अयोध्याः पूरे देशवासियों को उस घड़ी का इंतजार है जब राम मंदिर निर्माण का फैसला आएगा. सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि मामले की आखिरी सुनवाई पूरी कर ली है. पीठाधीश्वर परमहंस दास ने कहा कि बाबर इस्लाम के लिए कलंक है और उसका नामोनिशान हिंदुस्तान से मिटा देना चाहिए. ऐसे इंसान का मस्जिद बनाकर हम अपने इस्लाम की तौहीन नहीं कर सकते. वैसे भी यहां हिंदू मुसलमान सभी एक हो गए हैं. ऐसे में हम सभी चाहते हैं कि जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण हो जाए.
पीढ़ियां सिर्फ तारीख पे तारीख पाती थी
तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर परमहंस दास ने आगे कहा कि अब तक हमारी पीढ़ियां सिर्फ तारीख पे तारीख पाती रही हैं. जिस दिन उन्हें लगता था कि बस आज फैसले की आखिरी घड़ी है और राम मंदिर निर्माण दूर नहीं. उस दिन फिर उन्हें एक नई तारीख मिल जाती थी. इस तरह से हमारी पीढ़ी सिर्फ तारीखों में गुजर गई, लेकिन मैं इन सब के बीच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को धन्यवाद देना चाहता हूं. उन्होंने राम मंदिर के फैसले को सुरक्षित रख लिया है.
इंतजार की घड़ी खत्म
अब बस इंतजार है तो उस घड़ी का जब राम मंदिर निर्माण का फैसला आएगा. परमहंस दास ने कहा कि जिस तरह भगवान राम का वनवास 14 वर्ष बाद पूरा हुआ था, वे अयोध्या लौटे थे. इसी तरह मुगलकाल से चल रहे राम भगवान के वनवास की समाप्ति अब कुछ ही दिनों में पूरी हो जाएगी. परमहंस दास ने कहा कि यह मेरी तपस्या का नतीजा है, जो आज देखने को मिल रहा है. जब मैं 12 दिन अन्न-जल त्याग कर अशोक पेड़ के नीचे बैठकर राम मंदिर निर्माण के लिए तपस्या कर रहा था, तब पूरा प्रशासन हिल गया था. जिस तरह माता सीता ने अशोक वाटिका के नीचे बैठकर श्रीराम के लिए तपस्या की थी और उन्हें प्राप्त किया था. उसी तरह मैंने भी 12 दिन अन्न जल त्याग कर अशोक वाटिका के नीचे बैठ तपस्या की.
विवादित स्थान पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती
परमहंस दास ने कहा कुरान में लिखा गया है कि विवादित स्थान पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती है. साथ ही जहां 1 दिन में 3 बार नमाज नहीं पढ़ी गई वहां नमाज अदा नहीं की जा सकती. अगर इस्लाम की दृष्टि से देखा जाए तो यह उचित भी नहीं है. अब जबकि मुसलमान राष्ट्रवादी भी चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो. यहां भारतीय संस्कृति की बात है इसलिए हम सभी को मुसलमान हिंदू को एकजुट होकर के राम मंदिर निर्माण के लिए आगे बढ़ना चाहिए.