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अयोध्या में देवकाली मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, मंदिर में होती है मुरादें पूरी - कुलदेवी मां बड़ी देवकाली मंदिर

भगवान राम की कुलदेवी मां बड़ी देवकाली मंदिर (Kuldevi of Lord Rama Devkali temple) में आस्था का सैलाब देखने को मिला. गौरतलब है कि मां कौशल्या ने रामलला के जन्म के बाद मंदिर में विशेष अनुष्ठान किया था.

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Published : Sep 27, 2022, 3:11 PM IST

अयोध्या: शारदीय नवरात्र के मौके पर देशभर में मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जा रही है. इस मौके पर भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में उनकी कुलदेवी मां बड़ी देवकाली मंदिर (Devkali temple in Ayodhya) में भक्तों की भीड़ जुट गई. पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान राम के वंश की कुलदेवी के रूप में माना जाता है.

जानकारी देते प्रधान पुजारी सुनील पाठक

भगवान राम के जन्म के समय मां कौशल्या भगवान राम को दर्शनों के लिए मां बड़ी देवकाली मंदिर पर लेकर आईं थी. इसी वजह से यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध है. इस मंदिर परिसर में अयोध्या के आम लोग अपने बच्चों को जन्म के बाद दर्शन कराने के लिए लाते हैं. इस नवरात्र में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंच रहे हैं.

मंदिर के गर्भ गृह में एक ही शिला में विराजमान श्री महाकाली, श्री महालक्ष्मी, श्री महा सरस्वती भक्तों के कल्याण के लिए यहां विराजमान है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर में जो भी मुरादें मांगी जाती हैं. भक्तो की वह मुरादें पूरी होती हैं. इस मंदिर को भगवान श्री राम (Kuldevi of Lord Rama Devkali temple) के पूर्वज महाराज रघु ने बनवाया था. धर्मनगरी अयोध्या के 14 कोस की परिधि में अयोध्या जिले में बड़ी देवकाली जी के नाम से प्रसिद मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की कुलदेवी विराजमान है. अयोध्या धाम के राम मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर दूर फैजाबाद शहर में यह मंदिर स्थित है.

पढ़ें- World Tourism Day: वैश्विक हुआ काशी का पर्यटन कारोबार, वाराणसी में विश्वनाथ कॉरिडोर ने बढ़ाई भव्यता

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम (Kuldevi of Lord Rama Devkali temple) का जब जन्म हुआ था, तब मां कौसल्या ने बाल्य रूप श्री राम के साथ इस मंदिर में पूजा अनुष्ठान किया और अपनी कुलदेवी के तीनों रूपों की पूजा अर्चना की थी. यह प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर दूर दाराज से आये भक्तों के आस्था का केंद्र है. मान्यता है कि जिस तरह से माता कौशल्या भगवान राम को जन्म देने के बाद भगवान राम के साथ माता देवकाली के दर्शन करने आई थी. उसी तरह से पुत्र प्राप्ति के बाद लोग पुत्र को लेकर माता देवकाली का दर्शन करने आते हैं. भक्तों का मानना है कि जो लोग माता देवकाली के मंदिर में मनोकामना मांगते हैं. वह पूर्ण होती है. भगवान राम की कुलदेवी होने के कारण अयोध्या के आम लोग भी मां बड़ी देवकाली को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं.

पढ़ें- 750 करोड़ से बुंदेलखंड का विकास होगा, हेरिटेज होटल की चेन से जोड़े जाएंगे किले

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जानकारी देते प्रधान पुजारी सुनील पाठक

भगवान राम के जन्म के समय मां कौशल्या भगवान राम को दर्शनों के लिए मां बड़ी देवकाली मंदिर पर लेकर आईं थी. इसी वजह से यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध है. इस मंदिर परिसर में अयोध्या के आम लोग अपने बच्चों को जन्म के बाद दर्शन कराने के लिए लाते हैं. इस नवरात्र में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंच रहे हैं.

मंदिर के गर्भ गृह में एक ही शिला में विराजमान श्री महाकाली, श्री महालक्ष्मी, श्री महा सरस्वती भक्तों के कल्याण के लिए यहां विराजमान है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर में जो भी मुरादें मांगी जाती हैं. भक्तो की वह मुरादें पूरी होती हैं. इस मंदिर को भगवान श्री राम (Kuldevi of Lord Rama Devkali temple) के पूर्वज महाराज रघु ने बनवाया था. धर्मनगरी अयोध्या के 14 कोस की परिधि में अयोध्या जिले में बड़ी देवकाली जी के नाम से प्रसिद मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की कुलदेवी विराजमान है. अयोध्या धाम के राम मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर दूर फैजाबाद शहर में यह मंदिर स्थित है.

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मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम (Kuldevi of Lord Rama Devkali temple) का जब जन्म हुआ था, तब मां कौसल्या ने बाल्य रूप श्री राम के साथ इस मंदिर में पूजा अनुष्ठान किया और अपनी कुलदेवी के तीनों रूपों की पूजा अर्चना की थी. यह प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर दूर दाराज से आये भक्तों के आस्था का केंद्र है. मान्यता है कि जिस तरह से माता कौशल्या भगवान राम को जन्म देने के बाद भगवान राम के साथ माता देवकाली के दर्शन करने आई थी. उसी तरह से पुत्र प्राप्ति के बाद लोग पुत्र को लेकर माता देवकाली का दर्शन करने आते हैं. भक्तों का मानना है कि जो लोग माता देवकाली के मंदिर में मनोकामना मांगते हैं. वह पूर्ण होती है. भगवान राम की कुलदेवी होने के कारण अयोध्या के आम लोग भी मां बड़ी देवकाली को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं.

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