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अयोध्या: इकबाल अंसारी ने दीपोत्सव कार्यक्रम पर दी राय, कहा- विहिप क्यों कर रहा मांग

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित परिसर में पर 51 हजार दीपक जलाने के मामले में विश्व हिंदू परिषद ने रिसीवर को ज्ञापन सौंपा. वहीं इस पर बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि दिवाली में दीप जलाने की विश्व हिंदू परिषद मांग क्यों कर रहा है.

बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने दी जानकारी.
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Published : Oct 14, 2019, 11:43 PM IST

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट के द्वारा श्री राम जन्मभूमि मामले में रिसीवर के तौर पर कमिश्नर अयोध्या को नियुक्त किया गया है. जिनसे सोमवार को विश्व हिंदू परिषद ने मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में विहिप ने मांग की है कि विवादित परिसर में पर 51 हजार दीपक जलाकर इतिहास बनाने का मौका दिया जाए. उनका कहना है की यह उनके आस्था का विषय है.

बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने दी जानकारी.

रिसीवर मनोज मिश्रा ने वीएचपी के ज्ञापन को स्वीकार करते हुए आगे सुप्रीम कोर्ट में देने की बात कही, लेकिन जब तक सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर नहीं आ जाए तब तक उन्होंने उसे यथास्थिति बनाए रखने का आश्वासन दिया. ऐसे में सोमवार को ईटीवी भारत से बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने अपना पक्ष रखा.

इकबाल अंसारी ने कहा दीप जलाने की विहिप क्यों कर रहा मांग
विश्व हिंदू परिषद ने राम जन्मभूमि अर्थात विवादित स्थल पर 51000 दीपक दिवाली के दिन जलाकर के इतिहास रचने की बात कही है. इसके लिए बकायदा वीएचपी ने पत्र तैयार करके रिसीवर को सौंप कर परमिशन मांगी है. ऐसे में आज ईटीवी भारत से बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सवाल यहां विश्व हिंदू परिषद दीपक जलाने, दिवाली और दीपोत्सव का है. हमें समझ नहीं आता कि आज तक रामलला के पुजारी ने इस तरह की तो मांग नहीं की और अगर रामलला के पुजारी इस विवादित स्थल पर दीपक जलाने की मांग करते तो समझ आता था. लेकिन विश्व हिंदू परिषद जो मांग कर रहा है. यह बात मेरे समझ में नहीं आ रही है.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या: विवादित क्षेत्र में नहीं होगा दीपोत्सव, करना होगा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार

रिसीवर देंगे परमिशन तो हम नहीं करेंगे विरोध
बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या का साधु संत दिवाली मनाए, दीपक जलाएं, विवादित परिसर की बात करें तो ठीक लगता है, लेकिन विश्व हिंदू परिषद जिस चीज की मांग कर रहा है, यह हमारे समझ में नहीं आता. यह केवल और केवल राजनीति का खेल है. वैसे भी जो विवादित परिसर है, उसका मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है और उसके मालिक रिसीवर हैं. अगर ऐसे में रिसीवर परमिशन देता हैं तो आप दिया जलाएं क्योंकि हम उसका विरोध नहीं करते हैं. क्योंकि हम सोचते हैं कि यह मांग रामलला के पुजारी को करना था. ऐसे में यह तीसरी पार्टी कहां से आ गई, जो मांग करने लग गई है. विश्व हिंदू परिषद जो रिकॉर्ड बनाने की मांग कर रहा है, मेरे ख्याल से वह सबकी सोच से परे है.

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट के द्वारा श्री राम जन्मभूमि मामले में रिसीवर के तौर पर कमिश्नर अयोध्या को नियुक्त किया गया है. जिनसे सोमवार को विश्व हिंदू परिषद ने मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में विहिप ने मांग की है कि विवादित परिसर में पर 51 हजार दीपक जलाकर इतिहास बनाने का मौका दिया जाए. उनका कहना है की यह उनके आस्था का विषय है.

बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने दी जानकारी.

रिसीवर मनोज मिश्रा ने वीएचपी के ज्ञापन को स्वीकार करते हुए आगे सुप्रीम कोर्ट में देने की बात कही, लेकिन जब तक सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर नहीं आ जाए तब तक उन्होंने उसे यथास्थिति बनाए रखने का आश्वासन दिया. ऐसे में सोमवार को ईटीवी भारत से बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने अपना पक्ष रखा.

