अयोध्या: जिले के दर्शन नगर में किसानों की एक महापंचायत का आयोजन हुआ. इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर किसानों ने अपनी आवाज बुलंद की. उन्होंने कहा कि या तो समान रूप से उन्हें मुआवजा दिया जाए, नहीं तो पहले किसान जमीन बचाने के लिए धरना देंगे और जबरदस्ती करने पर उसी जमीन पर आत्महत्या कर लेंगे.
परिवार के एक सदस्य को दें नौकरी
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए कृषि बिल और अयोध्या के धर्मपुर गांव में किसानों के भूमि अधिग्रहण मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने अयोध्या के दर्शन नगर क्षेत्र स्थित सूर्य कुंड परिसर में एक किसान महापंचायत हुई. इस महापंचायत में किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने भूमि अधिग्रहण मामले को लेकर नाराजगी जताते हुए पीड़ित किसानों को समान दर से मुआवजा देने और उनके परिवार के सदस्यों को नौकरी देने की मांग की. उन्होंने केंद्र सरकार के कृषि बिल का भी पुरजोर विरोध किया. किसान नेताओं ने धमकी भरे लहजे में कहा कि अगर अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट निर्माण के लिए जबरन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई तो यह पंचायत तो सिर्फ एक ट्रेलर है, योगी सरकार को एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
यूनियन सरकार को जबरन कब्जा नहीं करने देगी
किसानों की महापंचायत में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने कहा कि हम विकास के विरोध में नहीं हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट में किसानों की अधिग्रहित की जा रही जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिला तो यह तो अभी ट्रेलर है. भारतीय किसान यूनियन किसानों के हितों में जबरदस्त आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को उसकी जमीन का उचित मुआवजा दें. सरकार परिवार के भरण पोषण के लिए प्रत्येक परिवार को एक नौकरी भी दे. राजेश सिंह चौहान ने चेतावनी दी कि यदि किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिलता है, तो किसान यूनियन उस जमीन पर सरकार को कब्जा नहीं करने देगी.
केंद्र सरकार के कृषि बिल का होगा हर मोर्चे पर विरोध
किसानों की महापंचायत में केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए कृषि बिल पर भी चर्चा हुई. इस दौरान 1 स्वर में सभी किसान नेताओं ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे किसान विरोधी बिल करार दे दिया. पंचायत में शामिल किसान नेताओं ने कहा कि वह इस बिल का पुरजोर विरोध करते हैं और किसी भी सूरत में इस बिल को लागू नहीं होने देंगे. सरकार द्वारा पारित कृषि बिल पर भी भारतीय किसान यूनियन आंदोलित हुई और कहा गया कि यह कृषि बिल किसानों के हित में नहीं है और इस बिल को वापस लिया जाए.