अयोध्या: राम नगरी में बड़े स्तर पर मनाये जाने वाले चैत्र नवरात्र मेले को संतों ने एकमत होकर आयोजित न करने का निर्णय लिया था. इसके बाद इसका पूरा पालन किया गया और अयोध्या में लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह सोशल डिस्टेंसिंग और भीड़ नहीं दिखी. वहीं कुछ दिन पहले प्रशासन ने मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ मिलकर मुस्लिम समाज के लोगों से अपने घरों में रहकर नमाज अदा करने की अपील की थी, जिसका असर पूरी तरह दिख रहा है.
अब प्रशासन मुस्लिम समाज के त्यौहार शब-ए-बारात को लेकर चिंतित है. मुस्लिम समाज के वरिष्ठ लोगों के साथ मुस्लिम धर्मगुरुओं से प्रशासन सीधे संपर्क कर रहा है. उनसे अपील की जा रही है कि समाज को भीड़ एकत्र करने से रोकें. इसी क्रम में सोमवार को कैंट थाने में अयोध्या और फैजाबाद के मुस्लिम समाज के धर्मगुरु और वरिष्ठ लोगों के साथ प्रशासन ने बैठक की. बैठक में आगामी पर्व शब-ए-बारात को लेकर चर्चा की गई. प्रशासन की ओर से कहा गया कि पर्व को लेकर भीड़ एकत्र न की जाए. इस पर मुस्लिम समाज के लोगों ने सहमति जताई है.
फैजाबाद के मुस्लिम समाज के वरिष्ठ व्यक्ति डॉक्टर गनी ने कहा है कि हम प्रशासन की अपील का स्वागत करते हैं. महामारी से बचाव के लिए लोगों से अपील की जाती है कि वह घरों में रहकर शब-ए-बारात का पर्व मनाएं. उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में इस्लाम धर्म में घरों पर की जाने वाली दुआ कबूल की जाती है. उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति अगर घर पर इबादत करता है तो अल्लाह उसे स्वीकार करेगा.
बैठक में शामिल एसपी सिटी विजय पाल सिंह ने कहा कि शब-ए-बारात मुस्लिम समाज के लोगों ने घरों पर मनाने की बात कही है. उन्होंने लॉकडाउन का पालन पूरी तरह करने का आश्वासन दिया है. शब-ए-बारात पर्व के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने की बात कही गई है.
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