बहराइच: जिले में घाघरा की बाढ़ का कहर आज तीसरे दिन भी जारी है. घाघरा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. जिले की महसी, मिहींपुरवा और कैसरगंज तहसील के 61 राजस्व गांवों के करीब दो सौ मजरे और 1,512,22 जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तेईस बाढ़ चौकियां संचालित कर दी गई हैं. प्रशासन द्वारा बचाव और राहत कार्य तेज कर दिया गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एक टीम एनडीआरएफ और एक प्लाटून पीएसी तैनात कर दी गई हैं.
नेपाल से नदियों का पानी आने के कारण बहराइच में घाघरा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है. महसी तहसील क्षेत्र के गोलागंज, जोगा पुरवा, भौरी, बौंडी, नागेश्वर पुरवा, शुक्लन पुरवा, छतरपुरवा, तारा पुरवा, जुगला पुरवा, अग्ररौरी, दुबहा, पंचदेवरी, बांसगढी सहित 28 राजस्व गांव के करीब 105 मजरे प्रभावित हैं, जबकि कैसरगंज तहसील क्षेत्र के गोडहिया नंबर 1, 2, 3,4 अहाता, खुर्रामपुर, बभनन पुरवा, भिर्गु पुरवा, मल्हन पुरवा, मंझारा तौकली, 11 सौ रेती सहित 31 राजस्व गांवों के करीब 110 मजरें बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि मिहीपुरवा तहसील क्षेत्र के सोमई गौढी, बख्तावर गांव, गिरगिटी सहित करीब पांच गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.
आंकड़ों पर अगर गौर करें तो एल्गिन ब्रिज पर घांघरा खतरे के निशान से 108 सेंटीमीटर और घूर देवी में 38 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. बैराजों से पानी छोड़े जाने की स्थिति कुछ इस प्रकार है. गिरजा पुरी बैराज से 169570 क्यूसेक, गोपिया बैराज से 6109 क्यूसेक, शारदा बैराज से 168408 क्यूसेक, जबकि बनबसा बैराज से 64010 क्यूसेक पानी घाघरा में छोड़ा जा रहा है.
जिलाधिकारी शंभू कुमार द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ प्रभावितों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि जिले की तीन तहसीलों महसी, मिहीपुरवा और कैसरगंज के 61 राजस्व गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. उन्होंने बताया कि उन गांव की 151222 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. उन्होंने बताया कि बचाव और राहत कार्यों के लिए 179 नावें लगाई गई हैं, जबकि एनडीआरएफ की एक टीम और पीएसी की एक प्लाटून बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में किसी भी विषम स्थिति से निपटने के लिए लगाई गई है. उन्होंने बताया कि 800 बाढ़ पीड़ितों को तारपोलिन शीट उपलब्ध कराई गई हैं. तेईस बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं.