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राम में है आस्था, इसलिए ट्रस्ट को महंगी नहीं सस्ती बेची है जमीनः सुल्तान अंसारी - राम मंंदिर निर्माण

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की जमीन खरीद में घोटाले की बात सामने आने पर हंगामा मचा है. बुधावार को प्रापर्टी डीलर सुल्तान अंसारी के सामने आने से एक नया मोड़ आ गया. सुल्तान अंसारी ने कहा कि उसने राम मंदिर ट्रस्ट को बाजार रेट से सस्ती जमीन बेची है. क्योंकि मेरी राम में आस्था है.

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अयोध्या राम मंदिर जमीन विवाद.
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Published : Jun 16, 2021, 4:22 PM IST

अयोध्याः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर दो करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीद कर भ्रष्टाचार करने का आरोप विक्षप लगातार लगा रहा है. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और अयोध्या से सपा के पूर्व विधायक पूर्व राज्यमंत्री तेज नारायण पांडे पवन ने ट्रस्ट पर राम मंदिर जमीन घोटाले का आरोप लगाया है. इस पूरे मामले में प्रापर्टी डीलर सुल्तान अंसारी का नाम बार-बार आ रहा था. बुधवार को सुल्तान अंसारी ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया.

सुल्तान अंसारी ने कहा कि पूरी डील में कहीं कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ और जो जमीन ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट की गई है. वह मार्केट रेट से काफी कम कीमत में की गई है. इसके पीछे मेरी खुद की सोच शामिल है. मेरी भगवान राम में आस्था है और इसलिए मैंने ट्रस्ट को कम दाम पर जमीन का एग्रीमेंट किया है. सुल्तान अंसारी ने कहा कि किसी को इस पर आपत्ति जताने का कोई अधिकार नहीं है.

इसे भी पढ़ें- श्रीराम जन्मभूमि के आसपास की जमीनें खरीद रहा ट्रस्ट, बदले में देगा मकान और जमीन

ईटीवी भारत से बात करते हुए सुल्तान अंसारी ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि 10 मिनट में दो करोड़ की जमीन 18 करोड़ की हो गई. उन्हें सही तथ्यों का पता नहीं है. उन्हें कम से कम पहले जानकारी कर लेनी चाहिए थी. यह जमीन सबसे पहले 2011 में एग्रीमेंट की गई. जिसका एग्रीमेंट मेरे पिता इरफान अंसारी और हरी पाठक और उनकी पत्नी ने किया था. जिसके बाद इस जमीन पर मुकदमा हो गया जिसके कारण इसका बैनामा नहीं हो पाया.

2011 के बाद दो बार जमीन का एग्रीमेंट का समय बढ़ाया गया. आखिरी में जब जमीन का विवाद खत्म हो गया तो साल 2019 में इस जमीन का एग्रीमेंट 2 करोड़ में तय किया गया. जिसमें 50 लाख पेशगी के तौर पर भी दिया गया था. इसलिए जमीन की कीमत 10 मिनट में 18 करोड़ नहीं हुई, बल्कि 2011 से लेकर 2021 के बीच इस जमीन की कीमत दो करोड़ से बढ़कर अट्ठारह करोड़ हो गई.

सौदे में नहीं हुई कोई बेईमानी

सुल्तान अंसारी ने कहा कि ट्रस्ट को 1425 रुपये वर्ग फुट के हिसाब से जमीन बेची गई है, जो कि वर्तमान बाजार कीमत से काफी कम है. वर्तमान में जमीन की मालियत 24 करोड़ से अधिक है. जिसमें से 17 करोड़ों की रकम मेरे और मेरे सहयोगी रवि मोहन तिवारी के खाते में बराबर जमा कर दी गई है. अभी भी डेढ़ करोड़ रुपये बाकी है जो रजिस्ट्री होने के साथ ही दिए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें- मैं झूठा हुआ तो मेरे खिलाफ दर्ज कराएं 500 करोड़ की मानहानि का केसः संजय सिंह

राम में मेरी आस्था

सुल्तान अंसारी ने कहा कि मेरे ऊपर सपा का एजेंट होने का आरोप लग रहा है. सुल्तान अंसारी ने सफाई देते हुए कहा कि कुछ वर्ष पूर्व समाजवादी पार्टी से मेरे संबंध रहे थे, लेकिन बाद में मेरी विचारधारा बदल गई और मैंने अपने मित्र विशाल मिश्रा के साथ कई बार राम मंदिर निर्माण के आयोजनों में भी हिस्सा लिया है. बीते फरवरी से मार्च महीने के बीच चलाए गए राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि अभियान में भी शामिल था.

