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अयोध्या: सीएम योगी का दीपोत्सव प्लान, अधिकारियों की लापरवाही के चलते अधर में लटकीं योजनाएं

पिछली साल सीएम योगी ने दीपोत्सव के बाद अयोध्या को कई योजनाओं का तोहफा दिया था. अयोध्या में 100 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं को एक साल में पूरा करना था. अधिकारियों की लापरवाही के चलते अब तक उन योजनाओं में काम चल रहा है.

सीएम योगी.
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Published : Oct 13, 2019, 3:24 PM IST

अयोध्या: प्रदेश की योगी सरकार अपने विकासवादी मंशा को धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के साथ जोड़कर बेहतर बनाने की योजना पर काम कर रही है. अयोध्या में दीपोत्सव को लेकर बड़ी योजनाओं के साथ तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन अधिकारी सरकार की मंशा पर बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. अयोध्या में 100 करोड़ से ज्यादा की योजनाएं एक साल के समय में पूरी की जानी थी. वहीं अब तक उन योजनाओं में काम चल रहा है.

अधिकारियों की लापरवाही के चलते अधर में लटकीं योजनाएं.

योगी सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे अधिकारी
एक साल का समय, चार बड़े विभाग, 100 करोड़ से ज्यादा रुपये, फिर भी काम अब तक पूरा नहीं हुआ. योजनाओं को पूरा करने के लिए प्रमुख सचिव सिंचाई ने जून तक और प्रमुख सचिव पर्यटन ने 30 सितंबर का समय दिया था. आलम यह है कि जिस दीपोत्सव में आने के लिए सीएम योगी पूरी दुनिया में आमंत्रण दे रहे हैं, उसका काम अभी तक प्रगति पर ही चल रहा है. ऐसा तब हो रहा है जब तीन-तीन बार खुद प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव पर्यटन और खुद सरकार के कई विभागीय मंत्री पूरे साल निरीक्षण करते रहे हैं.

नहीं शुरू हुआ राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने का काम
राम की पैड़ी पर सिंचाई विभाग के काम को 8 महीने में पूरा होना था, उसमें मात्र 10 दिन बचे हैं. जिस पर्यटन विभाग और सांस्कृतिक विभाग की जिम्मेदारी राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने की थी, वह अब तक शुरू भी नहीं हुआ है. पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी सड़क बनाने की थी, उसमें अब भी मिट्टी की साइड कटिंग की जा रही है.

इसे भी पढ़ें:- बहुत जल्द होगा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण: बाबा बलराम दास

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ीं योजनाएं
पिछले साल सीएम योगी ने दीपोत्सव में ढाई लाख दीप प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था. इसके बाद अयोध्या में और बड़े स्तर पर विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करने के साथ ही इसमें प्रोजेक्ट और रुपये दोनों दिया गया. जिससे इस बार दीपोत्सव में योगी सरकार अपना ही रिकॉर्ड को तोड़ सके. वहीं काम की क्वालिटी, टाइम और जनता के रुपये दोनों भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं.

सरकार की मंशा अयोध्या का चहुमुखी विकास और पर्यटन से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को ट्रिलियन में लाना है. सरकार की इस साफ विकासवादी सोच को अधिकारी बट्टा लगाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे. पूरे साल अधिकारी योजनाओं को फाइलों में घुमाते रहते हैं. जब समय कम बचता है, तब काम में तेजी दिखाई जाती है.

अयोध्या: प्रदेश की योगी सरकार अपने विकासवादी मंशा को धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के साथ जोड़कर बेहतर बनाने की योजना पर काम कर रही है. अयोध्या में दीपोत्सव को लेकर बड़ी योजनाओं के साथ तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन अधिकारी सरकार की मंशा पर बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. अयोध्या में 100 करोड़ से ज्यादा की योजनाएं एक साल के समय में पूरी की जानी थी. वहीं अब तक उन योजनाओं में काम चल रहा है.

अधिकारियों की लापरवाही के चलते अधर में लटकीं योजनाएं.

योगी सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे अधिकारी
एक साल का समय, चार बड़े विभाग, 100 करोड़ से ज्यादा रुपये, फिर भी काम अब तक पूरा नहीं हुआ. योजनाओं को पूरा करने के लिए प्रमुख सचिव सिंचाई ने जून तक और प्रमुख सचिव पर्यटन ने 30 सितंबर का समय दिया था. आलम यह है कि जिस दीपोत्सव में आने के लिए सीएम योगी पूरी दुनिया में आमंत्रण दे रहे हैं, उसका काम अभी तक प्रगति पर ही चल रहा है. ऐसा तब हो रहा है जब तीन-तीन बार खुद प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव पर्यटन और खुद सरकार के कई विभागीय मंत्री पूरे साल निरीक्षण करते रहे हैं.

नहीं शुरू हुआ राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने का काम
राम की पैड़ी पर सिंचाई विभाग के काम को 8 महीने में पूरा होना था, उसमें मात्र 10 दिन बचे हैं. जिस पर्यटन विभाग और सांस्कृतिक विभाग की जिम्मेदारी राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने की थी, वह अब तक शुरू भी नहीं हुआ है. पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी सड़क बनाने की थी, उसमें अब भी मिट्टी की साइड कटिंग की जा रही है.

