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उल्लास में डूबी अयोध्या, विभिन्न मंदिरों से निकली भव्य राम बारात

प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में विभिन्न मंदिरों से राम बारात निकाली गई. इस दौरान पूरी अयोध्या में उल्लास का माहौल था. हर तरफ साधु-संत नाचते गाते नजर आ रहे थे. साथ ही चार भैया के पूजन का दृश्य अलौकिक था.

राम बारात
राम बारात
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Published : Dec 20, 2020, 7:31 AM IST

अयोध्या: भगवान श्री सीताराम विवाहोत्सव पर कनक भवन, दशरथ महल, मंत्रार्थ मंडपम, जानकी महल सहित 10 मंदिरों से होते हुए अयोध्या में धूमधाम से राम बारात निकली गई, जिसका जगह-जगह स्वागत हुआ. इस दौरान जहां एक ओर आधी अयोध्या मिथिला बनी, तो रामनगरी का दूसरा क्षेत्र अयोध्या के रूप में दिखा. अयोध्या और मिथिला का समन्वय बनी राम नगरी विवाह पंचमी के दिन उल्लास में डूबी रही. अयोध्या मुख्य मार्ग पर राम बारात की धूम दिखी, तो गलियों में पुष्प वर्षा कर आरती कर स्वागत का दौर जारी रहा. समूची अयोध्या अपने आराध्य श्रीराम व उनकी प्राणप्रिया जानकी के महोत्सव के उल्लास में मगन रहा.

मंदिरों से निकली भव्य राम बारात.

मंदिरों से धूमधाम से निकली राम बारात से अयोध्या का कोना-कोना उल्लास से चटख हो उठा. रामकोट स्थित रंग महल, दशरथ महल और वासुदेव घाट स्थित जानकी महल ट्रस्ट, मंत्रार्थ मंडपम, हनुमान बाग आदि स्थानों से निकली राम बारात में भव्य रथ पर विराजमान भगवान श्रीराम चारों भैया के स्वरूप आकर्षण का केंद्र बने रहे.

प्रभु श्रीराम का द्वार पूजन

वहीं देश भर से आए श्रद्धालुओं के साथ ही अगुवाई कर रहे संत महंत भी प्रसन्न नजर आए. अतिथियों का पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया. जानकी महल से निकली राम बारात श्रृंगारघाट होते हुए नगर भ्रमण के पश्चात जानकी महल पहुंची, जहां बारातियों का स्वागत किया गया. इसके बाद प्रभु श्री राम का द्वार पूजन और माता जानकी का पूजन किया गया.

राजा दशरथ के महल में महंतों ने सुने विवाह के मधुर गीत

कनक भवन में इस उत्सव की विशेष धूम देखी गई. यहां राम बारात की छटा देखते ही बनती है. ढोल, नगाड़े, हाथी -घोड़ों के साथ कनक भवन की बारात मन मोहती रही. चक्रवर्ती राजा दशरथ के महल से बिंदुगद्दी के आचार्य महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य की अध्यक्षता में सनकादिक आश्रम के महंत व अयोध्या संघ समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास रामायणी, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, महंत भरत दास, तनतुलसी पीठाधीश्वर विष्णु देवाचार्य, कथावाचक भरत दास, कृपालु महाराज, एमबी दास आदि की उपस्थिति में धूमधाम से राम बारात निकली. महंतों को इस अवसर पर विवाह के मधुर गीत सुनाये गए.

अतिथियों को पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया

रंगमहल मंदिर से मंदिर के महंत रामशरण दास की अध्यक्षता में बारात निकली. बारात निकलने से पूर्व उन्होंने अतिथियों को पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया. मन्त्रार्थ मंडपम से निकली बारात में बाबा राघवदास, महंत अयोध्या दास सहित अनेक संत-महंत व बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाचते-गाते हुए बारात में मगन रहे.

इस अवसर पर मंदिरों से निकली राम बारात में हजारों की संख्या में संत-महंत झूमते नाचते रहे. जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए संत-महंत बारात में शामिल हुए. हाथी-घोड़ों पर सवार बारात का जगह-जगह आरती पूजन और पुष्प वर्षा से स्वागत हुआ और प्रसाद का वितरण किया गया. बड़ा स्थान से निकली बारात अमावा मंदिर, लव कुश मंदिर, कोसलेश सदन, अशर्फी भवन, हरिद्वारी बाजार, हनुमानगढ़ी होते हुए वापस मंदिर पहुंची.

चारों भैया का तिलक कर किया गया पूजन

बारात की अगुवाई कर रहे महन्त रामशरण दास ने बताया कि अगहन शुक्ल पक्ष पंचमी को प्रभु श्रीराम का विवाह त्रेता युग में हुआ था. हम अयोध्यावासी इसी तिथि पर भगवान श्री राम का विवाह मनाते हैं. हाथी, घोड़ा व बैंड बाजा के साथ राम बारात में प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की जोड़ी देखते ही बन रही थी. बारात आरंभ होने से पूर्व जानकी महल में चारों भैया का तिलक कर का पूजन किया गया. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. जगह-जगह पुलिस और पीएसी का पहरा रहा .

बारातियों के वापस लौटने के साथ ही वैदिक परंपरा के मुताबिक लक्ष्मण किला, श्रीराम वल्लभा कुंज आदि मंदिरों में भी विवाह की रस्म की तैयारी शुरू कर दी गई. श्रीराम वल्लभा कुंज के प्रमुख और नित्यश्री भारती के संरक्षक स्वामी राजकुमार दास ने बताया कि पूरी रात राम विवाह की रस्म होगी, जबकि दूसरे दिन श्री राम कलेवा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा.

