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अयोध्या मामले में हर रोज 4 गवाहों को समन का आदेश, 1026 की होनी है गवाही

यूपी के अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाए जाने के आपराधिक मामले में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने अभियोजन को अब रोजाना चार गवाहों को समन जारी करने का आदेश दिया है.

4 गवाहों को समन जारी करने का आदेश.
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Published : Oct 11, 2019, 11:52 PM IST

अयोध्या: विवादित ढांचे को ढहाए जाने के आपराधिक मामले में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने अभियोजन को अब रोजाना चार गवाहों को समन जारी करने का आदेश दिया है, ताकि इस मामले में 24 दिसंबर तक गवाही की प्रक्रिया पूरी हो सके.

सीबीआई के पास है 1026 गवाहों की सूची
19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर इस मामले की सुनवाई दो साल में पूरा करने का आदेश दिया था. हालांकि अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह अवधि 9 माह के लिए और बढ़ा दी है. अभियोजन की ओर से अब तक इस मामले में करीब 344 गवाह पेश किए जा चुके हैं. सीबीआई के पास तकरीबन 1026 गवाहों की सूची है.

इन पर है मामले का आरोप
30 मई 2017 को इस आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और विष्णु हरि डालमिया पर आईपीसी की धारा 120 बी (साजिश रचने) के तहत आरोप तय किया था, जिसके बाद इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 153ए, 153बी व 505 (1)बी के साथ ही आईपीसी की धारा 120 बी के तहत भी मुकदमे का विचारण शुरू हो गया.

इन लोगों पर नहीं सिद्ध हुआ था आरोप
महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास और डॉ. सतीश प्रधान के खिलाफ 147, 149, 153ए, 153बी, 295, 295ए व 505 (1)बी के साथ ही आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आरोप तय हुआ था, जबकि राज्यपाल होने के नाते कल्याण सिंह के खिलाफ आरोप तय नहीं हो सका था.

कल्याण सिंह पर भी दर्ज हैं कई धाराएं
बीते 27 सितंबर को विशेष अदालत ने राज्यपाल पद से सेवानिवृति के बाद कल्याण सिंह पर भी इस मामले में आईपीसी की धारा 120बी, 153ए, 153बी, 295, 295ए के साथ ही आईपीसी की धारा 505 के तहत आरोप तय कर दिया. साथ ही उनकी पत्रावली अलग भी कर दी गई.

मामले में 33 अभियुक्त हैं मौजूद
6 दिंसबर, 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में 49 एफआईआर दर्ज हुए थे. एक एफआईआर फैजाबाद के थाना रामजन्म भूमि में एसओ प्रियवंदा नाथ शुक्ला, जबकि दूसरी एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी. शेष 47 एफआईआर अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग पत्रकारों और फोटोग्राफरों ने भी दर्ज कराए थे.

5 अक्टूबर, 1993 को सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में कुल 49 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इनमें 16 अभियुक्तों की मौत हो चुकी है. अब इस मामले में 33 अभियुक्तों के खिलाफ दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो रही है.

अयोध्या: विवादित ढांचे को ढहाए जाने के आपराधिक मामले में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने अभियोजन को अब रोजाना चार गवाहों को समन जारी करने का आदेश दिया है, ताकि इस मामले में 24 दिसंबर तक गवाही की प्रक्रिया पूरी हो सके.

सीबीआई के पास है 1026 गवाहों की सूची
19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर इस मामले की सुनवाई दो साल में पूरा करने का आदेश दिया था. हालांकि अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह अवधि 9 माह के लिए और बढ़ा दी है. अभियोजन की ओर से अब तक इस मामले में करीब 344 गवाह पेश किए जा चुके हैं. सीबीआई के पास तकरीबन 1026 गवाहों की सूची है.

इन पर है मामले का आरोप
30 मई 2017 को इस आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और विष्णु हरि डालमिया पर आईपीसी की धारा 120 बी (साजिश रचने) के तहत आरोप तय किया था, जिसके बाद इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 153ए, 153बी व 505 (1)बी के साथ ही आईपीसी की धारा 120 बी के तहत भी मुकदमे का विचारण शुरू हो गया.

