अयोध्या: जनपद के ग्रामीण क्षेत्र इनायत नगर थाने में दर्ज एक दुष्कर्म के मुकदमे में आरोपी से दुरभि संधि करते हुए दुष्कर्म की धारा निकालकर आरोपी को क्लीन चिट देना विवेचक चौकी प्रभारी बारुन उप निरीक्षक अमित कुमार को महंगा पड़ गया. अपर सिविल जज सीडि द्वितीय/एसीजेएम फैजाबाद भगवान दास गुप्ता ने अभियुक्त को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मुकदमे से 376 आईपीसी की धारा विलोपित करने का आरोपी मान लिया है और उप निरीक्षक अमित कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए विवेचना कराए जाने के आदेश दे दिए हैं.
बताते चलें कि इनायत नगर थाना क्षेत्र निवासी एक पीड़ित महिला द्वारा थाने में आईपीसी के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुकदमे की विवेचना इनायत नगर थाने के उपनिरीक्षक अमित कुमार द्वारा की गई थी और आरोपी बद्रीनाथ निवासी सफदर भारी थाना इनायतनगर को धारा 323, 504, 506 आईपीसी का अपराधी मानते हुए आरोप पत्र बीते 1 अक्टूबर 2021 को न्यायालय में दिया गया था.
इस मामले में पूरी घटना की जांच कर रहे विवेचक ने पीड़ित महिला द्वारा दिए गए 164 के बयान को भी नजरअंदाज कर असत्य मान लिया और मुकदमे से दुराचार की धारा 376 आईपीसी को विलोपित कर दिया गया था. महिला अपराध संबंधी गंभीर मुकदमे में उप निरीक्षक द्वारा आरोपी को क्लीन चिट दिए जाने को न्यायालय ने संज्ञान ले लिया है. साथ ही अपने रीडर को आदेश दे दिया है कि उक्त मुकदमे के विवेचक उपनिरीक्षक अमित कुमार के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर विवेचना कराना सुनिश्चित करें. इस प्रकार से महिला संबंधी गंभीर अपराध के मुकदमे में विवेचक की लापरवाही एवं आरोपी को बचाए जाने का पुख्ता सबूत पत्रावली के अवलोकन से हो गया है. महिला को न्याय न देकर आरोपी को बचाने का विवेचक दeरोगा अब स्वयं आरोपी बन बैठा है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप