अयोध्या: भारत को लगातार हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए आंदोलनरत महंत परमहंस दास महाराज ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए उन्होंने अपनी मांगों को पूरा किए जाने की बात कही है. साथ ही उन्होंने मांगे पूरी न होने की स्थिति में इच्छामृत्यु की मांग की है. बता दें कि रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण और सुप्रीम कोर्ट द्वारा शीघ्र फैसले के लिए महंत जगतगुरु परमहंस दास महाराज ने 2018 में 12 दिन तक आंदोलन किया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब वह भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.
राष्ट्रपति से सात बिंदुओं पर मांग की
उन्होंने कहा कि जब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा धर्म के आधार पर किया गया था, तो हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं घोषित किया गया. अपने जन्म दिवस के अवसर पर उन्होंने राष्ट्रपति से सात मांगें की हैं. उन्होंने कहा है कि अगर इन सातों बिंदुओं को भारत सरकार पूरा नहीं कर पाती तो राष्ट्रपति हमें इच्छामृत्यु देने का कष्ट करें.
महंत परमहंस दास की सात मांगें
- जनसंख्या नियंत्रण कानून देश में जल्द से जल्द लाया जाए.
- भारत में समान नागरिक संहिता कानून बनाया जाए. एक देश और दो संविधान देश में नहीं चल सकते हैं. देश में ऐसा कानून हो जो देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक पर लागू हो.
- भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए. क्योंकि देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के ऊपर दिन-प्रतिदिन अत्याचार बढ़ रहा है. इसलिए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करके पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं को भारत बुला लिया जाए और भारत के मुसलमानों को बांग्लादेश और पाकिस्तान भेज दिया जाए.
- देश की बेटियों को मुफ्त में शिक्षा दी जाए. क्योंकि देश की बेटियां देश की धरोहर हैं और वह दो कुलों की लाज रखती हैं. इसलिए उनकी शिक्षा बहुत अनिवार्य है.
- गोवंश राष्ट्र की धरोहर हैं, इसलिए ग्राम स्तर पर गो सेवा प्रधान द्वारा की जाए.
- रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने का आग्रह किया और कहा कि रामचरितमानस को पाठ्यक्रमों में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए.
- देश के युवाओं को बेरोजगार मुक्त किया जाए और प्रत्येक बेरोजगार युवक को नौकरी दी जाए.
उन्होंने कहा कि अगर इन सातों मांगों को नहीं पूरा किया जा सकता तो देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति महोदय हमें इच्छा मृत्यु का आदेश प्रदान करें. राष्ट्रपति के साथ-साथ उन्होंने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमत्री, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी अयोध्या को भी रजिस्टर्ड पत्र भेजा है.