अयोध्या: धर्मनगरी में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण प्रगति पर है. वर्ष 2023 के अंत तक मंदिर के गर्भ गृह के साथ भूतल के चारों मंडप को तैयार कर लिया जाएगा और जनवरी 2024 में भगवान श्री रामलला विराजमान होंगे. यानी 18 महीने में मंदिर के भूतल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाना है. इसी के तहत श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व निर्माण समिति तैयारी शुरू कर दी है. ये जानकारी अयोध्या पहुंचे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य व पेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्व प्रसन्ना तीर्थ ने दी है.
उन्होंने बताया कि अप्रैल माह में भगवान की प्रतिमा को लेकर ट्रस्ट ने चल अचल विग्रह को विराजमान कराने का निर्णय लिया था. जिस पर देशभर के संतों की राय भी जुटाई जा रही है. इस दौरान आने वाले भक्तों के दर्शन को लेकर विशेष ध्यान रखा जाएगा कि मूर्ति का दर्शन सरलता से किया जा सके. क्योंकि वर्तमान में विराजमान भगवान श्री रामलला की प्रतिमा छोटी होने के कारण दर्शन में सुलभता नहीं मिल पा रही है.
3 से 5 फीट के बीच होगी रामलला की प्रतिमा
अयोध्या पहुंचे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य स्वामी विश्व प्रसन्ना तीर्थ ने कहा कि रामलला की मूर्ति पर विचार किया जा रहा है कि काले रंग के शालिग्राम पत्थर या सफेद संगमरमर के पत्थर को लेकर अभी विचार किया जा रहा है. इन दोनों तरह के शिलाओं को लेकर वार्ता चल रही है. वैसे तो उत्तर भारत में भगवान की मूर्ति सफेद संगमरमर की अच्छी मानी जाती है. उन्होंने बताया कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहले ही तय कर लिया है कि विराजमान भगवान श्रीरामलला का स्वरूप 'बाल स्वरूप' होगा, लेकिन अभी इसका चित्रांकन किया जाना बाकी है. उन्होंने बताया कि मंदिर के गर्भगृह के अनुसार 3 से 5 फीट की मूर्ति होगी.
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