अयोध्या: रामनगरी में चल रहे चतुर्थ दीपोत्सव की तैयारियों के दौरान 50 हजार से ज्यादा दीये सजावट के दौरान कम पड़ गए हैं. जानकारी होते ही जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने दीपोत्सव व्यवस्था की प्रभारी संस्था डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रविशंकर प्रसाद से बात कर खामी पर नाराजगी जताई. दीयों में डाले जाने के लिए 1,700 टीन तेल भी अभी नहीं पहुंच सका है. विवि के दीप व्यवस्था के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र वर्मा ने बताया कि कम पड़े दीयों को मंगाया गया है.
डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रविशंकर प्रसाद ने विवि के जनसंपर्क अधिकारी व गत वर्ष दीपोत्सव में राम की पैड़ी के नोडल अधिकारी आशीष मिश्र को राम जन्मभूमि परिसर से बुलाकर राम की पैड़ी की व्यवस्था में सहयोग देने को कहा है. बता दें कि आशीष मिश्र इस बार रामलला के दरबार में दीपोत्सव के नोडल अधिकारी हैं.
सजावट में कम पड़ गए 50 हजार से ज्यादा दीप
इस बार चतुर्थ दीपोत्सव के लिए दीपों का टेंडर लखनऊ की एक संस्था ने लिया था. संस्था ने अपनी आपूर्ति में पांच लाख दीपक भेजे जाने का दावा किया है, जबकि गुरुवार को संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के अधिकारियों की गिनती में दीपों की संख्या चार लाख से भी कम पाई गई. इस जानकारी से प्रशासन को भी अवगत कराया गया है. इस बात का खुलासा एक ग्रुप में मैसेज डाले जाने के बाद सबको हुआ. आनन-फानन में दीपों की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. अयोध्या के आसपास के गरीब कुम्हार परिवारों से गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी दीप दीप देने में सहयोग का आग्रह किया गया है. डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की टीम ने जयसिंहपुर गांव में डेरा डाल लिया है और वहां से कुम्हार परिवारों से दीप देने का आग्रह किया है.
टूट गए 30 हजार दीप
माना जा रहा है कि शाम तक दीपों की व्यवस्था कर ली जाएगी. लखनऊ की संस्था अक्षत के एक कर्मचारी ने बताया कि हमारी संस्था ने अपने आर्डर के पांच लाख दीप ला दिए हैं. करीब 30 हजार दीप टूट जाने के कारण समस्या आई है.