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रामनगरी में यहां एक साथ होती है आरती और नमाज, जानें क्या है खास - अयोध्या इस्लामिक परंपरा

धर्मनगरी में अगर एकता की मिसाल देखनी होतो आपको पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित किए गए पौराणिक मणिपर्वत आना चाहिए. यहां पर आरती और नमाज एक साथ गूंजती हैं. यहां मुस्लिमों के साथ हिंदू भी माथा टेकने आते हैं. शीश पैगंबर सांप्रदायिक विभेद से ऊपर रामनगरी के वरिष्ठतम बुजुर्ग के रूप में प्रतिष्ठित हैं. यहां पर हिंदू समुदाय के लोग फूल-अगरबत्ती और चादर लिए दुआ मांगते दिख जाते हैं. इतना ही नहीं मुस्लिम समुदाय के लोग मंदिरों में मन्नतें मांगने आते हैं. पेश हैं इस एकता पर ईटीवी भारत की एक खास रिपोर्ट...

रामनगरी की मजार
रामनगरी की मजार
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Published : Feb 17, 2021, 2:50 PM IST

Updated : Feb 17, 2021, 5:01 PM IST

अयोध्या: पूरे विश्व में चर्चा का विषय बनी अयोध्या कई धर्मों को अपने अंदर समेटे हुए है. अयोध्या सर्वधर्म समभाव की नगरी भी है. एक ओर अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मभूमि के रूप में पहचानी जाती है. वहीं जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का जन्म भी यहीं पर हुआ था. मुस्लिम समुदाय के दूसरे पैगंबर हजरत पीर की मजार भी यहीं पर है. सिख पंथ के तीन गुरु भी अयोध्या में ज्ञान की वर्षा कर चुके हैं. भगवान बुद्ध ने 16 चातुर्मास तक प्रमोदबन में तप किया था.

रामनगरी की मजार पर रिपोर्ट
मानवता का दिया संदेश

इस्लामिक परंपरा के अनुसार हजरत आदम के पुत्र हजरत शीश मानवता का संदेश देने के लिए अयोध्या आए थे. पत्नी और चार बच्चों के साथ उनकी मजार अयोध्या के मणिपर्वत के पृष्ठ भाग में मौजूद है. यहां सभी धर्म के लोग श्रद्धा पूर्वक नमन करते हैं.

संतों ने की पूजा

कई प्रसिद्ध संतों ने भी यहां पर पूजा की है. अयोध्या के साकेत निवासी सिद्ध संत स्वामी राममंगल दास महाराज का इस स्थल से गहरा नाता है. वे अक्सर यहां आया करते थे. इस्लामिक आस्था का यह केंद्र भारत ही नहीं एशिया सहित पूरे विश्व के मुस्लिम समुदाय के लिए श्रद्धा का केंद्र हैं. यहां दूर-दूर से पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं.

संपूर्ण मानवजाति के हैं पूर्वज

मुस्लिम विद्वानों के अनुसार हजरत शीश 70 गज के थे. उनकी मजार भी इतनी ही लंबी बताई जाती है. हजरत शीश की पत्नी बीवी हुरैमा, उनके बेटों और हजरत शीश की मुरीद ईरान की शहजादी बीवी जाहिदी की मजार भी पास में ही बनी हुई है. दरगाह के मुतवल्ली सय्यद हेलाल अहमद और गद्दीनशीं मौलाना आसिफ फिरदोसी के अनुसार यह संपूर्ण मानवजाति के पूर्वज हैं.

विकास की है मांग
दरगाह के गद्दीनशीन मौलाना आसिफ फिरदोसी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अयोध्या के विकास के साथ-साथ हजरत शीश पैगंबर की मजार और आसपास के क्षेत्र को विकसित करने की भी मांग की है. दरगाह के गद्दीनशीन मौलाना आसिफ फिरदोसी का दो दिवसीय दौरा 16 फरवरी से आरंभ हो चुका है.

अयोध्या: पूरे विश्व में चर्चा का विषय बनी अयोध्या कई धर्मों को अपने अंदर समेटे हुए है. अयोध्या सर्वधर्म समभाव की नगरी भी है. एक ओर अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मभूमि के रूप में पहचानी जाती है. वहीं जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का जन्म भी यहीं पर हुआ था. मुस्लिम समुदाय के दूसरे पैगंबर हजरत पीर की मजार भी यहीं पर है. सिख पंथ के तीन गुरु भी अयोध्या में ज्ञान की वर्षा कर चुके हैं. भगवान बुद्ध ने 16 चातुर्मास तक प्रमोदबन में तप किया था.

रामनगरी की मजार पर रिपोर्ट
मानवता का दिया संदेश

इस्लामिक परंपरा के अनुसार हजरत आदम के पुत्र हजरत शीश मानवता का संदेश देने के लिए अयोध्या आए थे. पत्नी और चार बच्चों के साथ उनकी मजार अयोध्या के मणिपर्वत के पृष्ठ भाग में मौजूद है. यहां सभी धर्म के लोग श्रद्धा पूर्वक नमन करते हैं.

संतों ने की पूजा

कई प्रसिद्ध संतों ने भी यहां पर पूजा की है. अयोध्या के साकेत निवासी सिद्ध संत स्वामी राममंगल दास महाराज का इस स्थल से गहरा नाता है. वे अक्सर यहां आया करते थे. इस्लामिक आस्था का यह केंद्र भारत ही नहीं एशिया सहित पूरे विश्व के मुस्लिम समुदाय के लिए श्रद्धा का केंद्र हैं. यहां दूर-दूर से पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं.

संपूर्ण मानवजाति के हैं पूर्वज

मुस्लिम विद्वानों के अनुसार हजरत शीश 70 गज के थे. उनकी मजार भी इतनी ही लंबी बताई जाती है. हजरत शीश की पत्नी बीवी हुरैमा, उनके बेटों और हजरत शीश की मुरीद ईरान की शहजादी बीवी जाहिदी की मजार भी पास में ही बनी हुई है. दरगाह के मुतवल्ली सय्यद हेलाल अहमद और गद्दीनशीं मौलाना आसिफ फिरदोसी के अनुसार यह संपूर्ण मानवजाति के पूर्वज हैं.

विकास की है मांग
दरगाह के गद्दीनशीन मौलाना आसिफ फिरदोसी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अयोध्या के विकास के साथ-साथ हजरत शीश पैगंबर की मजार और आसपास के क्षेत्र को विकसित करने की भी मांग की है. दरगाह के गद्दीनशीन मौलाना आसिफ फिरदोसी का दो दिवसीय दौरा 16 फरवरी से आरंभ हो चुका है.

Last Updated : Feb 17, 2021, 5:01 PM IST
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