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राम मंदिर के भूमि पूजन में ले जाया जा सकता है 1700 वर्ष पुराना हनुमान निशान

अयोध्या में लंबे इंतजार के बाद राम मंदिर निर्माण शुरू होने जा रहा है. 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में 1700 वर्ष पुराने हनुमान निशान को ले जाने की योजना है. हनुमान जी के ध्वज के रूप यह निशान हनुमानगढ़ी में रखा हुआ है.

नींव पूजन कार्यक्रम में ले जाया जा सकता है 1700 वर्ष पुराना हनुमान निशान
नींव पूजन कार्यक्रम में ले जाया जा सकता है 1700 वर्ष पुराना हनुमान निशान
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Published : Aug 3, 2020, 8:58 PM IST

अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. उनके स्वागत और मंदिर के भूमिपूजन के लिए जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम के लिए देश के प्रमुख धार्मिक स्थानों से मिट्टी और पवित्र नदियों का जल अयोध्या ले जाया गया है. वहीं इस बात की भी संभावना है कि अयोध्या की हनुमानगढ़ी में सैकड़ों वर्षों से रखे हनुमान निशान को भी मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में ले जाया जाएगा.

हनुमानगढ़ी के पुजारी महंत राजू दास से बातचीत.
हनुमानगढ़ी के पुजारी महंत राजू दास महाराज ने बताया कि यह 1700 वर्ष पुराना निशान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम है. ऐसे में उनके सुरक्षा प्रोटोकॉल को देखते हुए इसे ले जाने में थोड़ी कठिनाई आ रही है. दरअसल, ध्वज रूपी निशान के साथ बल्लम, गदा और छड़ी में लगा हुआ त्रिशूल आदि चीजें भी जाती हैं. इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से इसे सही नहीं माना जा रहा है. बावजूद इसके यदि कोई विशेष सुरक्षा के प्रबंध किए गए तो इसे जरूर ले जाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के लोगों ने इच्छा जाहिर की है कि यह हनुमान निशान पूजन में लाया जाए. अगर सरकार और ट्रस्ट के लोगों का आदेश मिलेगा तो रामजन्म भूमि पूजन में यह निशान ले जाया जाएगा. हनुमानगढ़ी के बारे में बताते हुए मंहत राजूदास ने ईटीवी भारत को बताया कि यहां साढ़े छह सौ साधु रहते हैं. चार प्रमुख महंत हैं. चार पट्टी में हनुमानगढ़ी विभक्त है. एक गद्दी नशीन हैं. हनुमानगढ़ी के सरपंच के अलावा महासचिव भी हैं.

हनुमानगढ़ी में केवल दो लोग रहेंगे मौजूद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमानगढ़ी का भी दौरा किया. यहां उन्होंने करीब 15 मिनट रुककर पूजा अर्चना की और बजरंगबली के दर्शन किए. हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज 20वीं बार अयोध्या का दौरा किया है. उनके मन में राम जन्मभूमि और अयोध्या रची बसी है. वह यहां की हर व्यवस्था को दुरुस्त रखना चाहते हैं. इसके नाते वह हर स्तर पर तैयारियों का जायजा खुद ले रहे हैं. मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी से अपेक्षा की है कि यहां पर पांच अगस्त को पूजन वाले दिन कम से कम लोग रहें. प्रधानमंत्री मोदी को यहां आना है, लिहाजा कोरोना और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जितने कम लोग रहेंगे ज्यादा अच्छा रहेगा. मुख्यमंत्री योगी का निवेदन है कि दो लोग ही यहां रुककर प्रधानमंत्री मोदी का पूजन कराएं.

अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. उनके स्वागत और मंदिर के भूमिपूजन के लिए जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम के लिए देश के प्रमुख धार्मिक स्थानों से मिट्टी और पवित्र नदियों का जल अयोध्या ले जाया गया है. वहीं इस बात की भी संभावना है कि अयोध्या की हनुमानगढ़ी में सैकड़ों वर्षों से रखे हनुमान निशान को भी मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में ले जाया जाएगा.

हनुमानगढ़ी के पुजारी महंत राजू दास से बातचीत.
हनुमानगढ़ी के पुजारी महंत राजू दास महाराज ने बताया कि यह 1700 वर्ष पुराना निशान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम है. ऐसे में उनके सुरक्षा प्रोटोकॉल को देखते हुए इसे ले जाने में थोड़ी कठिनाई आ रही है. दरअसल, ध्वज रूपी निशान के साथ बल्लम, गदा और छड़ी में लगा हुआ त्रिशूल आदि चीजें भी जाती हैं. इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से इसे सही नहीं माना जा रहा है. बावजूद इसके यदि कोई विशेष सुरक्षा के प्रबंध किए गए तो इसे जरूर ले जाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के लोगों ने इच्छा जाहिर की है कि यह हनुमान निशान पूजन में लाया जाए. अगर सरकार और ट्रस्ट के लोगों का आदेश मिलेगा तो रामजन्म भूमि पूजन में यह निशान ले जाया जाएगा. हनुमानगढ़ी के बारे में बताते हुए मंहत राजूदास ने ईटीवी भारत को बताया कि यहां साढ़े छह सौ साधु रहते हैं. चार प्रमुख महंत हैं. चार पट्टी में हनुमानगढ़ी विभक्त है. एक गद्दी नशीन हैं. हनुमानगढ़ी के सरपंच के अलावा महासचिव भी हैं.

हनुमानगढ़ी में केवल दो लोग रहेंगे मौजूद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमानगढ़ी का भी दौरा किया. यहां उन्होंने करीब 15 मिनट रुककर पूजा अर्चना की और बजरंगबली के दर्शन किए. हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज 20वीं बार अयोध्या का दौरा किया है. उनके मन में राम जन्मभूमि और अयोध्या रची बसी है. वह यहां की हर व्यवस्था को दुरुस्त रखना चाहते हैं. इसके नाते वह हर स्तर पर तैयारियों का जायजा खुद ले रहे हैं. मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी से अपेक्षा की है कि यहां पर पांच अगस्त को पूजन वाले दिन कम से कम लोग रहें. प्रधानमंत्री मोदी को यहां आना है, लिहाजा कोरोना और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जितने कम लोग रहेंगे ज्यादा अच्छा रहेगा. मुख्यमंत्री योगी का निवेदन है कि दो लोग ही यहां रुककर प्रधानमंत्री मोदी का पूजन कराएं.

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