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अयोध्याः राम मंदिर निर्माण के लिए पिलर टेस्टिंग का काम पूरा

यूपी के अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए निर्माण स्थल पर आईआईटी चेन्नई के इंजीनियरों ने 12 पिलर्स पर 700 टन का वजन डालकर उसकी मजबूती की जांच कर ली है. अब रिपोर्ट आने के बाद मंदिर निर्माण के लिए कुल 1200 पिलर्स की खुदाई का काम जल्द ही शुरू होगा.

राम मंदिर स्तंभ
राम मंदिर स्तंभ
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Published : Oct 29, 2020, 4:23 PM IST

अयोध्याः भगवान श्रीराम की पावन जन्मस्थली अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए जल्द ही नींव की खुदाई का नियमित कार्य शुरू हो सकता है. राम मंदिर निर्माण के लिए 12 टेस्ट पिलर्स की जांच का काम आईआईटी चेन्नई के इंजीनियरों ने पूरा कर लिया है. अब शेष 1200 पिलर्स की खुदाई और बुनियाद डालने का काम जल्द ही शुरू हो सकता है. इंजीनियर की टीम ने इन पिलर्स पर 700 टन का भारी-भरकम वजन डालकर इनकी क्षमता का परीक्षण किया है.

IIT चेन्नई और लार्सन एंड टूब्रो के इंजीनियर्स ने किया परीक्षण
राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य स्थल पर एक माह पूर्व कुल 12 पिलर्स की खुदाई कर उनकी क्षमता आंकने का कार्य शुरू किया गया था. इनकी जांच-पड़ताल का कार्य आईआईटी चेन्नई और मंदिर निर्माण के लिए अधिकृत इकाई लार्सन एंड टूब्रो के इंजीनियर कर रहे थे. बुनियाद के खंभों को एक मीटर व्यास के दायरे में 33 मीटर गहराई तक खोदा गया है. भगवान राम का मंदिर भूकंप के झटकों से प्रभावित न हो और बाढ़ जैसी स्थिति में भी इस ऐतिहासिक मंदिर को कोई खतरा न हो इसको दृष्टिगत रखते हुए जमीन से लगभग 100 फीट गहराई तक बुनियाद डाली जा रही है. साथ ही इन खंभों पर 700 टन का वजन भी दिया गया है और इनकी क्षमता का आकलन आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञों ने किया है.

हजारों वर्षों की तैयारी
अयोध्या में बनने वाले भगवान श्रीराम के मंदिर को विश्व का ऐतिहासिक मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट ने विशेष कार्य योजना बनाई है. इस मंदिर की डिजाइन से लेकर इसकी बुनियाद का विशेष ध्यान दिया गया है. यह मंदिर हजारों वर्षों तक ऐसे ही मौसम और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हुए खड़ा रहेगा. विशेष सुंदरता को समेटे भगवान राम का यह मंदिर आस्था और श्रद्धा के साथ पर्यटन का केंद्र बने इसका भी ध्यान दिया जा रहा है.

अयोध्याः भगवान श्रीराम की पावन जन्मस्थली अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए जल्द ही नींव की खुदाई का नियमित कार्य शुरू हो सकता है. राम मंदिर निर्माण के लिए 12 टेस्ट पिलर्स की जांच का काम आईआईटी चेन्नई के इंजीनियरों ने पूरा कर लिया है. अब शेष 1200 पिलर्स की खुदाई और बुनियाद डालने का काम जल्द ही शुरू हो सकता है. इंजीनियर की टीम ने इन पिलर्स पर 700 टन का भारी-भरकम वजन डालकर इनकी क्षमता का परीक्षण किया है.

IIT चेन्नई और लार्सन एंड टूब्रो के इंजीनियर्स ने किया परीक्षण
राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य स्थल पर एक माह पूर्व कुल 12 पिलर्स की खुदाई कर उनकी क्षमता आंकने का कार्य शुरू किया गया था. इनकी जांच-पड़ताल का कार्य आईआईटी चेन्नई और मंदिर निर्माण के लिए अधिकृत इकाई लार्सन एंड टूब्रो के इंजीनियर कर रहे थे. बुनियाद के खंभों को एक मीटर व्यास के दायरे में 33 मीटर गहराई तक खोदा गया है. भगवान राम का मंदिर भूकंप के झटकों से प्रभावित न हो और बाढ़ जैसी स्थिति में भी इस ऐतिहासिक मंदिर को कोई खतरा न हो इसको दृष्टिगत रखते हुए जमीन से लगभग 100 फीट गहराई तक बुनियाद डाली जा रही है. साथ ही इन खंभों पर 700 टन का वजन भी दिया गया है और इनकी क्षमता का आकलन आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञों ने किया है.

हजारों वर्षों की तैयारी
अयोध्या में बनने वाले भगवान श्रीराम के मंदिर को विश्व का ऐतिहासिक मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट ने विशेष कार्य योजना बनाई है. इस मंदिर की डिजाइन से लेकर इसकी बुनियाद का विशेष ध्यान दिया गया है. यह मंदिर हजारों वर्षों तक ऐसे ही मौसम और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हुए खड़ा रहेगा. विशेष सुंदरता को समेटे भगवान राम का यह मंदिर आस्था और श्रद्धा के साथ पर्यटन का केंद्र बने इसका भी ध्यान दिया जा रहा है.

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