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श्रीराम के भक्तों के लिए खुशखबरी, अयोध्या के मौसम की मिलेगी सटीक जानकारी - डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में आने वाले श्रद्धालुओं को अब मौसम की पहले से ही सटीक जानकारी मिल सकेगी. डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (ram manohar lohia avadh university) एवं मौसम विज्ञान विभाग (meteorological department) के बीच एमओयू (mou) साइन हुआ है.

अयोध्या
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Published : Jun 16, 2021, 10:03 AM IST

अयोध्याः रामदर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अब मौसम की चिंता करने की जरूरत नहीं. मौसम के बारे में उन्हें पहले ही सटीक जानकारी मिल सकेगी. दरअसल, डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (ram manohar lohia avadh university) एवं मौसम विज्ञान विभाग (meteorological department) के बीच एमओयू (mou) साइन हुआ है. इसके तहत अब न केवल अवध विश्वविद्यालय को जलवायु संबंधी सूचनाएं मिलेंगी बल्कि अयोध्यावासियों एवं बाहर से आए श्रद्धालुओं को भी इसकी सही जानकारी प्राप्त हो सकेगी.

अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने बताया कि अयोध्या प्राचीन, धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी है. इस पौराणिक नगरी को शीघ्र ही तमाम सुविधाएं मिलने वाली हैं. प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ होने से अयोध्या की महत्ता बढ़ गई है. यहां श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या में लगातार में वृद्धि हो रही है. विश्वविद्यालय एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के बीच हुए एमओयू से जलवायु संबंधी सूचनाओं का लाभ न केवल शैक्षणिक संस्थानों को प्राप्त होगा बल्कि अयोध्यावासियों एवं बाहर से आए श्रद्धालुओं को सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी.

उन्होंने बताया कि मंगलवार को डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली के बीच कौटिल्य प्रशासनिक भवन में मेमोरेंडम आफ अंडर स्टैंडिग (एमओयू) साइन किया गया. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, नई दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. आरके गिरी ने एमओयू पर हस्ताक्षार किया. मौके पर विवि के कुलसचिव उमानाथ, पृथ्वी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के निदेशक प्रो. जसवंत सिंह मौजूद रहे.

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अवध विवि के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने बताया कि वैज्ञानिकों के अनुसंधान से आईएसएसडी से मौसम संबंधी डाटा प्राप्त किया जाएगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय शीघ्र ही भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से वेधशाला का निर्माण कराएगा. इससे मौसम संबंधी सभी आंकड़ों को एकत्र का उन पर शोध किया जाएगा. पृथ्वी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के निदेशक प्रो. जसवंत सिंह ने बताया कि इस एमओयू से विवि के शिक्षकों, शोधार्थियों एवं छात्र-छात्राओं के वैज्ञानिक सहयोग से भविष्य में नई परियोजना का लाभ प्राप्त होगा. इसके अतिरिक्त भारत मौसम विज्ञान विभाग के साथ शोध करने का सुनहरा अवसर प्राप्त होगा.

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अयोध्याः रामदर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अब मौसम की चिंता करने की जरूरत नहीं. मौसम के बारे में उन्हें पहले ही सटीक जानकारी मिल सकेगी. दरअसल, डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (ram manohar lohia avadh university) एवं मौसम विज्ञान विभाग (meteorological department) के बीच एमओयू (mou) साइन हुआ है. इसके तहत अब न केवल अवध विश्वविद्यालय को जलवायु संबंधी सूचनाएं मिलेंगी बल्कि अयोध्यावासियों एवं बाहर से आए श्रद्धालुओं को भी इसकी सही जानकारी प्राप्त हो सकेगी.

अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने बताया कि अयोध्या प्राचीन, धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी है. इस पौराणिक नगरी को शीघ्र ही तमाम सुविधाएं मिलने वाली हैं. प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ होने से अयोध्या की महत्ता बढ़ गई है. यहां श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या में लगातार में वृद्धि हो रही है. विश्वविद्यालय एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के बीच हुए एमओयू से जलवायु संबंधी सूचनाओं का लाभ न केवल शैक्षणिक संस्थानों को प्राप्त होगा बल्कि अयोध्यावासियों एवं बाहर से आए श्रद्धालुओं को सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी.

उन्होंने बताया कि मंगलवार को डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली के बीच कौटिल्य प्रशासनिक भवन में मेमोरेंडम आफ अंडर स्टैंडिग (एमओयू) साइन किया गया. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, नई दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. आरके गिरी ने एमओयू पर हस्ताक्षार किया. मौके पर विवि के कुलसचिव उमानाथ, पृथ्वी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के निदेशक प्रो. जसवंत सिंह मौजूद रहे.

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अवध विवि के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने बताया कि वैज्ञानिकों के अनुसंधान से आईएसएसडी से मौसम संबंधी डाटा प्राप्त किया जाएगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय शीघ्र ही भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से वेधशाला का निर्माण कराएगा. इससे मौसम संबंधी सभी आंकड़ों को एकत्र का उन पर शोध किया जाएगा. पृथ्वी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के निदेशक प्रो. जसवंत सिंह ने बताया कि इस एमओयू से विवि के शिक्षकों, शोधार्थियों एवं छात्र-छात्राओं के वैज्ञानिक सहयोग से भविष्य में नई परियोजना का लाभ प्राप्त होगा. इसके अतिरिक्त भारत मौसम विज्ञान विभाग के साथ शोध करने का सुनहरा अवसर प्राप्त होगा.

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