सुल्तान अंसारी ने बताया कि उसने 51,000 रुपये का चंदा भी ट्रस्ट को दिया है. भगवान राम में मेरी आस्था है और कोई मुझे इस बात से मना नहीं कर सकता कि मैं अपनी संपत्ति ट्रस्ट को बाजार रेट से कम दाम पर न बेचू. सुल्तान अंसारी ने कहा कि मैंने बिना किसी दबाव के अपनी इच्छा से और बाजार से कम कीमत पर ट्रस्ट के नाम जमीन की है. आपको बता दें कि भाजपा नेता विशाल मिश्रा ने समर्पण निधि कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें सुल्तान अंसारी ने मंदिर निर्माण में सहयोग दिया था, जिसकी पुष्टि विशाल मिश्रा ने की है.

अयोध्याः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर दो करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीद कर भ्रष्टाचार करने का आरोप विक्षप लगातार लगा रहा है. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और अयोध्या से सपा के पूर्व विधायक पूर्व राज्यमंत्री तेज नारायण पांडे पवन ने ट्रस्ट पर राम मंदिर जमीन घोटाले का आरोप लगाया है. इस पूरे मामले में प्रापर्टी डीलर सुल्तान अंसारी का नाम बार-बार आ रहा था. बुधवार को सुल्तान अंसारी ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया.

सुल्तान अंसारी ने कहा कि पूरी डील में कहीं कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ और जो जमीन ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट की गई है. वह मार्केट रेट से काफी कम कीमत में की गई है. इसके पीछे मेरी खुद की सोच शामिल है. मेरी भगवान राम में आस्था है और इसलिए मैंने ट्रस्ट को कम दाम पर जमीन का एग्रीमेंट किया है. सुल्तान अंसारी ने कहा कि किसी को इस पर आपत्ति जताने का कोई अधिकार नहीं है.

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ईटीवी भारत से बात करते हुए सुल्तान अंसारी ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि 10 मिनट में दो करोड़ की जमीन 18 करोड़ की हो गई. उन्हें सही तथ्यों का पता नहीं है. उन्हें कम से कम पहले जानकारी कर लेनी चाहिए थी. यह जमीन सबसे पहले 2011 में एग्रीमेंट की गई. जिसका एग्रीमेंट मेरे पिता इरफान अंसारी और हरी पाठक और उनकी पत्नी ने किया था. जिसके बाद इस जमीन पर मुकदमा हो गया जिसके कारण इसका बैनामा नहीं हो पाया.

2011 के बाद दो बार जमीन का एग्रीमेंट का समय बढ़ाया गया. आखिरी में जब जमीन का विवाद खत्म हो गया तो साल 2019 में इस जमीन का एग्रीमेंट 2 करोड़ में तय किया गया. जिसमें 50 लाख पेशगी के तौर पर भी दिया गया था. इसलिए जमीन की कीमत 10 मिनट में 18 करोड़ नहीं हुई, बल्कि 2011 से लेकर 2021 के बीच इस जमीन की कीमत दो करोड़ से बढ़कर अट्ठारह करोड़ हो गई.

सौदे में नहीं हुई कोई बेईमानी

सुल्तान अंसारी ने कहा कि ट्रस्ट को 1425 रुपये वर्ग फुट के हिसाब से जमीन बेची गई है, जो कि वर्तमान बाजार कीमत से काफी कम है. वर्तमान में जमीन की मालियत 24 करोड़ से अधिक है. जिसमें से 17 करोड़ों की रकम मेरे और मेरे सहयोगी रवि मोहन तिवारी के खाते में बराबर जमा कर दी गई है. अभी भी डेढ़ करोड़ रुपये बाकी है जो रजिस्ट्री होने के साथ ही दिए जाएंगे.

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राम में मेरी आस्था

सुल्तान अंसारी ने कहा कि मेरे ऊपर सपा का एजेंट होने का आरोप लग रहा है. सुल्तान अंसारी ने सफाई देते हुए कहा कि कुछ वर्ष पूर्व समाजवादी पार्टी से मेरे संबंध रहे थे, लेकिन बाद में मेरी विचारधारा बदल गई और मैंने अपने मित्र विशाल मिश्रा के साथ कई बार राम मंदिर निर्माण के आयोजनों में भी हिस्सा लिया है. बीते फरवरी से मार्च महीने के बीच चलाए गए राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि अभियान में भी शामिल था.

सुल्तान अंसारी ने बताया कि उसने 51,000 रुपये का चंदा भी ट्रस्ट को दिया है. भगवान राम में मेरी आस्था है और कोई मुझे इस बात से मना नहीं कर सकता कि मैं अपनी संपत्ति ट्रस्ट को बाजार रेट से कम दाम पर न बेचू. सुल्तान अंसारी ने कहा कि मैंने बिना किसी दबाव के अपनी इच्छा से और बाजार से कम कीमत पर ट्रस्ट के नाम जमीन की है. आपको बता दें कि भाजपा नेता विशाल मिश्रा ने समर्पण निधि कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें सुल्तान अंसारी ने मंदिर निर्माण में सहयोग दिया था, जिसकी पुष्टि विशाल मिश्रा ने की है.

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