अयोध्या: भगवान राम की जन्मस्थली में बन रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण के अलावा आसपास मौजूद खाली जमीनों पर ट्रस्ट से जुड़े विभिन्न भवन बनाने की योजना पर विवाद खड़ा हो गया है. अयोध्या के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी के पंच रामानंदी निर्वाणी अनी अखाड़ा के हरिद्वारी पट्टी के श्री महंत मुरली दास ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन के साथ साथ गांठ कर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उनकी 62 बिस्वा जमीन हड़पना चाहता है. जबकि इस संबंध में एक वाद न्यायालय में लंबित है, जिसमें जिला प्रशासन भी एक पक्षकार है.
सदियों से गुरू और दादा गुरू के नाम दर्ज है जमीन: शुक्रवार की दोपहर संकट मोचन सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय दास के नेतृत्व में बड़ी संख्या में हनुमानगढ़ी के नागा साधु संत अंगद टीला के पास पहुंच गए. वहां पर उन्होंने अंगद टीला के पास विवादित जमीन को ट्रस्ट और जिला प्रशासन के साथ मिलकर अधिग्रहित करने का आरोप लगाया. सागरीय पट्टी के महंत मुरलीदास ने कहा कि कई दशकों और कई पीढ़ियों से अंगद टीला उनके गुरू और दादा गुरू के नाम से दर्ज है.राम जन्मभूमि परिसर से सटे अंगद टीला पर लंबे समय से वह पूजा अर्चना करते चले आ रहे हैं. वर्तमान में इस जमीन को हड़पने की नीयत से उनका नाम हटाकर जमीन को नजूल सरकार के नाम से दर्ज कर लिया गया है. जबकि अभी तक यह जमीन उनके गुरू और दादा गुरू के नाम से सरकारी अभिलेखों में दर्ज थी. महंत मुरली दास ने कहा कि इस जमीन पर ट्रस्ट के लोग होटल बनाना चाहते हैं, जबकि यह जमीन उनकी है. उनकी मंशा है कि इस जमीन पर सड़क चौड़ीकरण में विस्थापित हुए दुकानदारों और साधु-संतों को बसाने का कार्य किया जाए और जबरिया उनसे जमीन न छीनी जाए.
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जबरिया हड़पी गई जमीन तो भुगतने पड़ेंगे गंभीर परिणाम: संकट मोचन सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय दास ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन के साथ मिलकर ट्रस्ट के पदाधिकारी हनुमानगढ़ी की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं. इस संबंध में न्यायालय में वाद भी लंबित है. बावजूद इसके जबरिया तरीके से अंगद टीला को अधिग्रहित करने का प्रयास किया जा रहा है. यह जमीन हनुमानगढ़ी की सागरीय पट्टी की है, अगर जबरिया इस जमीन को हड़पने की कोशिश की गई, तो नागा साधु संत एक बड़ा आंदोलन करेंगे और इसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ेंगे. वहीं, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा का कहना है कि जमीन नजूल है, यह प्रशासन जाने. हमारा इस प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट किसी भी प्रकार के अधिग्रहण और कब्जे की बात को खारिज कर रहा है.
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