अयोध्याः पश्चिम बंगाल हिंसा में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हुई हिंसात्मक घटनाओं को लेकर तपस्वी जी की छावनी के जगतगुरु परमहंसाचार्य ने आत्मदाह करने का ऐलान किया था. आत्मदाह की चेतावनी के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया. जहां एक ओर उनके आश्रम के बाहर सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया गया. वहीं अधिकारी परमहंसाचार्य के मान मनौव्वल में लग गए. इसके बाद परमहंसाचार्य ने चार महीने की मोहलत देते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा.
मांग ने पूरी होने पर जल समाधि का लिया प्रण
जगतगुरु परमहंसाचार्य ने प्रशासन को 4 महीने की मोहलत देते हुए हिंसा मामले में कार्रवाई की मांग की. साथ ही भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने के लिए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा. उन्होंने अपने ज्ञापन में कहा है कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो वह 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन सरयू नदी में जल समाधि लेंगे. जगतगुरु परमहंसाचार्य ने राष्ट्रपति से मांग की है कि पश्चिम बंगाल में घुसपैठिए रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर किया जाए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि पश्चिम बंगाल के हालात बहुत खराब हैं, उसे पाकिस्तान न बनने दिया जाए.
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पश्चिम बंगाल में हो रही आपराधिक घटनाएं
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने चुनाव जीतने बाद ही कह दिया था कि खेला होबे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए परमहंसाचार्य ने कहा कि जब से वह चुनाव जीती हैं, तब से लगातार वहां पर आपराधिक घटनाएं हो रही हैं. लोगों को मारा जा रहा है. आग लगाई जा रही है. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल के हालात इतने खराब है कि केंद्रीय मंत्री के काफिले पर हमला हुआ.
एसपी सिटी विजय पाल सिंह ने बताया कि पूर्व घोषित आत्मदाह के कार्यक्रम को प्रशासन के निवेदन पर परमहंस दास ने स्थगित किया है. सिंह के मुताबिक महंत ने एक राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा है, ज्ञापन पश्चिम बंगाल में हो रहे हिंसा के विरोध में है.