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पुजारी राजू दास की मांग- मंदिरों में आने वालों के लिए ड्रेस कोड लागू होना चाहिए - dress code should be issued in temples

प्रसिद्ध सिद्ध पीठ हनुमान गढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने सभी मंदिर में ड्रेस कोड जारी करने और शालीन वस्त्र पहनकर आने की मांग की है. उस दौरान उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल आस्था का केंद्र हैं, कोई पर्यटन स्थल नहीं हैं.

पुजारी राजू दास ने की मांग
पुजारी राजू दास ने की मांग
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Published : Jun 7, 2023, 9:53 PM IST

मंदिरों में जारी हो ड्रेस कोड, धार्मिक स्थल कोई पर्यटन स्थल नहीं

अयोध्या: राम नगरी के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ हनुमान गढ़ी के मुख्य पुजारी महंत राजू दास ने मंदिरों में आने वाले दर्शनार्थियों के पहनावे पर सवाल उठाया है. पुजारी राजू दास ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा है कि सनातन संस्कृति और मंदिर में आने वाले लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए, अब समय आ गया है कि मंदिर में आने के लिए भी ड्रेस कोड लागू होना चाहिए. बदलते परिवेश में जिस तरह से पाश्चात्य संस्कृति से जुड़े हुए कटे-फटे और अर्धनग्न वस्त्र पहन कर श्रद्धालु मंदिरों में प्रवेश कर रहे हैं, वह उचित नहीं है. निश्चित रूप से हमें इस पर कड़ा कदम उठाना चाहिए. जिससे मंदिर में आने वाले लोगों की आस्था और श्रद्धा प्रभावित ना हो.

मंदिर भगवान के दर्शन आस्था पूजा का केंद्र: महंत राजू दास ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ मंदिरों में श्रद्धालुओं को शालीन वस्त्र पहन कर आने की सलाह लिखे पोस्टर लगने का हवाला देते हुए कहा कि मंदिर में श्रद्धालु दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं. ऐसे में अगर हमारे घर की माताएं, बहने कटे-फटे जींस और अर्धनग्न अवस्था में दर्शन पूजन के लिए आएंगी. तो निश्चित रूप से अन्य दर्शनार्थियों को भी असुविधा होगी और सनातन संस्कृति में इस तरह के व्यवहार की गुंजाइश नहीं है.

मंदिर आस्था दर्शन और पूजा का केंद्र है ना कि कोई पर्यटन स्थल है. हम सभी श्रद्धालुओं और बच्चियों के माता-पिता से अनुरोध करते हैं कि वह अपने बच्चों को मंदिर लाते समय सभ्य और शालीन वस्त्र पहना कर लाए. बल्कि हमारी मांग है कि सभी मंदिरों में एक ड्रेस कोड लागू होना चाहिए. जिसमें मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को शालीन वस्त्र पहन कर आने का निर्देश हो.

यह भी पढे़ं: बुलंदशहर में भगवान की मूर्तियां तोड़ने पर भड़के महंत राजू दास, बोले-यूपी को फिर से दंगा प्रदेश बनाने की साजिश

मंदिरों में जारी हो ड्रेस कोड, धार्मिक स्थल कोई पर्यटन स्थल नहीं

अयोध्या: राम नगरी के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ हनुमान गढ़ी के मुख्य पुजारी महंत राजू दास ने मंदिरों में आने वाले दर्शनार्थियों के पहनावे पर सवाल उठाया है. पुजारी राजू दास ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा है कि सनातन संस्कृति और मंदिर में आने वाले लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए, अब समय आ गया है कि मंदिर में आने के लिए भी ड्रेस कोड लागू होना चाहिए. बदलते परिवेश में जिस तरह से पाश्चात्य संस्कृति से जुड़े हुए कटे-फटे और अर्धनग्न वस्त्र पहन कर श्रद्धालु मंदिरों में प्रवेश कर रहे हैं, वह उचित नहीं है. निश्चित रूप से हमें इस पर कड़ा कदम उठाना चाहिए. जिससे मंदिर में आने वाले लोगों की आस्था और श्रद्धा प्रभावित ना हो.

मंदिर भगवान के दर्शन आस्था पूजा का केंद्र: महंत राजू दास ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ मंदिरों में श्रद्धालुओं को शालीन वस्त्र पहन कर आने की सलाह लिखे पोस्टर लगने का हवाला देते हुए कहा कि मंदिर में श्रद्धालु दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं. ऐसे में अगर हमारे घर की माताएं, बहने कटे-फटे जींस और अर्धनग्न अवस्था में दर्शन पूजन के लिए आएंगी. तो निश्चित रूप से अन्य दर्शनार्थियों को भी असुविधा होगी और सनातन संस्कृति में इस तरह के व्यवहार की गुंजाइश नहीं है.

मंदिर आस्था दर्शन और पूजा का केंद्र है ना कि कोई पर्यटन स्थल है. हम सभी श्रद्धालुओं और बच्चियों के माता-पिता से अनुरोध करते हैं कि वह अपने बच्चों को मंदिर लाते समय सभ्य और शालीन वस्त्र पहना कर लाए. बल्कि हमारी मांग है कि सभी मंदिरों में एक ड्रेस कोड लागू होना चाहिए. जिसमें मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को शालीन वस्त्र पहन कर आने का निर्देश हो.

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