अयोध्याः राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (ram janmabhoomi teerth kshetra trust) भ्रष्ट है. इसे भंग कर दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई की जानी चाहिए. यह आरोप शुक्रवार को निर्वाणी अनी अखाड़े के महंत धर्मदास (mahant dharmdas) ने लगाया. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ट्रस्ट में जो लोग शामिल हैं, वह भ्रष्टाचार करने के लिए ही आए हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीदने के प्रकरण में रोज कुछ ना कुछ नई बातें सामने आ रही हैं. गौरतलब है कि महंत धर्मदास, श्री राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे में एक पक्षकार के रूप में कई दशकों तक मुकदमा लड़ने वाले स्वर्गीय महंत अभिराम दास के शिष्य हैं.
अभी तक जहां समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ही जमीन खरीद प्रकरण में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे थे. वहीं, अब अयोध्या के कई वरिष्ठ संतों ने भी इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग कर डाली है. संतों का कहना है कि अगर कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है तो जांच कराने में क्या दिक्कत है. निर्वाणी अनी अखाड़े के महंत धर्मदास ने तो बेहद गंभीर लहजे में ट्रस्ट को भ्रष्ट करार दे दिया है. मीडिया से बात करते हुए महंत धर्मदास ने कहा कि भगवान राम के नाम पर दान किए गए पैसे का अनर्गल प्रयोग हो रहा है. लोग भ्रष्टाचार कर रहे हैं. इसकी जांच होनी चाहिए.
श्री राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे में एक पक्षकार के रूप में कई दशकों तक मुकदमा लड़ने वाले स्वर्गीय महंत अभिराम दास के शिष्य और निर्वाणी अनि अखाड़े के महंत धर्मदास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला दिया था. जिस ट्रस्ट का निर्माण किया गया, वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नहीं हुआ है. यह तो लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए आपसी समझौते के आधार पर ट्रस्ट बना लिया है. ट्रस्ट के लोग लगातार अपने मन मुताबिक, अपने फायदे के लिए काम कर रहे हैं. ट्रस्ट को भंग किया जाना चाहिए. भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.
महंत धर्मदास ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब भ्रष्टाचार के आरोप पर उनसे जवाब मांगा गया, तब वह महात्मा गांधी की हत्या की बेमतलब की बात कर रहे थे. हकीकत यह है कि जिस समय गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की, उस समय चंपत राय अपनी मां के गर्भ में रहे होंगे, फिर भी ऐसे अनर्गल बयान दे रहे हैं.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाकर मंदिरों को पहले अधिग्रहित किया जा रहा है, फिर इन्हें तोड़ दिया जा रहा है. यह सब गलत है. आखिर, रामलला के लिए आए दान के पैसे से ट्रस्ट के लोग बनवाना क्या चाहते हैं, यह तो बताएं. अयोध्या के लोग और रामभक्त अभी तक नहीं जान पाए हैं कि आखिरकार रामलला के लिए आए दान के पैसे से ट्रस्ट क्या करने वाला है. धर्मदास ने कहा कि मैं इस ट्रस्ट को पूरी तरह से भ्रष्ट मानता हूं और पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.
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आपको बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष और मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी शिष्य महंत कमल नयन दास ने भी ट्रस्ट की कार्यशैली पर बीते दिनों सवाल उठाया था. आरोप लगाया था कि ट्रस्ट के पदाधिकारी अपने मन मुताबिक कार्य कर रहे हैं. महंत कमल नयन दास ने भी यह मांग की थी कि अगर आरोप लगे हैं तो जांच कराने में क्या बुराई है. हम सभी मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के अनुयाई हैं इसलिए हमारा कर्तव्य है कि अगर हम पर कोई आरोप लगता है तो हम उस पर अपना पक्ष जरूर रखें.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में जमीन खरीद का मामला विवादों में आ गया था. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने जमीन खरीद में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया था. दावा किया था कि 2 करोड़ रुपये की जमीन को 18 करोड़ में खरीदा गया. इसके बाद संजय सिंह के आरोपों में सपा नेता पवन पांडे ने हां में हां मिलाया तो राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय खुद जवाब देने के लिए आगे आए. चंपत राय ने कहा कि मैं ऐसे आरोपों से नहीं डरता. जमीन खरीद को लेकर जो भी बातें कही जा रही हैं मैं उसकी स्टडी करूंगा. चंपत राय ने कहा था कि सहमति पत्र के आधार पर भूमि की खरीदारी की जा रही है. उसी के अनुसार संपूर्ण मूल्य विक्रेता के खाते में ऑनलाइन स्थानांतरित किया जाता है.
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