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कोरोना संक्रमण के बीच अयोध्या में रामायण मेला शुरू - four days ramayan fair

राम नगरी में चार दिवसीय 39वें रामायण मेले का शुभारंभ हो चुका है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने दीप प्रज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया.

रामायण मेले का शुभारंभ
रामायण मेले का शुभारंभ
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Published : Dec 18, 2020, 8:05 PM IST

अयोध्या: राम नगरी में चार दिवसीय 39वें रामायण मेले का शुभारंभ कोविड-19 की चुनौतियों के बीच गुरुवार (17 दिसंबर) को हुआ. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती व अयोध्या के सन्त-महंतों ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया. यह मेला 21 दिसंबर तक चलेगा.

रामकथा पार्क में आयोजित होने वाले रामायण मेले में चारों दिन रामलीला, भजन गायन, लोकनृत्य, लोकगायन सहित अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी. श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास रामायण मेला समिति के अध्यक्ष हैं, जबकि वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह महामंत्री हैं.

रामायण मेले को लेकर पूजा पाठ करते संत.
रामायण मेले को लेकर पूजा पाठ करते संत.

राम का मंदिर भव्य और मजबूत बनना चाहिए

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने बताया कि भारत और नेपाल का संस्कार व संस्कृति एक है. अंग्रेजों ने नेपाल को भारत से अलग किया. राम का मंदिर भव्य और मजबूत बनना चाहिए जो कम से कम 1000 वर्ष सुरक्षित रहे. उन्होंने कहा कि सोच विचार करते हुए वास्तु व इंजीनियरिंग व्यवस्था को देखते हुए मंदिर निर्माण हो. मुख्य भाग एक वर्ष में बने, जिसमें रामलला विराजमान हो सकें.

जरूरत पड़ने पर अन्य भूमि को लेने का होगा प्रयास

उन्होंने कहा कि 70 एकड़ भूमि में जीर्णशीर्ण मंदिरों को नए मंदिर बना कर स्थापित किये जायेंगे. 70 एकड़ भूमि से ज्यादा जमीन की जरूरत पड़ी, तो अन्य भूमि को लेने का प्रयास होगा. शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे. जहां रामकथा पार्क में चार दिवसीय रामायण मेले की अध्यक्षता कर दीप प्रज्वलित किया.


संगठित राष्ट्र के लिए रामायण मेला जरूरी

अयोध्या रामायण मेले के शुभारंभ पर मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि कोरोना काल को देखते हुए रामायण मेले में ज्यादा भीड़ नहीं किया गया. राष्ट्र को संगठित करने के लिए रामायण मेले का आयोजन जरूरी है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं और राष्ट्र के लिए राम का चरित्र आवश्यक है. हर घर में रामायण हो और सभी को रामायण पढ़ना चाहिए.

39वें रामायण मेले में सुबह 11 बजे से 1:30 बजे तक रामलीला, 2 बजे दिन से 5 बजे शाम तक संत प्रवचन, 5 बजे से 8 बजे शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. इस अवसर पर दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, महंत जनमेजय शरण, नागा रामलखन दास, नंदकिशोर मिश्र पेड़ा महाराज, विनोद जायसवाल आदि मौजूद रहे.

अयोध्या: राम नगरी में चार दिवसीय 39वें रामायण मेले का शुभारंभ कोविड-19 की चुनौतियों के बीच गुरुवार (17 दिसंबर) को हुआ. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती व अयोध्या के सन्त-महंतों ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया. यह मेला 21 दिसंबर तक चलेगा.

रामकथा पार्क में आयोजित होने वाले रामायण मेले में चारों दिन रामलीला, भजन गायन, लोकनृत्य, लोकगायन सहित अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी. श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास रामायण मेला समिति के अध्यक्ष हैं, जबकि वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह महामंत्री हैं.

रामायण मेले को लेकर पूजा पाठ करते संत.
रामायण मेले को लेकर पूजा पाठ करते संत.

राम का मंदिर भव्य और मजबूत बनना चाहिए

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने बताया कि भारत और नेपाल का संस्कार व संस्कृति एक है. अंग्रेजों ने नेपाल को भारत से अलग किया. राम का मंदिर भव्य और मजबूत बनना चाहिए जो कम से कम 1000 वर्ष सुरक्षित रहे. उन्होंने कहा कि सोच विचार करते हुए वास्तु व इंजीनियरिंग व्यवस्था को देखते हुए मंदिर निर्माण हो. मुख्य भाग एक वर्ष में बने, जिसमें रामलला विराजमान हो सकें.

जरूरत पड़ने पर अन्य भूमि को लेने का होगा प्रयास

उन्होंने कहा कि 70 एकड़ भूमि में जीर्णशीर्ण मंदिरों को नए मंदिर बना कर स्थापित किये जायेंगे. 70 एकड़ भूमि से ज्यादा जमीन की जरूरत पड़ी, तो अन्य भूमि को लेने का प्रयास होगा. शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे. जहां रामकथा पार्क में चार दिवसीय रामायण मेले की अध्यक्षता कर दीप प्रज्वलित किया.


संगठित राष्ट्र के लिए रामायण मेला जरूरी

अयोध्या रामायण मेले के शुभारंभ पर मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि कोरोना काल को देखते हुए रामायण मेले में ज्यादा भीड़ नहीं किया गया. राष्ट्र को संगठित करने के लिए रामायण मेले का आयोजन जरूरी है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं और राष्ट्र के लिए राम का चरित्र आवश्यक है. हर घर में रामायण हो और सभी को रामायण पढ़ना चाहिए.

39वें रामायण मेले में सुबह 11 बजे से 1:30 बजे तक रामलीला, 2 बजे दिन से 5 बजे शाम तक संत प्रवचन, 5 बजे से 8 बजे शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. इस अवसर पर दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, महंत जनमेजय शरण, नागा रामलखन दास, नंदकिशोर मिश्र पेड़ा महाराज, विनोद जायसवाल आदि मौजूद रहे.

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