इन लोगों पर नहीं सिद्ध हुआ था आरोप
महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास और डॉ. सतीश प्रधान के खिलाफ 147, 149, 153ए, 153बी, 295, 295ए व 505 (1)बी के साथ ही आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आरोप तय हुआ था, जबकि राज्यपाल होने के नाते कल्याण सिंह के खिलाफ आरोप तय नहीं हो सका था.

कल्याण सिंह पर भी दर्ज हैं कई धाराएं
बीते 27 सितंबर को विशेष अदालत ने राज्यपाल पद से सेवानिवृति के बाद कल्याण सिंह पर भी इस मामले में आईपीसी की धारा 120बी, 153ए, 153बी, 295, 295ए के साथ ही आईपीसी की धारा 505 के तहत आरोप तय कर दिया. साथ ही उनकी पत्रावली अलग भी कर दी गई.

मामले में 33 अभियुक्त हैं मौजूद
6 दिंसबर, 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में 49 एफआईआर दर्ज हुए थे. एक एफआईआर फैजाबाद के थाना रामजन्म भूमि में एसओ प्रियवंदा नाथ शुक्ला, जबकि दूसरी एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी. शेष 47 एफआईआर अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग पत्रकारों और फोटोग्राफरों ने भी दर्ज कराए थे.

5 अक्टूबर, 1993 को सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में कुल 49 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इनमें 16 अभियुक्तों की मौत हो चुकी है. अब इस मामले में 33 अभियुक्तों के खिलाफ दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो रही है.

विवादित ढांचा गिराए जाने का मामला 
24 दिसम्बर तक पूरी हो जाएगी गवाही की प्रक्रिया
'रोज चार गवाहों को समन जारी करे अभियोजन' 
विशेष अदालत का आदेश 
लखनऊ। विधि संवाददाता
अयोध्या के विवादित ढांचा को ढ़हाए जाने के आपराधिक मामले में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने अभियोजन को अब रोजाना चार गवाहों को समन जारी करने का आदेश दिया है। ताकि इस मामले में 24 दिसंबर तक गवाही की प्रक्रिया पूरी हो सके।

19 अप्रैल, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर इस मामले की सुनवाई दो साल में पुरा करने का आदेश दिया था। हालाकि अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह अवधि नौ माह के लिए और बढ़ा दी है। अभियोजन की ओर से अब तक इस मामले में करीब 344 गवाह पेश किए जा चुके हैं। सीबीआई के पास तकरीबन एक हजार 26 गवाहों की सूची हैं।


30 मई, 2017 को इस आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार व विष्णु हरि डालमिया पर आईपीसी की धारा 120 बी (साजिश रचने) के तहत आरोप तय किया था। जिसके बाद इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 153ए, 153बी व 505 (1)बी के साथ ही आईपीसी की धारा 120 बी के तहत भी मुकदमे का विचारण शुरु हो गया।

वहीं महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास व डॉ. सतीश प्रधान के खिलाफ 147, 149, 153ए, 153बी, 295, 295ए व 505 (1)बी के साथ ही आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आरोप तय हुआ था। जबकि राज्यपाल होने के नाते कल्याण सिंह के खिलाफ आरोप तय नहीं हो सका था।

बीते 27 सितंबर को विशेष अदालत ने राज्यपाल पद से सेवानिवृति के बाद कल्याण सिंह पर भी इस मामले में आईपीसी की धारा 120बी, 153ए, 153बी, 295, 295ए के साथ ही आईपीसी की धारा 505 के तहत आरोप तय कर दिया। साथ ही उनकी पत्रावली अलग भी कर दी गई।


मामला
छह दिंसबर, 1992 को विवादित ढांचा ढंहाए जाने के मामले में कुल 49 एफआईआर दर्ज हुए थे। एक एफआईआर फैजाबाद के थाना रामजन्म भूमि में एसओ प्रियवंदा नाथ शुक्ला जबकि दूसरी एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी। शेष 47 एफआईआर अलग अलग तारीखों पर अलग अलग पत्रकारों व फोटोग्राफरों ने भी दर्ज कराए थे।

पांच अक्टूबर, 1993 को सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में कुल 49 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमंे 16 अभियुक्तों की मौत हो चुकी है। अब इस मामले में 33 अभियुक्तों के खिलाफ दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो रही है।
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