अयोध्या: भगवान श्री सीताराम विवाहोत्सव पर कनक भवन, दशरथ महल, मंत्रार्थ मंडपम, जानकी महल सहित 10 मंदिरों से होते हुए अयोध्या में धूमधाम से राम बारात निकली गई, जिसका जगह-जगह स्वागत हुआ. इस दौरान जहां एक ओर आधी अयोध्या मिथिला बनी, तो रामनगरी का दूसरा क्षेत्र अयोध्या के रूप में दिखा. अयोध्या और मिथिला का समन्वय बनी राम नगरी विवाह पंचमी के दिन उल्लास में डूबी रही. अयोध्या मुख्य मार्ग पर राम बारात की धूम दिखी, तो गलियों में पुष्प वर्षा कर आरती कर स्वागत का दौर जारी रहा. समूची अयोध्या अपने आराध्य श्रीराम व उनकी प्राणप्रिया जानकी के महोत्सव के उल्लास में मगन रहा.

मंदिरों से निकली भव्य राम बारात.

मंदिरों से धूमधाम से निकली राम बारात से अयोध्या का कोना-कोना उल्लास से चटख हो उठा. रामकोट स्थित रंग महल, दशरथ महल और वासुदेव घाट स्थित जानकी महल ट्रस्ट, मंत्रार्थ मंडपम, हनुमान बाग आदि स्थानों से निकली राम बारात में भव्य रथ पर विराजमान भगवान श्रीराम चारों भैया के स्वरूप आकर्षण का केंद्र बने रहे.

प्रभु श्रीराम का द्वार पूजन

वहीं देश भर से आए श्रद्धालुओं के साथ ही अगुवाई कर रहे संत महंत भी प्रसन्न नजर आए. अतिथियों का पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया. जानकी महल से निकली राम बारात श्रृंगारघाट होते हुए नगर भ्रमण के पश्चात जानकी महल पहुंची, जहां बारातियों का स्वागत किया गया. इसके बाद प्रभु श्री राम का द्वार पूजन और माता जानकी का पूजन किया गया.

राजा दशरथ के महल में महंतों ने सुने विवाह के मधुर गीत

कनक भवन में इस उत्सव की विशेष धूम देखी गई. यहां राम बारात की छटा देखते ही बनती है. ढोल, नगाड़े, हाथी -घोड़ों के साथ कनक भवन की बारात मन मोहती रही. चक्रवर्ती राजा दशरथ के महल से बिंदुगद्दी के आचार्य महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य की अध्यक्षता में सनकादिक आश्रम के महंत व अयोध्या संघ समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास रामायणी, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, महंत भरत दास, तनतुलसी पीठाधीश्वर विष्णु देवाचार्य, कथावाचक भरत दास, कृपालु महाराज, एमबी दास आदि की उपस्थिति में धूमधाम से राम बारात निकली. महंतों को इस अवसर पर विवाह के मधुर गीत सुनाये गए.

अतिथियों को पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया

रंगमहल मंदिर से मंदिर के महंत रामशरण दास की अध्यक्षता में बारात निकली. बारात निकलने से पूर्व उन्होंने अतिथियों को पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया. मन्त्रार्थ मंडपम से निकली बारात में बाबा राघवदास, महंत अयोध्या दास सहित अनेक संत-महंत व बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाचते-गाते हुए बारात में मगन रहे.

इस अवसर पर मंदिरों से निकली राम बारात में हजारों की संख्या में संत-महंत झूमते नाचते रहे. जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए संत-महंत बारात में शामिल हुए. हाथी-घोड़ों पर सवार बारात का जगह-जगह आरती पूजन और पुष्प वर्षा से स्वागत हुआ और प्रसाद का वितरण किया गया. बड़ा स्थान से निकली बारात अमावा मंदिर, लव कुश मंदिर, कोसलेश सदन, अशर्फी भवन, हरिद्वारी बाजार, हनुमानगढ़ी होते हुए वापस मंदिर पहुंची.

चारों भैया का तिलक कर किया गया पूजन

बारात की अगुवाई कर रहे महन्त रामशरण दास ने बताया कि अगहन शुक्ल पक्ष पंचमी को प्रभु श्रीराम का विवाह त्रेता युग में हुआ था. हम अयोध्यावासी इसी तिथि पर भगवान श्री राम का विवाह मनाते हैं. हाथी, घोड़ा व बैंड बाजा के साथ राम बारात में प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की जोड़ी देखते ही बन रही थी. बारात आरंभ होने से पूर्व जानकी महल में चारों भैया का तिलक कर का पूजन किया गया. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. जगह-जगह पुलिस और पीएसी का पहरा रहा .

बारातियों के वापस लौटने के साथ ही वैदिक परंपरा के मुताबिक लक्ष्मण किला, श्रीराम वल्लभा कुंज आदि मंदिरों में भी विवाह की रस्म की तैयारी शुरू कर दी गई. श्रीराम वल्लभा कुंज के प्रमुख और नित्यश्री भारती के संरक्षक स्वामी राजकुमार दास ने बताया कि पूरी रात राम विवाह की रस्म होगी, जबकि दूसरे दिन श्री राम कलेवा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा.

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