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सरकार बताए कहां है हमारी 5 एकड़ जमीन: इकबाल अंसारी

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसला आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकारों को 5 एकड़ जमीन देने का वादा किया था. इस पर बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा है कि हमें वह हमारी जमीन बताई जाए, जो देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था. जमीन को जल्द से जल्द हमारे सुपूर्द किया जाए.

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इकबाल अंसारी ने पूछा कहां है हमारी 5 एकड़ जमीन.
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Published : Dec 3, 2019, 7:34 PM IST

अयोध्या: अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसला आने के बाद से ही हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया. वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से इसका रिव्यू पिटिशन भी दाखिल कर दिया गया है, लेकिन बाबरी मस्जिद में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने इसका खुलकर विरोध किया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि हम रिव्यू पिटिशन में नहीं जाएंगे और न ही इस मुकदमे को हम आगे बढ़ा रहे हैं. लेकिन हमारी जमीन जिसे सुप्रीम कोर्ट ने देने का आदेश दिया था वह कहां है, वह हमें बता दीजिए.

इकबाल अंसारी ने पूछा कहां है हमारी 5 एकड़ जमीन.

सरकार हमें बताए कहां है हमारी 5 एकड़ जमीन
इकबाल अंसारी ने कहा है कि 6 दिसंबर को लोगों ने शौर्य दिवस मनाने का एलान किया है. हम भी 6 दिसंबर को सरकार को ज्ञापन सौंपेंगे कि हमें हमारी जमीन दिखाई जाए, जो सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में पक्षकारों को देने की बात कही थी. इकबाल अंसारी ने कहा कि जो लोग रिव्यू पिटिशन में जा रहे हैं वह सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं. हमारा मकसद इस मसले को यहीं पर समाप्त करके आगे बढ़ना है. हम राजनीति करना नहीं चाहते हैं और न ही इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं. हमारी मांग सिर्फ इतनी है कि हमें वह हमारी जमीन बताई जाए, जो देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट में दिया था. हमें वह जमीन दिखाई जाए और जल्द से जल्द उसे हमारे सुपूर्द किया जाए.

इसे भी पढ़ें- धवन बोले- मुझे बाबरी केस से हटाया गया, जमीयत ने किया इनकार

9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में फ़ैसला सुनाते हुए राम लला को पूरी जमीन का अधिकार दे दिया था और मुस्लिम पक्षकारों को 5 एकड़ जमीन देने की बात कही गई थी. इसके बाद से ही इकबाल अंसारी समेत समस्त मुस्लिम पक्षकारों ने उस जमीन को स्वीकार कर लिया था. इसका सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड ने भी समर्थन करते हुए, फैसला स्वीकार कर लिया था, लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस पर रिव्यू पिटिशन दाखिल करके उसमें अपनी राजनीति को जिंदा रखना चाहता है.

अयोध्या: अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसला आने के बाद से ही हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया. वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से इसका रिव्यू पिटिशन भी दाखिल कर दिया गया है, लेकिन बाबरी मस्जिद में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने इसका खुलकर विरोध किया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि हम रिव्यू पिटिशन में नहीं जाएंगे और न ही इस मुकदमे को हम आगे बढ़ा रहे हैं. लेकिन हमारी जमीन जिसे सुप्रीम कोर्ट ने देने का आदेश दिया था वह कहां है, वह हमें बता दीजिए.

इकबाल अंसारी ने पूछा कहां है हमारी 5 एकड़ जमीन.

सरकार हमें बताए कहां है हमारी 5 एकड़ जमीन
इकबाल अंसारी ने कहा है कि 6 दिसंबर को लोगों ने शौर्य दिवस मनाने का एलान किया है. हम भी 6 दिसंबर को सरकार को ज्ञापन सौंपेंगे कि हमें हमारी जमीन दिखाई जाए, जो सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में पक्षकारों को देने की बात कही थी. इकबाल अंसारी ने कहा कि जो लोग रिव्यू पिटिशन में जा रहे हैं वह सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं. हमारा मकसद इस मसले को यहीं पर समाप्त करके आगे बढ़ना है. हम राजनीति करना नहीं चाहते हैं और न ही इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं. हमारी मांग सिर्फ इतनी है कि हमें वह हमारी जमीन बताई जाए, जो देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट में दिया था. हमें वह जमीन दिखाई जाए और जल्द से जल्द उसे हमारे सुपूर्द किया जाए.

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9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में फ़ैसला सुनाते हुए राम लला को पूरी जमीन का अधिकार दे दिया था और मुस्लिम पक्षकारों को 5 एकड़ जमीन देने की बात कही गई थी. इसके बाद से ही इकबाल अंसारी समेत समस्त मुस्लिम पक्षकारों ने उस जमीन को स्वीकार कर लिया था. इसका सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड ने भी समर्थन करते हुए, फैसला स्वीकार कर लिया था, लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस पर रिव्यू पिटिशन दाखिल करके उसमें अपनी राजनीति को जिंदा रखना चाहता है.

Intro:अयोध्य्या. श्री राम जन्मभूमि मामले में फैसला आने के बाद से ही हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया वही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से इसका रिव्यू पिटिशन भी दाखिल कर दिया गया है। लेकिन बाबरी मस्जिद में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने इसका खुलकर के विरोध किया है और उन्होंने सरकार से मांग की है कि, हम रिव्यू पिटिशन में नहीं जाएंगे और ना ही इस मुकदमे को हम आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन हमारी जमीन जो सुप्रीम कोर्ट में देने का वादा किया था आदेश दिया था वह कहां है। वह हमें बता दीजिए इकबाल अंसारी ने कहा है कि, 6 दिसंबर को लोगों ने शौर्य दिवस मनाने का ऐलान किया है हम भी 6 दिसंबर को सरकार को ज्ञापन सौंपेंगे कि, हमें हमारी व जमीन दिखाई जाए, जो सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में पक्षकारों को देने की बात कही थी, इकबाल अंसारी ने कहां की जो लोग रिव्यू पिटिशन में जा रहे हैं वह सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं। हमारा मकसद इस मसले को यहीं पर समाप्त करके आगे बढ़ना है हम राजनीति करना नहीं चाहते हैं और ना ही इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं हमारी मांग सिर्फ इतनी है कि, हमें वह हमारी जमीन बताई जाए, जो देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट में दिया था हमें वह जमीन दिखाई जाए और जल्द से जल्द उसे हमारे सपोर्ट किया जाए।

Body:आपको बताते चलें कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने श्री राम जन्मभूमि मामले में फ़ैसला सुनाते हुए, राम लला को पूरी जमीन का अधिकार दे दिया था और मुस्लिम पक्षकारों को 5 एकड़ जमीन देने की बात कही गई थी। इसके बाद से ही इकबाल अंसारी समेत समस्त मुस्लिम पक्षकारों ने उस जमीन को स्वीकार कर लिया था। जिसका सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड ने भी समर्थन करते हुए, फैसला स्वीकार कर लिया था। लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस पर रिव्यू पिटिशन दाखिल करके उसमे अपनी राजनीति को जिंदा रखना चाहता है।Conclusion:दिनेश मिश्रा
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