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अयोध्या: किसानों पर बारिश ने ढाया कहर, हजारों एकड़ फसल जलमग्न - loss of crops due to heavy rainfall

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भारी बारिश के चलते किसानों की मेहनत से उपजी फसल पानी में डूब गई है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति सात अक्टूबर तक बनी रहेगी.

भारी बारिश से किसानों को नुकसान.
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Published : Oct 6, 2019, 11:24 PM IST

अयोध्या: जनपद में कमर तोड़ मेहनत के बाद अपनी पसीने की कमाई का इंतजार कर रहे किसानों को इंद्र देवता की मेहरबानी के चलते भारी नुकसान झेलना पड़ा है. अयोध्या में किसानों की हजारों एकड़ जमीन जलमग्न हो गई है. धान और गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ है.

भारी बारिश से किसानों को नुकसान.

वहीं कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इसके चलते आगामी फसलों की बुआई देरी से हो पाएगी, जिससे उत्पादन में कमी आने की संभावना है. लगातार हो रही बारिश से किसानों के नुकसान को लेकर ई़टीवी भारत ने कृषि विशेषज्ञ डॉ. ए. पी. राव से खास बातचीत की.

अयोध्या में बारिश का कहर
अयोध्या में पिछले 23 सितंबर से बारिश का दौर जारी है. फसल पकने का इंतजार कर रहे किसानों के लिए यह बारिश किसी कहर से कम नहीं है. मौजूदा स्थिति आगामी सात अक्टूबर तक बनी रहेगी. वहीं चार अक्टूबर तक भारी बारिश के आसार हैं. यह कहना है आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के कृषि तकनीकी सूचना केंद्र के अतिरिक्त निदेशक डॉ. ए. पी. राव का.

डॉ. ए. पी. राव ने बताया कि इस बारिश से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. धान और गन्ने की फसल को भारी क्षति हुई है. साथ ही उन्नत खेती करने वाले किसानों को अधिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. डॉ. राव ने बताया कि इस बार सितंबर माह में अनुमान से दोगुनी बारिश दर्ज की गई है. जमीन में लगातार बारिश की चलते काफी नमी बन गई है, जिसके चलते अभी फसल की बुआई में देरी होगी. इस बार किसानों को नुकसान तो झेलना ही पड़ रहा है, साथ ही अगर अगली फसल के बुआई में देरी हुई तो उसमें भी पैदावार में कमी आएगी.

अयोध्या: जनपद में कमर तोड़ मेहनत के बाद अपनी पसीने की कमाई का इंतजार कर रहे किसानों को इंद्र देवता की मेहरबानी के चलते भारी नुकसान झेलना पड़ा है. अयोध्या में किसानों की हजारों एकड़ जमीन जलमग्न हो गई है. धान और गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ है.

भारी बारिश से किसानों को नुकसान.

वहीं कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इसके चलते आगामी फसलों की बुआई देरी से हो पाएगी, जिससे उत्पादन में कमी आने की संभावना है. लगातार हो रही बारिश से किसानों के नुकसान को लेकर ई़टीवी भारत ने कृषि विशेषज्ञ डॉ. ए. पी. राव से खास बातचीत की.

अयोध्या में बारिश का कहर
अयोध्या में पिछले 23 सितंबर से बारिश का दौर जारी है. फसल पकने का इंतजार कर रहे किसानों के लिए यह बारिश किसी कहर से कम नहीं है. मौजूदा स्थिति आगामी सात अक्टूबर तक बनी रहेगी. वहीं चार अक्टूबर तक भारी बारिश के आसार हैं. यह कहना है आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के कृषि तकनीकी सूचना केंद्र के अतिरिक्त निदेशक डॉ. ए. पी. राव का.

डॉ. ए. पी. राव ने बताया कि इस बारिश से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. धान और गन्ने की फसल को भारी क्षति हुई है. साथ ही उन्नत खेती करने वाले किसानों को अधिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. डॉ. राव ने बताया कि इस बार सितंबर माह में अनुमान से दोगुनी बारिश दर्ज की गई है. जमीन में लगातार बारिश की चलते काफी नमी बन गई है, जिसके चलते अभी फसल की बुआई में देरी होगी. इस बार किसानों को नुकसान तो झेलना ही पड़ रहा है, साथ ही अगर अगली फसल के बुआई में देरी हुई तो उसमें भी पैदावार में कमी आएगी.

Intro:अयोध्या: कमर तोड़ मेहनत के बाद अपनी पसीने की कमाई का इंतजार कर रहे किसानों को इंद्र देवता की मेहरबानी चलते भारी नुकसान जिला पड़ा है. अयोध्या में किसानों की हजारों एकड़ जमीन जल मग्न हो गई है धान और गन्ने की फसल में भारी नुकसान हुआ है. वहीं कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार इस से चलते आगामी फसलों बुआई देरी से हो पाएगी, जिससे उत्पादन में कमी आने की संभावना है.


Body:अयोध्या में पिछले 23 सितंबर से बारिश का दौर जारी है. मौसम वैज्ञानिकों की माने तो मौजूदा स्थिति आगामी 7 अक्टूबर तक बनी रहेगी. वहीं 4 अक्टूबर तक भारी बारिश के आसार हैं.

लगातार हो रही बारिश और किसानों के नुकसान को लेकर etv भारत में कृषि विशेषज्ञ से बात की. बातचीत के दौरान आचार्य नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के तकनीकी सूचना केंद्र स्थित प्रसार निदेशालय की अतिरिक्त निदेशक डॉ. ए. पी. राव ने बताया कि इस बारिश से किसानो को भारी नुकसान हो रहा है. धान और गन्ने की फसल को भारी क्षति हुई है. साथ ही उन्नत खेती करने वाले किसानों को अधिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.

डॉ. राव ने बताया कि इस बार सितंबर माह में अनुमान से दुगनी बारे दर्ज की गई है. जमीन में लगातार बारिश की चलते काफी नमी बन गई है. जिसके चलते अभी फसल की बुवाई में देरी होगी. इस बार किसानों को नुकसान तो झेलना ही पड़ रहा है, साथ ही अगर अगली फसल के बुवाई में देरी हुई तो उसमें भी पैदावार में कमी आएगी.





Conclusion:फसल पकडने का इंतजार कर रहे किसानों के लिए यह बारिश किसी कहर से कम नहीं है. वहीं विशेषज्ञों की मानें तो इस नुकसान की भरपाई दूर की बात है, अगली फसल में भी नुकसान झेलना पड़ सकता है.

बाइट- डॉ. ए. पी. राव, अतिरिक्त निदेशक, प्रसार निदेशालय, कृषि तकनीकी सूचना केंद्र, आचार्य नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय
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