अयोध्या: जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 20 अप्रैल को एक 14 वर्षीय किशोरी की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस प्रकरण में मृत किशोरी की मां और उसके भाई ने स्थानीय पुलिस प्रशासन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) से मृतका के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराने और पूरी घटना की पुनः जांच कराने की मांग की है.
मृतका के परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी के साथ अमानवीय कृत्य किया गया और घटना को छिपाने के लिए जल्दबाजी में उसे दफना दिया गया. घटना के बाद कुछ रिश्तेदारों ने ही बिना पुलिस को सूचना दिए मृत किशोरी के शव को दफना दिया. वहीं, मामला मुख्यमंत्री पोर्टल तक पहुंचने के बाद तारुन थाने की पुलिस पूरे मामले की जांच करने के लिए मृतका के घर पहुंची.
भाई ने पुलिस से की मामले की शिकायत : थाना तारुन के एक गांव में 20 अप्रैल को घर के अंदर 14 वर्षीय एक किशोरी का शव दुपट्टे के सहारे फांसी पर झूलता मिला था. उस किशोरी की मां गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में काम करती है. वह वापस आई तो उसने अपनी बेटी का शव फांसी के फंदे पर लटकता हुआ पाया. किशोरी के परिजन और रिश्तेदारों ने पुलिस को बिना बताए ही शव को दफना दिया.
इसे भी पढे़ंः लघुशंका के बहाने कोर्ट से फरार हुई लुटेरी दुल्हन, फेरे से पहले दूल्हे से लिए थे 1.5 लाख रुपये
तीसरे दिन कोलकाता से खबर पाकर पहुंचे किशोरी के भाई ने अपनी छोटी बहन के साथ अज्ञात व्यक्तियों के अमानवीय कृत्यकर उसका गला दबाकर हत्या करने की शिकायत 22 अप्रैल को इलाकाई पुलिस सहित मुख्यमंत्री पोर्टल पर कर दी. इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. क्षेत्रीय पुलिस एक बार फिर मृत किशोरी के परिवार से घटना की जानकारी इकट्ठा करने पहुंची.
मृतक किशोरी की मां और भाई ने बताया कि उसके पिता की लगभग 5 वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है. उसके एक बड़ी बहन है जिसकी शादी हो गई है. वह अपने ससुराल में है. वहीं, घर पर छोटी बहन और मां ही बचे थे. उसकी बहन कक्षा नौ की छात्रा थी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप