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राम मंदिर भूमिपूजन: 3 लाख दीपों की रोशनी से जगमग होगी श्रीराम की नगरी अयोध्या - राम मंदिर भूमि पूजन

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत भव्य होगी. इसके लिए डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की ओर से तैयारियां की जा रही हैं. शहर में 3 लाख दीये जलाने की योजना है.

राम मंदिर निर्माण की शुरुआत होगी भव्य
राम मंदिर निर्माण की शुरुआत होगी भव्य.
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Published : Jul 31, 2020, 1:44 PM IST

अयोध्या: भगवान राम के जन्म स्थान अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत भव्य होगी. इसके लिए डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की ओर से तैयारियां की जा रही हैं. 2 दिन के दो पोस्टों में पूरे अयोध्या शहर में 3 लाख दीये जलाने की योजना है. ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में अवध विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति डॉ. मनोज दीक्षित ने राम मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या के विकास की नई सुबह मिलने की उम्मीद व्यक्त की है.

राम मंदिर निर्माण की शुरुआत होगी भव्य.
श्रीराम जन्मभूमि पर जब पीएम मोदी राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखेंगे, उस वक्त अयोध्या का एक नया अध्याय शुरू होगा. केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्तावित राम नगरी के विकास की कई योजनाओं को गति मिलने की उम्मीद है. लगातार विश्व में सर्वाधिक दीये एक साथ प्रज्ज्वलित करने का रिकॉर्ड साल दर साल अपने नाम करते जा रहे हैं. इस पौराणिक शहर के प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना होने जा रही है. इस अवसर को हर अयोध्यावासी अपने में समेटना चाहता है. राम मंदिर भूमि पूजन को उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी है. अयोध्या और फैजाबाद के सभी प्रमुख स्थलों पर बड़ी संख्या में दीये जलाने की योजना बनाई जा रही है. यह अहम जिम्मेदारी डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को मिली है.पूरे शहर में तीन लाख दिए प्रज्ज्वलित कराने की है योजना3 और 4 अगस्त को डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के सभी मठ मंदिरों और प्रमुख स्थलों पर तीन लाख दीये जलाने की योजना बना रहा है. यह कार्य अयोध्या के समाजसेवियों, विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर सहयोग की भावना से किया जाएगा. विश्वविद्यालय के निवर्तमान कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने बताया कि पहले 1 लाख 25 हजार दीये जलाने की योजना थी, लेकिन अब करीब तीन लाख दिए पूरे अयोध्या और फैजाबाद शहर के प्रमुख स्थलों पर चलाए जाएंगे.


योजनाओं पर दिया जा रहा ध्यान
प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने बताया कि अयोध्या में केंद्र और प्रदेश सरकार की कई योजनाएं प्रस्तावित हैं. पर्यटन के विकास की संभावनाओं पर कार्य करने से इस शहर का बेहतर विकास होगा. अयोध्या पौराणिक शहर है. यह सप्तपुरियों में एक है. ऐसे में धर्म आधारित विकास के यहां बेहद आवश्यकता है. केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाएं इसी दिशा में कार्य कर रही हैं.

प्रोफेसर मनोज दीक्षित उस क्षण को याद करते हुए कहा कि 29 वर्ष पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आए थे, तो वर्षों पुराने विवाद का समाधान कैसे किया जाएगा, यह सब के लिए एक प्रश्न चिन्ह था, जिसका जवाब नहीं मिल रहा था. लेकिन पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प के आगे समाधान का प्रत्यक्ष उदाहरण दिख रहे हैं. वह मानते हैं कि अयोध्या विवाद को लेकर कंट्रोवर्सी के चलते बहुत सारे कार्य यहां बाकी रह गए थे, जिसे अब पूरा किया जाना है.

टूरिस्ट हब बनेगा अयोध्या
प्रो. मनोज दीक्षित का कहना है कि पर्यटन के दृष्टि से विकास के सारे मानकों पर अयोध्या खरी उतरेगी. आध्यात्मिकता और ऐतिहासिकता से ओत-प्रोत राम नगरी सभी कसौटी पर खरी उतरेगी, जिससे एक भव्य पर्यटन स्थल का निर्माण हो सके. वर्तमान में अयोध्या में 1 दर्जन से अधिक बड़े होटल, कई गेस्ट हाउस, अंतरराष्ट्रीय बस टर्मिनल समेत कई ऐसे निर्माण हैं. इनके होने से एक अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट हब के रूप में अयोध्या विकसित होगी. प्रोफेसर दीक्षित ने कहा कि सरकार की यह योजना है कि अयोध्या को अनेक पौराणिक शहरों से सड़क मार्ग से जोड़ें. इसके लिए कई मार्ग प्रस्तावित हैं. कुछ पर कार्य भी शुरू हो चुका है.