इकबाल अंसारी ने कहा दीप जलाने की विहिप क्यों कर रहा मांग
विश्व हिंदू परिषद ने राम जन्मभूमि अर्थात विवादित स्थल पर 51000 दीपक दिवाली के दिन जलाकर के इतिहास रचने की बात कही है. इसके लिए बकायदा वीएचपी ने पत्र तैयार करके रिसीवर को सौंप कर परमिशन मांगी है. ऐसे में आज ईटीवी भारत से बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सवाल यहां विश्व हिंदू परिषद दीपक जलाने, दिवाली और दीपोत्सव का है. हमें समझ नहीं आता कि आज तक रामलला के पुजारी ने इस तरह की तो मांग नहीं की और अगर रामलला के पुजारी इस विवादित स्थल पर दीपक जलाने की मांग करते तो समझ आता था. लेकिन विश्व हिंदू परिषद जो मांग कर रहा है. यह बात मेरे समझ में नहीं आ रही है.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या: विवादित क्षेत्र में नहीं होगा दीपोत्सव, करना होगा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार

रिसीवर देंगे परमिशन तो हम नहीं करेंगे विरोध
बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या का साधु संत दिवाली मनाए, दीपक जलाएं, विवादित परिसर की बात करें तो ठीक लगता है, लेकिन विश्व हिंदू परिषद जिस चीज की मांग कर रहा है, यह हमारे समझ में नहीं आता. यह केवल और केवल राजनीति का खेल है. वैसे भी जो विवादित परिसर है, उसका मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है और उसके मालिक रिसीवर हैं. अगर ऐसे में रिसीवर परमिशन देता हैं तो आप दिया जलाएं क्योंकि हम उसका विरोध नहीं करते हैं. क्योंकि हम सोचते हैं कि यह मांग रामलला के पुजारी को करना था. ऐसे में यह तीसरी पार्टी कहां से आ गई, जो मांग करने लग गई है. विश्व हिंदू परिषद जो रिकॉर्ड बनाने की मांग कर रहा है, मेरे ख्याल से वह सबकी सोच से परे है.

Intro:अयोध्या। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा श्री राम जन्मभूमि मामले में रिसीवर के तौर पर कमिश्नर अयोध्या को रखा गया है। जिनसे आज विश्व हिंदू परिषद ने मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने मांग की है कि श्री राम जन्म भूमि स्थल यानी विवादित परिसर में पर 51000 दीपक जलाकर इतिहास बनाने का मौका दिया जाए। उनका कहना है की यह उनके आस्था का विषय है। और दीपोत्सव जिन भगवान राम के नाम पर मनाया जाता है जिसे पूरी दुनिया मनाती है। उन्हीं राम भगवान के दरबार में दिये का उत्सव नहीं जलेगा तो फिर क्या फायदा ऐसे दीपोत्सव का। रिसीवर मनोज मिश्रा ने वीएचपी के ज्ञापन को स्वीकार करते हुए आगे सुप्रीम कोर्ट में देने की बात कही, लेकिन जब तक सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर नहीं आ जाते तब तक उन्होंने उसे यथास्थिति बनाए रखने का आश्वासन दिया ऐसे में आज हम मौजूद है इकबाल अंसारी के यहां जो बाबरी मस्जिद के मुद्दई हैं। जानेंगे इनका पक्ष।


Body:विश्व हिंदू परिषद ने राम जन्मभूमि अर्थात विवादित स्थल पर 51000 दीपक दिवाली के दिन जला कर के इतिहास रचने की बात कही है। इसके लिए बकायदा वीएचपी ने पत्र तैयार करके रिसीवर को सौंप कर परमिशन मांगी है। ऐसे में आज ईटीवी भारत से बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सवाल यहां विश्व हिंदू परिषद दीपक जलाने, दिवाली और दीपोत्सव का है। हमें समझ नहीं आता कि आज तक रामलला के पुजारी ने इस तरह की तो मांग नहीं की और अगर रामलला के पुजारी इस विवादित स्थल पर दीपक जलाने की मांग करते तो समझ आता था लेकिन विश्व हिंदू परिषद जो मांग कर रहा है। यह बात मेरे समझ में नहीं आ रही। क्योंकि अयोध्या का साधु संत दिवाली मनाए, दीपक जलाएं, विवादित परिसर की बात करें तो ठीक लगता है, लेकिन विश्व हिंदू परिषद जिस चीज की मांग कर रहा है, यह हमारे समझ में नहीं आता। यह केवल और केवल राजनीति का खेल है। वैसे भी जो विवादित परिसर है उसका मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है और उसके मालिक रिसीवर हैं और अगर ऐसे में रिसीवर परमिशन देता हैं तो आप दिया जलाएं क्योंकि हम उसका विरोध नहीं करते क्योंकि हम सोचते हैं कि यह मांग रामलला के पुजारी को करना था ऐसे में यह तीसरी पार्टी कहां से आ गई जो मांग करने लग गई है। विश्व हिंदू परिषद जो रिकॉर्ड बनाने जा रही है जो मांग कर रही है मेरे ख्याल से वह सबकी सोच से परे है।


Conclusion:दिनेश मिश्रा
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