इसे भी पढ़ें:- बहुत जल्द होगा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण: बाबा बलराम दास

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ीं योजनाएं
पिछले साल सीएम योगी ने दीपोत्सव में ढाई लाख दीप प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था. इसके बाद अयोध्या में और बड़े स्तर पर विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करने के साथ ही इसमें प्रोजेक्ट और रुपये दोनों दिया गया. जिससे इस बार दीपोत्सव में योगी सरकार अपना ही रिकॉर्ड को तोड़ सके. वहीं काम की क्वालिटी, टाइम और जनता के रुपये दोनों भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं.

सरकार की मंशा अयोध्या का चहुमुखी विकास और पर्यटन से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को ट्रिलियन में लाना है. सरकार की इस साफ विकासवादी सोच को अधिकारी बट्टा लगाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे. पूरे साल अधिकारी योजनाओं को फाइलों में घुमाते रहते हैं. जब समय कम बचता है, तब काम में तेजी दिखाई जाती है.

Intro:अयोध्या. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने विकासवादी मंशा में धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन को जोड़कर बेहतर बनाने की योजना पर काम कर रही है। अयोध्या में दीपोत्सव को लेकर बड़ी योजनाओं के साथ तैयारियां जोरों पर है, लेकिन भ्रष्टाचारी तंत्र के अधिकारी सरकार की साफ मंशा और योगी की साख पर बट्टा लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अयोध्या में जिस तरह से 100 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं को 1 साल के समय में पूरी की जानी थी उसमें अब तक सिर्फ खुदाई ही चल रही है। 1 साल का समय 4 बड़े विभाग 100 करोड़ से ज्यादा रुपए फिर भी काम अब तक पूरा नहीं हुआ। जबकि प्रमुख सचिव पर्यटन 30 सितंबर, प्रमुख सचिव सिंचाई ने जून तक का समय दिया था।

आलम यह है कि जिस दीपोत्सव में आने के लिए योगी जी पूरी दुनिया में आमंत्रण दे रहे हैं। उसका काम अभी तक प्रगति पर ही चल रहा है। और ऐसा तब हो रहा है जब तीन तीन बार खुद प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव पर्यटन और खुद सरकार के दर्जनों विभागीय मंत्री पूरे साल निरीक्षण करते रहे हैं। जिस राम की पैड़ी पर सिंचाई विभाग के काम को 8 महीने में पूरा होना था उसमें मात्र 10 दिन बचे हैं। जिस पर्यटन विभाग और सांस्कृतिक विभाग की जिम्मेदारी राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने की थी वह अभी तक शुरु भी नहीं हुई है। पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी सड़क बनाने की थी उसमें अभी भी मिट्टी की साइड कटिंग की जा रही है।
पिछले साल योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव में ढाई लाख दीप प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। जिसके बाद ही अयोध्या में और बड़े स्तर पर विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करने के साथ ही इसमें प्रोजेक्ट और पैसा दोनों दिया गया। जिससे इस बार दीपोत्सव में योगी सरकार अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ सकें। लेकिन 1 साल बीतने के बाद भी कहीं भी अधिकारियों में गंभीरता नजर नहीं आ रही है। जिससे काम की क्वालिटी, टाइम और जनता का पैसा दोनों भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं।



Body:सरकार की मंशा साफ है, अयोध्या का चहुमुखी विकास और पर्यटन से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को ट्रिलियन में लाना। लेकिन सरकार की इस साफ विकासवादी सोच को बट्टा लगाने में कोई भी कसर इसके कमीशन खोर अधिकारी नहीं छोड़ना चाहते। क्योंकि इनकी आदत अभी भी पूर्व की भ्रष्टाचारी सपा बसपा जैसी ही बनी हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस साफ विचार और विकासवादी सोच को लेकर अयोध्या में दीपोत्सव कराते हैं।
पूरे साल उन्हीं के अधिकारी योजनाओं को फाइलों में घुमाते रहते हैं। और जब समय कम बचता है तब काम में तेजी दिखाई जाती है । जिससे सरकार से मनचाहा पेमेंट हासिल कर सके।
अब सवाल यह है कि पिछले दीपोत्सव के दौरान ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी मंशा उत्तर प्रदेश को ट्रिलियम इकोनामी बनाने में पर्यटन को विशेष महत्व दिया था, तो 1 साल तक सरकारी अधिकारी क्या कर रहे थे। काम पूरा करने का टाइम लिमिट खत्म हुए 2 महीने से ज्यादा हो चुका है। लेकिन अभी भी कंस्ट्रक्शन जोरों पर है।
अब इतने कम समय में क्वालिटी और काम एक साथ कैसे होंगे ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन एक बार फिर से जनता की गाढ़ी कमाई पानी के जैसे बहाई जा रही है, जिसका कोई अंत दिखाई नहीं देता। फिलहाल हम इंतजार में हैं दीपोत्सव भव्य और विश्व स्तरीय हो जिसे एक बार फिर से उत्तर प्रदेश का नाम पूरी दुनिया में जाना जाए।


Conclusion:अयोध्या की देव दिवाली की ऐसी मान्यता है कि खुद देवता भी 1 महीने तक दीपोत्सव से पहले और दीपोत्सव के दौरान रुक कर विभिन्न रूपों में यहां आते हैं।

इस ख़बर का वीडियो कॉल रात में मोजो से ही भेज गया था कृपया वहीं से उठायें।
दिनेश मिश्रा,
8707765484
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