अयोध्या : देश की सभी उच्च न्यायालयों में राज्य की भाषा में राज्य के कार्य हों और जनता को उसकी भाषा में न्याय मिल सके, इसके लिए भारतीय भाषा आंदोलन पिछले 10 वर्षों से संघर्ष कर रहा है. भारतीय भाषा आंदोलन के पदाधिकारियों ने शनिवार को सिविल कोर्ट से अयोध्या के राम की पैड़ी तक यात्रा निकालकर अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए.
हनुमान गढ़ी में सौंपा मांग पत्र
इस दल ने हनुमानगढ़ी मंदिर में मत्था टेक कर हनुमान जी को संबोधित एक मांग पत्र भी हनुमंत लाला के दरबार में सौंपा. इस अवसर पर भारतीय भाषा आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण भारद्वाज ने कहा कि इस देश की न्याय व्यवस्था न तो उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों के 1113 न्याय मूर्तियों के लिए है, न ही अधिवक्ताओं के लिए. बल्कि यह व्यवस्था देश की जनता के लिए है. उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति और अधिवक्ता इस व्यवस्था के सिर्फ एक महत्वपूर्ण अंग है, इसलिए देश की न्याय व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जिससे जनता को न्यायालयों में होने वाली कार्रवाई समझ में आ जाए. सैकड़ों वर्षो की परतंत्रता के बाद भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ. परंतु आज तक न्याय के क्षेत्र में उसका खुद का तंत्र स्थापित नहीं हो सका.
न्यायालयों से दूर होगी फिरंगी भाषा
देश के उच्च न्यायालय एवं सभी उच्च न्यायालय (राजस्थान, उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश और बिहार के उच्च न्यायालयों को छोड़कर) अंग्रेजी भाषा में ही कार्य कर रहे हैं. अरुण भारद्वाज ने बताया कि आज हनुमान जी को मांगपत्र सौंपकर इस आंदोलन को तीव्र करने का शंखनाद किया गया है. विश्वास है कि जल्दी ही देश के सभी न्यायालय भारतीय भाषाओं में कार्य करेंगे और फिरंगी भाषा न्यायालयों से दूर होगी. वहीं भारतीय भाषा आंदोलन के राष्ट्रीय महामंत्री आशीष राय ने बताया कि 15 अगस्त 2022 में आजादी के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं. भारत सरकार नए भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रही है. हमारी मांग है कि भारत सरकार देश के स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर 15 अगस्त 2022 तक न्यायालयों में अंग्रेजी में कार्य करने के लिए अनिवार्यता को समाप्त करने की व्यवस्था करे.
अयोध्या जिला न्यायालय से शुरू हुई वाहन यात्रा
अयोध्या जिला न्यायालय से शुरू हुई वाहन यात्रा का अमानीगंज आदि स्थानों पर जगह-जगह स्वागत किया गया. इस अवसर पर भारतीय भाषा आंदोलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत वर्मा, राष्ट्रीय मंत्री मृणालिनी खत्री, हरगोविंद उपाध्याय और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रभात रंजन ने लोगों को संबोधित किया.
आंदोलन में अग्रणी भूमिका के लिए उत्तर प्रदेश तैयार
उत्तर प्रदेश की महिला शाखा प्रमुख प्रतिभा सिंह ने कहा कि आज के कार्यक्रम में महिलाओं की सहभागिता आंदोलन को नई दिशा मिलने का संकेत कर रही है. उत्तर प्रदेश इस आंदोलन में अग्रणी भूमिका के लिए तैयार है.
ये लोग रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उच्च न्यायालय के जगदीश प्रसाद मौर्य, सह संयोजक श्रीप्रकाश सिंह, अनीता तिवारी, श्रवण कुमार, डीसी त्रिपाठी, राजेश सिंह, शासकीय अधिवक्ता कृष्ण प्रताप सिंह आदि शामिल रहे.