अयोध्या: उत्तर प्रदेश सरकार भले ही बेसिक शिक्षा को सुधारने का दावा कर रही हो लेकिन सरकारी महकमे के बड़े पद पर बैठे अधिकारियों की लापरवाही के कारण हकीकत इससे कुछ और ही है. CM योगी की ड्रीम सिटी अयोध्या के 2 प्राथमिक विद्यालय सर्व शिक्षा अभियान (All punishment campaign) की पोल खोल रहे हैं.
शहर का बिछड़ा सुलतानपुर प्राथमिक विद्यालय (Sultanpur Primary School in Ayodhya) खुले आसमान के नीचे चल रहा है. वहीं, साहबगंज का प्राथमिक विद्यालय एक कमरे में संचालित हो रहा है. कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे एक ही कमरे में पढ़ने के लिए (plight of government schools in ayodhya) मजबूर हैं. एक कमरे में ही सभी टीचर बच्चों शिक्षा देते हैं. वहीं, बेसिक शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है. यह हालत उस जिले के सरकारी स्कूल के है. जहां पर मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सबसे ज्यादा बार आते जाते रहे हैं. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के सिर पर न छत है और न ही शौचालय. बच्चों को साफ पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है. जब बारिश होती है तो यह बच्चे आस-पड़ोस के मकानों के छज्जे के नीचे पनाह लेते है.
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इस सरकारी स्कूल में हालात इतने खराब हैं कि बच्चों को बैठने के लिए छत तक नहीं है. जब बरसात होती है तो सभी बच्चे इधर-उधर भटक कर कहीं बैठ जाते हैं. स्कूल में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है. इस स्कूल को लेकर जब बेसिक शिक्षा अधिकारी (Basic Education Officer) से बातचीत की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. बताया जा रहा है कि पिछले 3 साल से बड़ा सुल्तानपुर प्राथमिक विद्यालय का स्कूल बन रहा है लेकिन अभी तक छत नहीं बन पाई है. स्कूल की बिल्डिंग बनने का काम भी रुका हुआ है. ऐसे में जब शिक्षा व्यवस्था ही बदहाल है तो बच्चे कैसे शिक्षित होंगे, कैसे उनकी बुनियाद मजबूत होगी.
इन स्कूलों के अध्यापकों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि जैसी व्यवस्था (plight of government schools in ayodhya) है वैसे ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. इन स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है. न शौचालय है और न ही स्वच्छ पेयजल है.
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