्वारा भूमि पूजन पीएम मोदी के हाथों संपन्न कराया जाएगा.
भूमि पूजन में सभी सागरों की मिट्टी और सभी तीर्थों के जल का प्रयोग किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए गंगा, जमुना, सरस्वती और सरयू समेत सभी प्रमुख नदियों का जल एकत्र किया गया है. सत्यम रितिका और सारे तीर्थों का जल पहले से लाकर रखा हुआ है.
3 माह से चल रहा है अनुष्ठान
महंत कमल नयन दास ने कहा कि भूमि पूजन से पहले राम जन्मभूमि परिसर में 3 महीने से अनुष्ठान चल रहा है. 3 दिन तक चलने वाले राम मंदिर भूमि पूजन अनुष्ठान की शुरुआत 3 अगस्त से की जाएगी. अनुष्ठान की शुरुआत गणेश पूजा से की जाएगी. 4 तारीख को भगवान राम की प्रसन्नता के लिए रामार्चन किया जाएगा. पीएम मोदी के आने से पहले पूजा-पाठ का कार्यक्रम संपन्न कर लिया जाएगा.
महंत ने बताया कि अयोध्या में पीएम के स्वागत की तैयारी की जा रही है. साथ ही कोरोना को लेकर सरकारी निर्देशों का भी पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भूमि पूजन कार्यक्रम में भीड़ न एकत्र होने पाए. इसके लिए भीड़ को शहर में प्रवेश करने से रोकने की व्यवस्था की जाएगी.
बता दें कि 25 मार्च को रामलला को अस्थायी मंदिर में शिफ्ट किया गया था, जिसके बाद जमीन के समतलीकरण का कार्य पूरा हो गया है. अब मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट की ओर से लगातार तैयारियां की जा रही हैं. ट्रस्ट के सदस्यों की मानें तो 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारी है.