अयोध्या: कोरोना संक्रमण काल कम होने के बाद कई महीनों के अंतराल पर गुरुवार को नगर निगम अयोध्या के बोर्ड की बैठक संपन्न हुई. बैठक बेहद हंगामेदार रही. इस दौरान नगर के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने विकास से संबंधित योजनाओं की घोषणा की. वहीं विपक्षी दल के पार्षदों ने जोरदार हंगामा किया. नगर निगम में परिसीमन के बाद शामिल किए गए 41 गांवों में लगाए गए टैक्स को आखिरकार विपक्षी दल के पार्षदों के हंगामे के कारण स्थगित करना पड़ा.
नगर निगम की बोर्ड की बैठक में ये फैसला लिया गया कि जब तक 41 गांव का परिसीमन और वार्ड नहीं बन जाता तब तक टैक्स नहीं लगेगा. नगर निगम में शामिल 41 गांव में टैक्स के निर्धारण को लेकर समाजवादी पार्टी ने मुहिम छेड़ रखी थी. समाजवादी पार्टी ने नगर निगम को चेतावनी दी थी कि अगर टैक्स स्थगित नहीं किया गया तो वह सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे. बोर्ड की बैठक में कार्यकारिणी के 6 सदस्यों का चुनाव भी किया गया. अयोध्या नगर निगम के विस्तार के लिए आसपास के 41 गांव को नगर निगम में शामिल किया गया है. नगर निगम बोर्ड की बैठक आयुक्त सभागार में की गई, जिसमें महापौर ऋषिकेश उपाध्याय,नगर आयुक्त विशाल सिंह समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे. साथ ही नगर निगम के सभी 60 वार्ड के पार्षद भी मौजूद रहे.
इसे भी पढ़ें- अयोध्या नगर निगम ने बिना बिजली-पानी लगा दिया टैक्स, लोगों में गुस्सा
बता दें कि राम नगरी के चहुंमुखी विकास के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने नगर पालिका परिषद अयोध्या और नगर पालिका परिषद फैजाबाद का अस्तित्व समाप्त कर अयोध्या नगर निगम का गठन किया था. इसके बाद सीमा विस्तार के साथ बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी क्षेत्र में शामिल करते हुए नगर निगम का हिस्सा बना दिया गया. बीते वर्ष हुए परिसीमन में जिन 41 गांवों को नगर निगम का हिस्सा बनाया गया है वहां पर समुचित व्यवस्थाएं भी नहीं हैं. लेकिन नगर निगम में शामिल 41 गांवों के लिए टैक्स का निर्धारण कर दिया गया था और अखबार में इसके लिए विज्ञापन भी दिया गया था. टैक्स निर्धारण के बाद सपा नेता और पूर्व राज्यमंत्री पवन पांडे का भी बयान आया था. पवन पांडे ने कहा था कि 41 गांवों में अभी तक नगर निगम ने बिजली, पानी और सड़क की सुविधा तक नहीं दी है. इसके बावजूद टैक्स का निर्धारण कर दिया गया जो कि उचित नहीं है.