अयोध्या: कोरोना संक्रमण का असर रामनगरी में जेठ महीने के पहले मंगलवार को देखने को मिला. लॉकडाउन के चलते सभी मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए बंद हैं. ऐसे में जहां जेठ के पहले मंगलवार के दिन लाखों की संख्या में भक्त हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए पहुंचते थे, वहीं आज हनुमानगढ़ी परिसर भक्तों के बिना खाली है. भक्त हनुमानगढ़ी में प्रवेश न कर पाएं, इसके लिए हनुमानगढ़ी गेट पर भारी संख्या में सुरक्षा बल को तैनात किया गया है.
लॉकडाउन के चलते अयोध्या के मंदिरों में दर्शन बंद हैं. मंदिरों में रह रहे साधु-संत भगवान की पूजा-अर्चना पूर्व की भांति करते चले आ रहे हैं, लेकिन श्रद्धालुओं के दर्शन पर रोक है. चैत्र रामनवमी, रामलला जन्मोत्सव के बाद यह तीसरा बड़ा अवसर है, जब संतों ने लॉकडाउन का पालन कर कोरोना संक्रमण से बचाव में अपना सहयोग देने का निर्णय लिया है.
सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी महंत राजूदास का कहना है कि जेठ माह के पहले मंगलवार के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु हनुमानगढ़ी में दर्शन करने आते थे, लेकिन इस बार महामारी के चलते लोगों से घरों में रहने की अपील की जा रही है. जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से देश को मुक्त करने का बीड़ा उठाया है, उसमें संत समाज भी अपना सहयोग दे रहा है.
महंत राजूदास का कहना है कि अयोध्या का संत समाज शासन और प्रशासन के साथ महामारी से निपटने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है. वहीं सहादतगंज हनुमानगढ़ी के महंत त्रिलोकीनाथ का कहना है कि देश में कोरोना आपदा का कहर है. ऐसे में श्रद्धालुओं को अपने घरों में रहकर पूजा पाठ करना चाहिए. महामारी में शासन और प्रशासन का सहयोग करना आवश्यक है.
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अयोध्या के संतों-महंतों ने लोगों से अपने घरों में रहकर पूजा-अर्चना करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जीवन की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसे में घर पर रहकर मानसिक पूजा की जा सकती है.