अयोध्या: भगवान राम के जन्म स्थान अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत भव्य होगी. इसके लिए डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की ओर से तैयारियां की जा रही हैं. 2 दिन के दो पोस्टों में पूरे अयोध्या शहर में 3 लाख दीये जलाने की योजना है. ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में अवध विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति डॉ. मनोज दीक्षित ने राम मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या के विकास की नई सुबह मिलने की उम्मीद व्यक्त की है.

राम मंदिर निर्माण की शुरुआत होगी भव्य.
श्रीराम जन्मभूमि पर जब पीएम मोदी राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखेंगे, उस वक्त अयोध्या का एक नया अध्याय शुरू होगा. केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्तावित राम नगरी के विकास की कई योजनाओं को गति मिलने की उम्मीद है. लगातार विश्व में सर्वाधिक दीये एक साथ प्रज्ज्वलित करने का रिकॉर्ड साल दर साल अपने नाम करते जा रहे हैं. इस पौराणिक शहर के प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना होने जा रही है. इस अवसर को हर अयोध्यावासी अपने में समेटना चाहता है. राम मंदिर भूमि पूजन को उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी है. अयोध्या और फैजाबाद के सभी प्रमुख स्थलों पर बड़ी संख्या में दीये जलाने की योजना बनाई जा रही है. यह अहम जिम्मेदारी डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को मिली है.पूरे शहर में तीन लाख दिए प्रज्ज्वलित कराने की है योजना3 और 4 अगस्त को डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के सभी मठ मंदिरों और प्रमुख स्थलों पर तीन लाख दीये जलाने की योजना बना रहा है. यह कार्य अयोध्या के समाजसेवियों, विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर सहयोग की भावना से किया जाएगा. विश्वविद्यालय के निवर्तमान कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने बताया कि पहले 1 लाख 25 हजार दीये जलाने की योजना थी, लेकिन अब करीब तीन लाख दिए पूरे अयोध्या और फैजाबाद शहर के प्रमुख स्थलों पर चलाए जाएंगे.


योजनाओं पर दिया जा रहा ध्यान
प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने बताया कि अयोध्या में केंद्र और प्रदेश सरकार की कई योजनाएं प्रस्तावित हैं. पर्यटन के विकास की संभावनाओं पर कार्य करने से इस शहर का बेहतर विकास होगा. अयोध्या पौराणिक शहर है. यह सप्तपुरियों में एक है. ऐसे में धर्म आधारित विकास के यहां बेहद आवश्यकता है. केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाएं इसी दिशा में कार्य कर रही हैं.

प्रोफेसर मनोज दीक्षित उस क्षण को याद करते हुए कहा कि 29 वर्ष पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आए थे, तो वर्षों पुराने विवाद का समाधान कैसे किया जाएगा, यह सब के लिए एक प्रश्न चिन्ह था, जिसका जवाब नहीं मिल रहा था. लेकिन पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प के आगे समाधान का प्रत्यक्ष उदाहरण दिख रहे हैं. वह मानते हैं कि अयोध्या विवाद को लेकर कंट्रोवर्सी के चलते बहुत सारे कार्य यहां बाकी रह गए थे, जिसे अब पूरा किया जाना है.

टूरिस्ट हब बनेगा अयोध्या
प्रो. मनोज दीक्षित का कहना है कि पर्यटन के दृष्टि से विकास के सारे मानकों पर अयोध्या खरी उतरेगी. आध्यात्मिकता और ऐतिहासिकता से ओत-प्रोत राम नगरी सभी कसौटी पर खरी उतरेगी, जिससे एक भव्य पर्यटन स्थल का निर्माण हो सके. वर्तमान में अयोध्या में 1 दर्जन से अधिक बड़े होटल, कई गेस्ट हाउस, अंतरराष्ट्रीय बस टर्मिनल समेत कई ऐसे निर्माण हैं. इनके होने से एक अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट हब के रूप में अयोध्या विकसित होगी. प्रोफेसर दीक्षित ने कहा कि सरकार की यह योजना है कि अयोध्या को अनेक पौराणिक शहरों से सड़क मार्ग से जोड़ें. इसके लिए कई मार्ग प्रस्तावित हैं. कुछ पर कार्य भी शुरू हो चुका है.



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